Pending Cases In Lokayukt: 3 साल में 17 फीसदी मामले अभियोजन स्वीकृति के लिए लंबित, 474 मामले लोकायुक्त में पेडिंग

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Pending Cases In Lokayukt: 3 साल में 17 फीसदी मामले अभियोजन स्वीकृति के लिए लंबित, 474 मामले लोकायुक्त में पेडिंग

भोपाल: लोकायुक्त पुलिस में पिछले सवा तीन साल में 17 फीसदी मामले अभियोजन स्वीकृति के लिए शासन के पास हैं। इन सभी मामलों की जांच पूरी हो चुकी है और आगे की कार्यवाही के लिए अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है। वहीं इसी अवधि के 68 फीसदी मामले विवेचनाधीन है। जबकि कुछ मामले में न्यायालय में और अन्य कारणों से लंबित हैं।

जानकारी के अनुसार एक जनवरी 2021 से अब तक लोकायुक्त पुलिस में 474 मामले विभिन्न स्थितियों में लंबित हैं। इनमें से कुछ शासन के पास अभियोजन स्वीकृति के लिए भेजे गए हैं। लंबित प्रकरणें में से इस अवधि के 84 मामले में शासन के पास अभियोजन स्वीकृति के लिए भेजे गए हैं, जो वहां से स्वीकृति नहीं मिलने के चलते लंबित हैं। वहीं कुल 474 मामलों में 68 प्रतिशत मामले की जांच लोकायुक्त पुलिस कर रही है। सवा तीन साल में 324 मामले जांच में हैं। इनकी विवेचना जारी है।

इस साल के ये मामले विचाराधीन

इस वर्ष के 19 प्रकरण विवेचनाधीन हैं। इनमें से पुलिस निरीक्षक ज्योति सिंह सिकरवार, अमर बागरी दोनों ही पन्ना जिले के थाना देवेंद्र नगर में पदस्थ थे। इसी तरह इंदौर के थाना सांवेर में पदस्थ कार्यवाहक प्रधान आरक्षक जयवंश सिंह के मामलों के साथ ही तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास एवं रोजगार विभाग जबलपुर के लेखापाल प्रदीप पटेल और त्रिलोक नाथ यादव, पंचायत एवं ग्रामीण विभाग रीवा के सीईओ जनपद पंचायत शैलेष कुमार पांडेय, सीहोर जिले की नसरुल्लांगज के जेलर महावीर सिंह बघेल के खिलाफ भी इन पदस्थापना के दौरान प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। इन सभी के मामलों की जांच चल रही है।