ग्लूकोमा जागरुकता अभियान 12 मार्च से होगा शुरू
भोपाल। विश्व ग्लूकोमा सप्ताह 12 से 18 मार्च तक मनाया जाएगा। भोपाल डिवीजनल ओफ्थेलमिक सोसायटी द्वारा जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इसमें काले मोतिया बारे जानकारी, जागरूकता और चेकअप कैंप लगाए जाएंगे। अगर असाधारण सिर दर्द या आंखों का दर्द हो या पढ़ने वाले चश्मों का बार बदलना, आंखों में दर्द और लाली के साथ-साथ नजर का अचानक कमजोर होना गलूकोमा-काले मोतिया के लक्षण हैं। सोसायटी की सचिव डॉ. वसुधा दामले ने बताया कि 19 मार्च को एकांत पार्क से वोट क्लब तक वाहन रैली निकाली जाएगी। शहर के अनेक स्थानों पर निशुल्क जांच केंद्र लगाए जाएंगे।
जांच जरूर कराएं
– डॉ. दामले ने बताया कि फौरन आंखों के विशेषज्ञ डाक्टर से अपनी, आंखें चेक करवाएं और दृष्टि को बचाएं क्योंकि ग्लूकोमा भारत में स्थायी नेत्रहीनता के मुख्य कारणों में से एक अहम कारण है। काला मोतिया का इलाज सफल तरीके से हो सकता है यदि समय पर डाक्टरी सहायता के लिए जाए और पूरा इलाज कराया जाए।
क्या हैं ग्लूकोमा के लक्षण
आंख में उच्च आंतरिक दबाव (इन्ट्राओक्यूलर प्रेशर)
40 वर्ष की उम्र से ऊपर।
बार-बार बदलता चश्मे का नंबर
बल्ब के आसपास इंद्रधनुषी रंग दिखना
पारिवारिक इतिहास
मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियाँ
लंबे समय के लिए काटिकास्टेरायड दवाओं का उपयोग
ग्लूकोमा से बचाव
जीवनशैली में बदलाव
वजन को नियंत्रित रखें
आंखों को चोट से बचाएं
कम्पयूटर पर अधिक समय तक लगातार काम न करें
खाने में नट्स, खट्टे फल, दूध, गाजर, पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें
नियमित आधार पर टेस्ट करवाएं और डॉक्टर के निदेर्शों का पालन करें।