*रमेश सोनी की विशेष रिपोर्ट*
जावरा के बहुचर्चित इश्क के खेला में मुख्य आरोपी निशित जेल की सलाखों में पंहुच चुका हैं।इसी कड़ी में रतलाम के व्यापारी अनुराग जैन को आखिरकार पुलिस ने दबोच ही लिया। अनुराग ने पुलिस को धता बताते हुए व्यापारियों के संगठन के पदाधिकारियों का सहारा लेकर पुलिस को लौटा दिया।इसी बीच पुलिस ने न्यायालय का सहारा लेकर अनुराग जैन के नाम वारंट जारी करवाकर दबोच ही लिया। हराम की दौलत से निशित ने तो बहुत एश-अय्याशी और मजे लिए साथ ही उसने अपने यार-दोस्तों को भी एश करवाया।
अब इस इजी मनि पर एश करने वालों की अब सांसें फुल रहीं हैं। वह पुलिस के डर से भागते फिर रहे हैं,और वकीलों और कानून के जानकारों की दहलीज पर चढ़, उतर रहें हैं। इस इश्क के खेला ने निशित को जेल की चारदीवारी में रात काटने में मजबूर कर दिया,अब न तो उसके यार-दोस्त उसके साथ है न ही रिश्तेदार, बता दें कि हराम के रुपयों पर एश करने वाले उन सभी लोगों को आज नहीं तो कल जेल की दहलीज तक पहुंचना ही पड़ेगा चाहें वह कुछ भी कर लें।व्यापारी की बेटी से निशित ने रुपयों और ज्वेलरी हड़पने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए,कभी ज्योतिष का सहारा लिया तो कभी बातों में उलझाया इस तरह ज्वेलरी लें-लेकर निशित ने अपने संपर्क में रहें उन सभी व्यक्तियों को ज्वेलरी गिरवी रखकर मिलें रुपयों से दुनिया के तमाम एश किए इतना ही नहीं अपने दोस्तों को भी करवाएं।हां उन लोगों की भी इस खेला में उड़ कर लगी जिन्होंने निशित से हराम के गहने औने पौने दाम में गिरवी रखकर खुशियां मनाई।
जब निशित गिरफ्तार हुआं और उसने थाने की चारदीवारी में अपने जुर्म को कबूला और किन किन लोगों से गहने गिरवी रखकर रुपए उठाएं उनके नाम सामने आने पर पुलिस ने उन व्यावसायियों में से कुछ व्यापारियों से माल जप्ती में लिया,और कुछ व्यापारियों ने अपने दबदबे की चारदीवारी बना कर फायदा उठाया लेकिन पुलिस के शिकंजे से आखिर वह बच न सके।
इसी कड़ी में रतलाम के व्यापारी अनुराग जैन को आखिरकार पुलिस ने दबोच ही लिया,अनुराग ने पुलिस को धता बताते हुए व्यापारियों के संगठन के पदाधिकारियों का सहारा लेकर पुलिस को लौटा दिया इसी बीच पुलिस ने न्यायालय का सहारा लेकर अनुराग जैन के नाम वारंट जारी करवाकर दबोच ही लिया।
अब भी पुलिस के चुंगल से दो आरोपी दुर हैं जिसमें मुख्य आरोपी निशित की बहन इशिका और अवधेश हिंगड़ हैं जिन्होंने पुलिस के रिमांड से बचने को लेकर एंटीसेपेट्री बेल (अग्रिम जमानत) उच्च न्यायालय में लगाई थी जो निरस्त हो गई है।अब इन आरोपियों के सामने सिवाय सरेंडर होने के कोई चारा नहीं है।
*क्या था मामला*
रतलाम जिले के बड़ावदा में रहने वाले एक युवक निशित के विरुद्ध जावरा के व्यापारी ने अपनी बेटी के साथ हुएं छलावा और ब्लेकमेल कर घर के 1.35 करोड़ नकद,साढ़े तीन किलो सोना,और 15 किलो चांदी को हड़पने की वजह बताकर 29 जुलाई को जावरा पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था।
मामले में निशित,निशित की बहन इशिका,अवधेश हिंगड़ बड़ावदा,अनुराग जैन रतलाम, अंकित सोनी नागदा को आरोपी बनाया गया था।इनमें से मुख्य आरोपी निशित बड़ावदा ने पुलिस से लुका-छिपी करता रहा और अंततः पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया, दुसरा आरोपी अंकित सोनी नागदा भी गिरफ्तार किया जा चुका हैं,आरोपियों में से निशित की बहन और अवधेश हिंगड़ की गिरफ्तारी अभी बाकी है।
सूत्र बताते हैं कि यह आरोपी इंदौर,रतलाम,मंदसौर में छिपते छिपाते फिर रहे हैं।इनकी गिरफ्तारी पर मामले से संबंधित सबूतों के आधार पर आरोपियों से बचा हुआ सोना और नकदी पुलिस के हाथ लग सकती है।