आज गढ़ाकोटा और गोपाल का दिन है…

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आज गढ़ाकोटा और गोपाल का दिन है…

खुद का नाम गोपाल और गणेश के उपासक। वैसे तो गढ़ाकोटा में गोपाल भार्गव ने सिद्धिविनायक मंदिर और संस्कृत विद्यालय की स्थापना की है, जिसमें हजारों छात्र अध्ययन कर चुके हैं और अध्ययन-अध्यापन का यह पुनीत कार्य जारी है। यह पिछले आठ बार से रहली विधानसभा के क्षेत्रीय विधायक और मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री गोपाल भार्गव के सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वाह करने की एक बानगी है। समाज सेवा का सिलसिला उनके जीवन का अभिन्न अंग है और विधानसभा का हर मतदाता उनके सेवाभाव का कायल है। समाजसेवा का यह बीज पूरे परिवार में वट वृक्ष का रूप ले चुका है। इसी का एक रूप है दो दशक से गढ़ाकोटा में हो रहे सामूहिक विवाह सम्मेलन। जहां गरीब कन्याओं का विवाह उनके भैया गोपाल भार्गव बड़ी धूमधाम से कराते हैं। उन्होंने 21 हजार गरीब कन्याओं का विवाह कराने का जो संकल्प लिया, तो सालों से सामूहिक विवाह का साक्षी बन रहा है रहली विधानसभा में स्थित मंत्री गोपाल भार्गव का शहर गढ़ाकोटा। यह उनका विधानसभा में जन-जन के प्रति समभाव ही है कि अपने पुत्र और पुत्री का विवाह भी उन्होंने सामूहिक विवाह सम्मेलन में ही कराकर एक मिसाल पेश की। आज यानि 11 मार्च 2023 का दिन गोपाल भार्गव के जीवन और गढ़ाकोटा के लिए खास और ऐतिहासिक दिन है। आज यहां होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलन में गोपाल भार्गव का 21 हजार विवाह कराने का संकल्प पूरा हो रहा है। आज यहां होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलन में होने वाले विवाह के बाद संख्या 21 हजार को पार कर जाएगी। और गढ़ाकोटा में इस 20वें सामूहिक विवाह सम्मेलन के साक्षी बनेंगे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह और अन्य विशिष्ट‌ हस्तियां। चू्ंकि यह दिन गोपाल भार्गव के जीवन का खास दिन है और महत्वपूर्ण उपलब्धि भरा है, इसलिए यहां 20वें सामूहिक विवाह सम्मेलन में परिणय‌ बंधन में बंधने वाले युगलों को गोपाल के साथ-साथ विशिष्ट‌ हस्तियों का आशीर्वाद तो मिलना ही था।
वैसे इस रहली विधानसभा क्षेत्र में भैया गोपाल भार्गव को समाजसेवी के साथ-साथ विकास पुरुष के रूप में भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में निवास करने वाले कट्टर कांग्रेसी भी इस मामले में गोपाल भार्गव पर गर्व करते हैं कि उनकी वजह से ही क्षेत्र विकास की दृष्टि से आदर्श बन पाया। और जो कांग्रेसी भले ही मत न दें, लेकिन गोपाल भार्गव के प्रति उनका स्नेह भाव बरकरार है। और बात जब क्षेत्र में जीत-हार की होती है, तो दलगत भावना से परे हर व्यक्ति दावा करता है कि इस विधानसभा से जीतेंगे तो गोपाल भार्गव ही। और पिता की दिखाई राह पर पुत्र अभिषेक भार्गव ने भी कदम बढ़ा दिए हैं। सेवा की पूंजी का भंडार गोपाल के पास है, जिसकी वजह से एक विधानसभा चुनाव वह बिना क्षेत्र में जाए ही लड़ चुके हैं।‌ यह भी रिकार्ड बन चुका है। ऐसा शायद ही कोई बिरला राजनेता कर पाया हो। तो सामूहिक विवाह करने के मामले में नंबर वन राजनेता बनकर ग्रीनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुके और अपने ही रिकॉर्ड को तोड़कर नया रिकॉर्ड बनाने जा रहे गोपाल भार्गव अपने क्षेत्र में विकास के मामले में क्षेत्रीय नागरिकों की नजर में नंबर वन हैं। यही वजह है कि वह आठ विधानसभा चुनाव लगातार जीतकर प्रदेश में वरिष्ठतम विधायक हैं। वह 1985 से रहली विधानसभा में लगातार जीत दर्ज कर रहे हैं। 2023 में गोपाल भार्गव नौवीं बार विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरेंगे और उनकी जीत का भरोसा उनके समर्थकों और राजनीतिक विरोधियों सबके सिर चढ़कर बोल रहा है।
प्रदेश की राजनीति में गोपाल भार्गव ने लंबी यात्रा तय की है। विद्यार्थी जीवन से छात्र राजनीति में सक्रिय भार्गव 1970-73 में सागर विश्र्वविद्यालय छात्र संघ में विभिन्‍न पदों पर रहे। 1980-82 में नगर पालिका परिषद गढ़ाकोटा के अध्‍यक्ष बने। छात्रों, बीड़ी मजदूरों एवं किसानों के अनेक आंदोलनों में भाग लिया तथा जेल यात्राएं कीं। 1985 में आठवीं, 1990 में नौवीं, 1993 में दसवीं एवं 1998 में ग्‍यारहवीं विधान सभा के सदस्‍य निर्वाचित हुए। विधान सभा की लोक लेखा, सार्वजनिक उपक्रम, प्राक्‍कलन समिति के सदस्‍य तथा प्रश्‍न एवं संदर्भ समिति के सभापति रहे। भा.ज.पा. जिला सागर के अध्‍यक्ष रहे। सन् 2003 में बारहवीं विधान सभा के सदस्‍य निर्वाचित हुए एवं मंत्री कृषि, राजस्‍व, सहकारिता, धार्मिक न्‍यास व धर्मस्‍व, पुनर्वास, खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण रहे। मध्‍यप्रदेश राज्‍य सहकारी बैंक (अपेक्‍स बैंक), मध्‍यप्रदेश राज्‍य कृषि विपणन बोर्ड (मण्‍डी बोर्ड), मध्‍यप्रदेश एग्रो इण्‍डस्‍ट्रीज डेव्‍लपमेंट कार्पोरेशन, मध्‍यप्रदेश राज्‍य बीज एवं फार्म विकास निगम (सीड कार्पोरेशन), मध्‍यप्रदेश राज्‍य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक, मध्‍यप्रदेश स्‍टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन, मध्‍यप्रदेश राज्‍य सहकारी बीज उत्‍पादक एवं विपणन संघ के संस्‍थापक अध्‍यक्ष रहे। प्राधिकृत अधिकारी मध्‍यप्रदेश राज्‍य सहकारी आवास संघ रहे। 2008 में तेरहवीं विधानसभा के सदस्‍य निर्वाचित एवं मंत्री पंचायत और ग्रामीण विकास तथा सामाजिक न्‍याय विभाग रहे। सन् 2013 में सातवीं बार विधान सभा के सदस्‍य निर्वाचित तदनंतर मंत्री पंचायत और ग्रामीण विकास, सामाजिक न्‍याय एवं नि:शक्‍तजन कल्‍याण, सहकारिता रहे।सन् 2018 में आठवीं बार विधान सभा सदस्‍य निर्वाचित हुए। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर केंद्रीय नेतृत्व ने भार्गव की अजेय पारी को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी। वह 8 जनवरी,2019 से 23 मार्च, 2020 तक नेता प्रतिपक्ष, मध्यप्रदेश विधान सभा रहे। 23 मार्च 2020 को शिवराज सिंह चौहान चौथी बार प्रदेश के मुखिया बने। उसके कुछ माह बाद मंत्रिमंडल विस्तार में पंडित गोपाल भार्गव को लोक निर्माण विभाग मंत्री की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली।
फिलहाल आज का दिन गोपाल भार्गव के जीवन के उस सपने को पूरा करने जा रहा है, जिसका संकल्प उन्होंने बीस साल पहले लिया था। जिसको लेकर मंत्री गोपाल बहुत ही उत्साहित हैं। मील का यह पत्थर उनकी मंजिल कतई नहीं है। सामूहिक विवाह के साथ ही वह क्षेत्र के नागरिकों के सामूहिक स्वास्थ्य और सर्वकल्याण के पुनीत कार्य को हर पल समर्पित हैं। आज गढ़ाकोटा और गोपाल का दिन है…। तो पंडित गोपाल भार्गव और गढ़ाकोटा इस खास दिन के लिए बधाई का हकदार है…मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ आबादी की तरफ से भी उन्हें बहुत-बहुत बधाई। नए विधायकों के लिए वह राजनीति का स्कूल हैं, जिनसे सफल राजनेता बनने के सभी गुर सीखे जा सकते हैं।