CM Helpline की शिकायत पर धमकी,शिकायत बंद करो नहीं तो लाइट काट देंगे
अलीराजपुर से राजेश जयंत
अलीराजपुर:पूरे प्रदेश में जहां सरकार जनजातीय तबके को साधने के लिए नित नए प्रयोग कर रही है वही सरकारी अमले की तानाशाही सरकार के प्रयासों पर भारी पड़ रही है। ग्रामीण क्षेत्र मे समय पर बिजली बिल जमा करवाने वाले लोगों के घरों की बिजली भी सिर्फ इसलिए काट दी जाती है क्योंकि उनके पड़ोसी बिजली बिल जमा नहीं करते ।
विभाग को समय पर बिजली बिल जमा करने वाले लोगों की परेशानी सहित इससे कोई सरोकार नहीं की बच्चों की परीक्षा चल रही है या किसी के घर कोई बीमार है।
गत 17 मार्च को विद्युत विभाग ने जिले के उदयगढ़ मुजाल्दा फलिया की बिजली काट दी । फलिए के जो लोग समय पर बिल जमा करवा रहे थे उन्होंने लाइनमैन और जेई को फोन किया तो किसी ने भी कॉल अटेंड नहीं किया और बाद में इन जिम्मेदारों ने अपने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिये।
इस तरह के रवैये से परेशान होकर किसान कांग्रेस के नेता ज्ञानसिंह मुजाल्दा ने सीएम हेल्पलाइन पर विभाग की तानाशाही और जूनियर इंजीनियर पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवा दी।
ऑनलाइन शिकायत होने के 2 घंटे के अंदर ही विभाग ने रात के वक्त ही लाइट तो जोड़ दी लेकिन शिकायतकर्ता ज्ञानसिंह मुजाल्दा ने असंतोष जाहिर करते हुए शिकायत बंद करने से मना कर दिया। क्योंकि, इससे पहले भी वहां ऐसा हो चुका था। मुजाल्दा विभाग से निवेदन कर चुके थे कि अगर आपको डिफाल्टरों की लाइन काटना हो काटो लेकिन जो लोग समय पर बिजली बिल जमा करवा रहे हैं पहले उनकी व्यवस्था कर दो किंतु विभाग ने निवेदन को रद्दी की टोकरी में डालकर वही किया जो उन्हें करना था।
*फोन और मैसेज पर धमकी*
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद भी जूनियर इंजीनियर ने ज्ञानसिंह मुजाल्दा से संपर्क नहीं करते हुए लाइनमैन से फोन और मैसेज करवाएं कि यदि शिकायत वापस नहीं ली तो वापस से लाइन काट देंगे और शिकायत बंद नहीं होने तक लाइट कनेक्शन नहीं जोड़ेंगे। शिकायत दूसरे स्तर पर है और मुजाल्दा जूनियर इंजीनियर के कार्य व्यवहार से नाखुश होकर उन पर कार्रवाई चाहते हैं। उन्होंने विभाग के इस तानाशाही रवैये पर आक्रोश जताते हुए कहा कि सरकारी विभाग भी भाजपा शासन से परेशान है इसलिए वह अपना आक्रोश जनता पर उतार रहा हैं।
*झाबुआ भाजपा जिलाध्यक्ष ने भी लिया था आड़े हाथों*
बीते दिनों झाबुआ भाजपा जिलाध्यक्ष भानु भूरिया ने भी सोशल मीडिया और प्रेस वार्ता के जरिए प्रशासन पर सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया था। प्रेस वार्ता मे भूरिया ने एमपीईबी को आड़े हाथों लेते कहा था कि परीक्षा का समय चल रहा है और विद्युत विभाग बिना सोचे समझे पूरे गांव फलिए की बिजली काट रहा है। पड़ोसी जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष के आरोप के बाद भी एमपीईबी अपनी तानाशाही पर आमदा है। गौरतलब है कि दोनों जिले के विद्युत विभाग प्रमुख ईई एक ही है।
*घपले का नतीजा*
आम लोगों को परेशानी ना हो और लाइन का कोई भी फाल्ट हो तो तत्काल पकड़ में आ जाए तथा उस दौरान उसने क्षेत्र की ही बिजली बंद रहे इस मंशा को लेकर पूरे प्रदेश में फीडर सेपरेशन का काम करवाया गया था लेकिन जनजातिय, अशिक्षित क्षेत्र में फीडर सेपरेशन के नाम पर हुई घपले बाजी का नतीजा अब आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। अगर व्यवस्थित और सही तरीके से फीडर सेपरेशन किया गया होता तो विभाग को भी पूरे फलिए की बिजली काटने जैसे कदम नहीं उठाना पड़ते। ठेकेदार और विभाग की मिलीभगत के कारण अब नतीजा जनता और विभाग दोनों को ही भुगतना पड़ रहा है।