समग्र आईडी नहीं तो भी परीक्षा में बैठेंगे विद्यार्थी, केन्द्राध्यक्ष कराएंगे प्रमाणीकरण
भोपाल. प्रदेश में अब समग्र आईडी नहीं होंने के कारण किसी भी विद्यार्थी को परीक्षा में बैठने से वंचित नहीं किया जा सकेगा। परीक्षा केन्द्राध्यक्ष की जिम्मेदारी होगी कि वह छात्र को संस्था प्रधान के प्रमाणीकरण के आधार पर परीक्षा में सम्मिलित कराए। राज्य शिक्षा केन्द्र नियंत्रक हरगोविंद खरे ने सभी जिला शिक्षा केन्द्रों के जिला परियोजना समन्वयकों को इस संबंध में कार्यवाही किए जाने के लिए निर्देशित किया है। किसी परीक्षा केन्द्र पर पांच सौ से अधिक परीक्षार्थी दर्ज होने पर अतिरिक्त सहायक केन्द्राध्यक्ष की नियुक्ति भी की जाएगी।
ऐसे सभी बच्चे जिनके पास समग्र आईडी नहीं है उनका परीक्षा में प्रमाणीकरण और परीक्षा में शामिल कराने की जिम्मेदारी अब केन्द्राध्यक्ष की होगी। परीक्षा केन्द्राध्यक्ष नवीन बच्चों को केन्द्र पर बैठने की अनुमति दे सकेंगे लेकिन उन्हें इसकी पूरी जानकारी पोर्टल पर अंकित करनाना होगा।
छात्र को सही विषय, सही माध्यम, सही पाठयक्रम के प्रश्नपत्र सह उत्तरपुस्तिका वितरित कर परीक्षा कराने का उत्तरदायित्व परीक्षा केन्द्राध्यक्ष का होगा। साथ ही इन सभी को पोर्टल पर सही कराने का उत्तरदायित्व भी केन्द्राध्यक्ष का होगा। परीक्षा के दौरान किसी भी परीक्षार्थी, कर्मचारी अथवा केन्द्र पर नियुक्त अधिकारियों को किसी भी परिस्थिति में मोबाइल फोन रखने की अनुमति नहीं होगी। जरुरत पड़ने पर केन्द्राध्यक्ष अपने मोबाइल फोन का उपयोग कर सकेंगे।
परीक्षा केन्द्र पर एनसीईआरटी विकल्प का चयन करने वाले हिंदी एवं अंग्रेजी दोनो माध्यम के परीक्षार्थी दर्ज होंने की स्थिति में परीक्षार्थियों द्वारा प्रथम भाषा चयन की सही जानकारी प्राप्त कर हिंदी, अंग्रेजी की प्रश्न सह उत्तरपुस्तिका परीक्षार्थियों को दी जाए।