Cabinet Meeting: फिल्म पर्यटन नीति में होगा बदलाव, जानिए कैबिनेट में आने वाले अहम प्रस्ताव
भोपाल: मध्यप्रदेश की फिल्म पर्यटन नीति में सरकार बदलाव करने जा रही है। इसमें मध्यप्रदेश की विशेष ब्रांडिंग करने के लिए दिया जाने वाला 5 करोड़ रुपए का अनुदान सरकार बंद करने जा रही है ,इसके लिए मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। मंत्रिपरिषद की सहमति के बाद यह प्रावधान खत्म कर दिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2020 में मध्यप्रदेश की नई फिल्म पर्यटन नीति बनाकर लागू की थी। इस नीति में कई तरह की रियायतें देने का निर्णय लिया गया था। फिल्म, वेबसीरीज के निर्माण के दौरान मध्यप्रदेश के स्थानों के प्रचार-प्रसार के लिए अधिक स्क्रीन टाईम के लिए विशेष अनुदान का प्रावधान किया गया था। राज्य में फिल्म शूटिंग के माध्यम से कौशल विकास और रोजगार सृजन के लिए भी रियायत दी गई थी। मध्यप्रदेश को फिल्म निर्माताओं के लिए प्रमुख आकर्षण बनाना एवं निजी निवेश को प्रोत्साहित करने और फिल्म से संबंधित विभिन्न आयोजनों में सहभागिता की जाकर प्रदेश का प्रचार-प्रसार करने पर रियायत और अनुदान देने का प्रावधान मध्यप्रदेश की फिल्म पर्यटन नीति में किया गया था। मध्यप्रदेश की विशेष ब्रांडिंग करने वाली फिल्मों के लिए विशेष वित्तीय प्रावधान भी फिल्म पर्यटन नीति में किए गए थे।
मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार मध्य प्रदेश की विशेष ब्रांडिंग के लिए दिए जाने वाले अनुदान को खत्म करने जा रही है। इस प्रावधान के तहत राज्य सरकार मध्यप्रदेश में बनने वाली फिल्मों के जरिए मध्यप्रदेश की विशेष ब्रांडिंग के लिए मध्य प्रदेश पर आधारित कहानी स्क्रिप्ट पर प्रदेश में फिल्मांकन,फिल्म निर्माण हेतु परियोजना लागत का 50% अधिकतम 5 करोड़ रुपए तक विशेष अनुदान देती है। अब राज्य सरकार इस प्रावधान को खत्म करना चाहती है, इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा और कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह रियायत खत्म हो जाएंगी।
*विशेष प्रावधान का मध्य प्रदेश को नहीं मिल रहा था लाभ _*
मध्यप्रदेश में फिल्में तो बन रही है लेकिन मध्यप्रदेश की विशेष ब्रांडिंग किए जाने संबंधी प्रावधानों का पालन फिल्म और वेबसीरीज निर्माता नहीं कर रहे है। केवल मध्यप्रदेश में फिल्मांकन के आधार पर फिल्म पर्यटन नीति के अनुदान का लाभ उठाने के लिए आवेदन कर रहे थे। इस तरह के आवेदन राज्य सरकार के पास जमकर आ रहे थे। लेकिन का मध्य प्रदेश को कोई फायदा नहीं मिल रहा था। इसलिए राज्य सरकार इस प्रावधान को खत्म करने जा रही है। इससे राज्य सरकार के खजाने से जा रहे धन की बचत हो सकेगी।
*भारतीय किसान संघ और एकात्म शिक्षण समिति को रियायती जमीने-*
राज्य सरकार भारतीय किसान संघ मालवा प्रांत को इंदौर की मलहारगंज तहसील में दस हजार वर्गफीट शासकीय जमीन रियायती दरों पर आवंटित करेगी। इसके साथ ही एकात्म शिक्षण समिति भैसौदा तहसील नलखेड़ा जिला आगर को भैसोदा में शासकीय भूमि ममें से 1.300हेक्टेयर जमीन रियायती दरों पर आवंटित करेगी। इसके लिए भी प्रस्ताव कैबिनेट में लाए जाएंगे।
*पीएम श्री स्कूल की मंजूरी-*
मध्यश्प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग पहली बार पीएमश्री स्कूल शुरु करने जा रहा है। कैबिनेट में इन स्कूलों को शुरु करने के लिए प्रस्ताव रखा जाएगा। चर्चा के बाद इसे मंजूरी दी जाएगी।
*सरकारी हेलीकॉप्टर बेचने निर्णय-*
शासकीय हेलीकॉप्टर बेल 430 और उसके स्पेयर पार्टर्स तथा स्पेयर इंजन को बेचने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। चर्चा के बाद इसे मंजूरी दी जाएगी।
*बुधनी में नवीन चिकित्सा महाविद्यालय-*
बुधनी में सौ एमबीबीएस सीट प्रवेश क्षमता का नवीन चिकित्सा महाविद्यालय, पांच सौ बिस्तर संबद्ध अस्पताल, साठ सीट प्रवेश क्षमता का नर्सिंग महाविद्यालय तथा साठ सीट प्रवेश क्षमता के पैरामेडिकल कॉलेज की स्थापना की प्रशासकीय मंजूरी भी कैबिनेट में दी जाएगी।
*खाद्य विभाग को राशि-*
प्रदेश में समर्थन मूल्य पर विकेन्द्रीयकृत योजना अंतर्गत खाद्यान्न के उपार्जन , पीडीएस और अन्य शासकीय योजनाओं के संचालन और डेफिसिट पूर्ति के लिए नि:शुल्क शासकीय प्रत्याभूमि की स्वीकृति भी कैबिनेट में दी जाएगी।
*इनकी विभागीय जांच और पेंशन रोकने पर फैसला-*
सहकारिता विभाग के तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता भारत सिंह चौहान जिला उज्जैन की पेंशन रोकने पर भी विचार किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग के सेवानिवृत्त कार्यपालन यंत्री आईए शेख और वरिष्ठ लेखा लिपिक रामसुशील ांडे रीवा को देय स्वत्वों और पेंशन से वसूली करने पर भी चर्चा की जाएगी।
देवास जिले के उदयनरगर में पदस्थ सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार बसंती ठाकुर के विरुद्ध विभागीय जांच प्रकरण में पेंशन नियमों के अंतर्गत कार्यवाही करने और पेंशन रोकने पर भी विचार किया जाएगा। इसी तरह वित्त विभाग के जयेष्ठ संपरीक्षक सेवानिवृत्त भानुप्रकाश सक्सेना, सहापयक संपरीक्षक गजानंद बिटानिया, सहायक संपनीक्षक एससी डिगरे सभी सेवानिवृत्त हो चुके है इनकी पेंशन रोकने पर विचार किया जाएगा।