Where are 359 Stepwells : शहर में अहिल्याबाई काल की 359 बावड़ियां, उनकी खोज की जाए!
Indore : शहर में हुआ हादसा सभी के लिए कई तरह से एक सबक है। बचाव कार्य में जो विलम्ब हुआ, उसे भी ध्यान में रखा जाना जरूरी है। इतनी बड़ी आबादी के लिहाज से शहर को प्रशिक्षित रेस्क्यू टीम की जरूरत है। नगर निगम को भी अपने यहां आधुनिक आपदा प्रबंधन दल और बचाव के संसाधन तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंदौर में अहिल्याबाई के समय जो 359 बावड़ियाँ थी, उनकी खोजबीन की जानी चाहिए। निश्चित रूप से उन पर अतिक्रमण हुआ है और किसी दिन कहीं भी मंदिर जैसा हादसा हो सकता है।
भाजपा नेता और खनिज विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविंद मालू ने कहा कि फायर ब्रिगेड के संसाधन भी आबादी के लिहाज से अपर्याप्त है। कुछ कर्मचारियों के निलंबन से काम नही चलेगा, फुटपाथ और संकरी गलियां खाली करवाएं और जो मार्ग चौड़े हो गए उनके रोड़ तक अतिक्रमण हटवाएं।
आज शहर के व्यापारिक क्षेत्रों में जिस तरह अतिक्रमण होकर गलियों में एक आदमी के निकलने की जगह भी नहीं बची है। जेलरोड, राजबाड़ा क्षेत्र की गलियां, कपड़ा मार्केट, शक्कर बाजार, सराफा और खजूरी बाजार की गलियां ऐसे में यदि कोई हादसा या आपदा के हालात बनते हैं तो क्या स्थिति होगी, इसका सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। इन क्षेत्रों में जमीन दुकान के भाव बढ़ने से छोटी छोटी दुकानें गलियों में निकाल दी। जहां से एक आदमी नहीं निकल सकता, वहां वाहनों का अंबार लगा है। आगजनी या भगदड़ हो जाए तो फायर ब्रिगेड तो जा ही नहीं सकती। निगम प्रशासन को इस तरफ ध्यान देकर अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाना चाहिए।
मालू ने आपने कहा कि नए भवनों की फायर एनओसी के लिए जो लापरवाही जाती है, वह भी किसी दिन भारी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि यह शहर हमारा गौरव है, जो स्वच्छता के मामले में नम्बर वन आता रहा है। इस तमगे को आपदा प्रबंधन में भी नम्बर वन बनाने की जरूरत है। हमारे लिए पहले शहर फिर दलीय राजनीति है।