Cloud Attack: माह मार्च में बेकाबू मौसम परिवर्तन बना चिंता का विषय

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Cloud Attack: माह मार्च में बेकाबू मौसम परिवर्तन बना चिंता का विषय

दिनेश सोलंकी की रिपोर्ट

अक्सर बारिश के बाद शीत ऋतु में पश्चिमी विक्षोभ के चलते भारत के उत्तरी पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी का मौसम शुरु होता है जिससे कई राज्यों में शीत लहर जैसी सम्भावनाएं बनती हैं। वहीं, जब पश्चिमी विक्षोभ आते हैं तो फिर उत्तर भारत के साथ साथ जब ये भारत के मध्य राज्यों से गुजरते हैं तो मावठा जैसी बारिश भी होती है।

लेकिन मार्च माह आते आते केवल ठण्ड का अहसास होता है और बारिश या मावठे की सम्भावना लगभग खत्म हो जाती है। कई बार होली धुलैन्डी तक ठण्ड का तड़का रहता है लेकिन फिर भी बारिश जैसी सम्भावना यदा कदा हो जाती है। लेकिन इस साल मार्च में जिस तरह से मौसम परिवर्तन हो रहा है वह न सिर्फ चौंकाने वाला है बल्कि भविष्य के लिये चिंता का विषय बन सकता है क्योंकि इससे दो बड़ी नुकसानी सामने आ सकती है एक तो खेती उत्पादन पर मार और दूसरा जनस्वास्थ्य में गिरावट… जो इस बार देखने को मिल रही है।

मार्च माह में ऐसा क्यों हो रहा है कि एक साथ कई राज्यों में बादलों का अटैक हो रहा है। कई जगह पर ओलों की बरसात हो रही है तो कई जगह सामान्य से तेज वर्षा आंधी तूफान के साथ चल रही है। पिछले एक माह से मौसम के तापमान में लगातार उतार चढ़ाव भी चल रहे हैं। मौजूदा हालात में इसकी प्रमुख वजह है जहाँ भारत में दो तरफा विक्षोभ का हमला बना हुआ है। सामान्यतया इन दिनों विक्षोभ हमेशा की तरह पश्चिम से आकर भारत में उत्तर-पूर्व की ओर रुख करते रहे हैं। इस कारण भारत के उत्तरी हिमालय क्षेत्रों में अक्सर बर्फबारी होती रहती है और जिसकी ठण्डक नीचे के राज्यों में बनी रहती है।

लेकिन मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, यूपी बिहार जैसे राज्यों में होली के बाद ही गर्मी दस्तक देने लगती है जो अप्रैल के पहले सप्ताह आते आते तेज होने लगती है और लोग कयास लगाने लग जाते हैं कि इस बार गर्मी किस रुप में उनके सामने आने वाली है। लेकिन ऐसा अभी नहीं हो रहा है बल्कि अभी तो बारिश का ही अनसोचा दौर शुरु हो गया है, जिसने लोगों को हैरान परेशान कर रखा है।

इस समय एक साथ कई राज्य बादलों की गिरफ्त में है जहाँ पर अनसोची बारिश ओलों की मार पड़ रही है जिससे किसान वर्ग परेशान हो रहा है और अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ने लगी है।

जहाँ तक सैटेलाइट देखने से पता चलता है तो यह लगता है कि भारत में इस समय दो हमले हो रहे हैं एक तो सामान्यतया पश्चिम दिशा से तो दूसरा दक्षिण अफ्रीका की ओर से बादलों का रैला जो भारत में गुजरात और राजस्थान के रास्ते अन्य प्रदेशों में फैल रहा है।

यही नहीं, भारत के उत्तरी शीर्ष पर बार बार चक्राकार बादल बन रहे हैं जो उत्तरी राज्यों से लेकर पूर्वी राज्यों तक दोपहर बाद अपना गहरा असर दिखा रहे हैं। हालात यह है कि ये दोनों ओर के विक्षोभ भारत में दक्षिण राज्यों पर भी असर दिखा रहे हैं। जबकि दक्षिणी समुद्र में भी दक्षिण-पश्चिम दिशा से आ रहे बादलों का प्रभाव देखा जा रहा है जो दक्षिण-पूर्व से आने वाले बादलों की दिशा भी भ्रमित कर रहा है।

सम्भावना है कि अगले एक सप्ताह तक बादलों का यह नया रुख कई राज्यों में देखने को मिल सकता है। इसके बाद ही तापमान में तेजी से बदलाव देखने को मिल सकता है और अप्रैल के पहले सप्ताह में ही गर्मी का तेज प्रकोप सामने आ सकता है। बहरहाल, किसानों और आम जनता को इस बदलते मौसम से सावधान रहने की जरुरत है जिसकी अनिश्चतता बनी हुई है।