LIFE LOGISTIC :आपके घर में इलाज और सुंदरता बनाए रखने के सभी प्रकल्प है
ईश्वर ने प्रकृति पर हमारे जन्म की रचना बहुत सुंदर ढंग से बनाकर और इसी प्रकृति में हमारे खानपान, स्वास्थ्य और शारीरिक सोष्ठव की सभी चीजें उपलब्ध करा रखी है। कई स्वास्थ्यवर्धक मसाले और वनस्पति हम रोज खाते हैं जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जैसे हल्दी, दालचीनी, कालीमिर्च, लोन्ग अजवाइन आदि तमाम मसाले और वनस्पति में लहसुन, प्याज, अदरक करेला, पालक, मेथी, केर सांगरी, औडवे आदि अनेक सब्जियां हमारे लिए लाभदायक है।
दरअसल बात सिर्फ इतनी है कि हमें यह ज्ञान होना चाहिए की इन मसालों और वनस्पति से हमें क्या लाभ मिलेगा और क्या हानि होगी। आपने देखा होगा घरेलू इलाज और घरेलू नुस्खों का कोई तोड़ नहीं है, यह आज भी मानव जाति के लिए वरदान है।
पहले घर के बुजुर्ग इस ज्ञान को जीवित रखते थे। अब घर भी छोटे हो गए। परिवार भी छोटे हो गए तो यह ज्ञान लुप्त होने लगा। लेकिन युवा पीढ़ी इंटरनेट के माध्यम से इस ज्ञान को पुनः प्राप्त कर सकते हैं। आपका किचन एक मेडिकल स्टोर भी है और आपका ब्यूटी पार्लर भी है। आप पपीता, ककड़ी, खरबूज को जब भी छिलते हैं तो उन के छिलकों को अपने चेहरे पर और हाथ पैर की स्किन पर रगड लें। आपके उनके गुणों का लाभ मिल जाएगा। इसी तरह ग्वारपाठा (alovara) और काली मिट्टी से नहाने से भी आपको कई लाभ मिलते हैं। दूध की मलाई, घी हल्दी का उबटन यह सब आपकी स्किन पर निखार लाते हैं।
छोटे बच्चे से लेकर बड़े यदि सभी रोज आधा घंटा मोबाइल पर सिर्फ यही जानकारी एकत्रित करने में लगा है तो वह स्वस्थ सुंदर रहेंगे और काफी धनराशि की बचत भी होगी।
आजकल हर्बल टी का चलन बहुत ज्यादा प्रचलित हो गया है। hisbis (जिसे हम चाइना रोज कहते हैं), गुलाब, अपराजिता तुलसी, मीठी नीम, अजवाइन के पत्ते, लेमनग्रास आदि की चाय बनाकर उसमें थोड़ा सा नमक या नींबू या शहद मिलाकर पी जाती है। उसमें अदरक या लोन्ग का फ्लेवर भी लिया जा सकता है।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद,)