वित्तीय अनियमितता पर योजना प्रभारी और जिले के संयुक्त संचालक, उप संचालक जिम्मेदार
भोपाल. राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना का भुगतान अब नई डीजी आईएफएमएस प्रणाली से होगा। योजना में किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमिता पाए जाने पर योजना प्रभारी और जिले के संयुक्त संचालक, उप संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग उत्तरदायी होंगे।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के प्रमुख सचिव प्रतीक हजेला ने सभी कलेक्टरों को नये सिस्टम से काम करने के निर्देश दिए है।
नये सिस्टम में सफल और असफल भुगतान की रिपोर्ट डीजीआईएफएमएस पोर्टल पर उपलब्ध होगी जिसके आधार पर भुगतान की समीक्षा की जा सकेगी। इस योजना का भुगतान बैंक प्रणाली डीजी आईएफएमएस से करने के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को ऑनलाईन प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जिले स्तर पर मेकर और एप्रूवर बनाने एवं हितग्राहियों को पंजीयन करने तथा भुगतान करने की प्रक्रिया से अवगत कराया जा चुका है। यूजर मैन्युअल और यूजर आईडी व पासवर्ड उपलब्ध कराए जा चुके है। अब जो नई कार्यवाही करना है उसके तहत योजना के प्रभारी लिपिक और सहायक का पंजीयन मेकर के रुप में किया जाएगा। जिले के संयुक्त संचालक, उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग का पंजीयन एप्रूवर के रुप में किया जाएगा और एप्रूवर का आधार नंबर अनिवार्यत: दर्ज किया जाएगा।
योजना प्रभारी (मेकर) द्वारा निकायों से प्राप्त स्वीकृत प्रकरणों को जिले के संयुक्त संचालक, उप संचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण (एप्रूवर) के अनुमोदन के उपरांत डीजीआईएफएमएस पोर्टल पर आॅनलाईन दर्ज किया जाएगा अथवा निर्धारित प्रारुप में हितग्राहियों की सूची को अपलोड किया जाएगा।
डीजीआईएफएमएस पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों का आॅनलाईन वेलीडेशन किया जाएगा। इसके बाद मेकर द्वारा भुगतान हेतु प्रकरणों को एप्रूवर को भेजा जाएगा। जिले के संयुक्त संचालक, उप संचालक सामाजिक न्याय जो कि एप्रूवर बनाए गए है वे भुगतान के लिए मिली सूची का परीक्षण कर दस्तावेज से मिलान करने के बाद ईसाईन करेंगे। जिसमें एप्रूवर के आधार नंबर से लिंक मोबाईल नंबर पर प्राप्त ओटीपी को दर्ज करना होगा। ओटीपी के वेलीडेशन के उपरांत बैंक द्वारा भुगतान की कार्यवाही की जाएगी।
एक बार से अधिक भुगतान पर होगी नजर, अनियमितता पर जिले के योजना प्रभारी, संयुक्त,उप संचालक जिम्मेदार-
किसी भी हितग्राही को उसकी पात्रतानुसार ही भुगतान किया जाएगा। इस सिस्टम से इस पर नजर रखी जा सकेगी कि एक हितग्राही को एक ही प्रकरण में एक से अधिक बार भुगतान नहीं हो। वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर योजना प्रभारी एवं जिले के संयुक्त तथा उप संचालक सामाजिक न्याय जिम्मेदर होंगे। भुगतान के बाद सफल, असफल भुगतान की रिपोर्ट भी डीजी आईएफएमएस पोर्टल पर उपलब्ध होगी जिसके आधार पर भुगतान की समीक्षा की जा सकेगी।