Who Is Responsible For 36 Death’s : निगम कमिश्नर अब कलेक्टर, जिन पर FIR उनके स्वस्थ होने का इंतजार, सांसद ने भी दे दी सफाई!
Indore : रामनवमी के दिन 36 लोगों की अकाल मौत के बाद कल यानी सोमवार का दिन इंदौर के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। क्योंकि, कल ही सुबह उस मनहूस बावड़ी का मुंह बंद कर दिया गया, जो इन 36 लोगों की मौत का कारण बनी और इस वजह से 18 लोग घायल हुए हैं। कल शाम होते-होते नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल को प्रमोट करके रीवा का कलेक्टर बना दिया गया। लोगों को सरकार के इस आदेश पर भारी आक्रोश है।
लोग तो इस पूरे घटनाक्रम में हुई राजनीति पर भी भारी नाराज हैं। वे दोषी नेताओं को तो चुनाव में देखेंगे, पर सरकार ने ब्यूरोक्रेसी को जिस तरह संरक्षण दिया, उससे लोग आश्चर्य व्यक्त कर रहे है। माना कि निगम कमिश्नर का तबादला नियमित प्रक्रिया के तहत किया गया, पर उन्हें बड़ी या छोटी कुर्सी देना तो सरकार के हाथ में था।
वैसे देखा जाए तो अभी तक इस पूरे घटनाक्रम में दो अदने से निगम कर्मचारियों को सस्पेंड करके मात्र खानापूर्ति की गई है। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ FIR की गई और मजिस्ट्रेटी जांच की घोषणा की गई! 36 मौतों और 18 लोगों के घायल होने बदले सरकार और प्रशासन की ये कार्रवाई नगण्य ही कही जाएगी।
म्युनिसिपल एक्ट के तहत निगम कमिश्नर के अधिकार क्षेत्र में होने वाली किसी भी घटना-दुर्घटना का जिम्मेदार अंततः म्युनिसिपल कमिश्नर को ही माना जाता है। इस मामले में तो 3 साल से पहले से पदस्थ कमिश्नर प्रतिभा पाल पूरी तरह अवगत रही है। क्योंकि, निगम ने ही भले ही औपचारिकता के लिए नोटिस तो दिए ही थे, लेकिन उनके द्वारा ऐसा कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया, जिससे यह हादसा ही नहीं होता। शहर में 36 मौतों को लेकर प्रतिभा पाल पर भी उंगली उठी है! लेकिन, सरकार ने रूटीन ट्रांसफर की आड़ में उन्हें रीवा कलेक्टर बना दिया।
प्रतिभा पाल 2012 बैच की IAS अधिकारी हैं। वे करीब 3 साल से इंदौर में पदस्थ हैं। इंदौर हादसे के छह दिन बाद उनका तबादला हुआ। जबकि, देखा गया है, कि जब भी कोई इतनी बड़ी घटना होती है, जन आक्रोश को देखते हुए संबंधित जवाबदार अधिकारी के खिलाफ कुछ न कुछ तो एक्शन होता है। लेकिन, इस मामले में हुआ ठीक उल्टा, जवाबदार अधिकारी को प्रमोट कर कलेक्टर बना दिया गया।
सांसद से भी भारी नाराजी
लोगों को सांसद शंकर लालवानी से भी भारी नाराजगी है, जिन्होंने सफाई देते हुए अपने ऊपर उठी उंगलियों का तो कोई जवाब नहीं दिया। बल्कि, अपने ऊपर लगे सारे आरोपों को कांग्रेस की राजनीति की आड़ में छुपाने की कोशिश जरूर की।
उन्होंने कांग्रेस पर राजनीति करने के आरोप लगाए, पर जिस इलाके में ये घटना घटी, वहां के लोगों के आरोपों को नकार दिया। जबकि, 36 मृतकों और 18 घायलों के परिजनों ने खुलकर सांसद पर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष को संरक्षण देने के आरोप लगाए हैं। सांसद पर यह आरोप भी है, कि वे इंदौर में मृतकों के परिजनों को रोता-बिलखता छोड़ अगले दिन भोपाल में एक कार्यक्रम में स्वागत सत्कार में व्यस्त थे।
जिसे सजा मिलना थी, उसे प्रमोशन
नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल को अब रीवा जिले की नई कलेक्टर बनाया गया। सरकार के इस फैसले पर कल रात से ही सोशल मीडिया पर कमेंट आ रहे हैं, कि उन्हें सजा दी गई या प्रमोशन! लोगों और प्रभावित परिवारों का सीधा आरोप है कि इस हादसे के लिए नगर निगम की ही जिम्मेदार है।
निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल को कोई सजा क्यों नहीं मिली! सिर्फ छोटे स्तर के दो कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया। लोगों का गुस्सा नगर निगम पर है, जिनका कहना था कि निगम अवैध निर्माण पर तो बुलडोजर चलाती है। मंदिर के अवैध निर्माण को सिर्फ नोटिस देकर क्यों छोड़ दिया गया! समय पर कार्रवाई की जाती तो शायद ये घटना ही नहीं घटती!
FIR हुई, पर गिरफ़्तारी नहीं
बावड़ी हादसे के बाद बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली कुमार सबनानी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ट्रस्ट के दोनों पदाधिकारियों के पर आरोप है, कि उन्होंने बावड़ी पर छत डालकर बेहद असुरक्षित निर्माण कराया, जिससे हुए हादसे के कारण 36 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इंदौर नगर निगम ने ट्रस्ट को मंदिर परिसर का अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया था, लेकिन ट्रस्ट ने यह आदेश नहीं माना। आश्चर्य इस बात का है कि दोनों आरोपियों के स्वस्थ होने का इंतजार किया जा रहा है, इसलिए उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया। यदि उन्हें संरक्षण नहीं मिल रहा, तो क्या कारण उन्हें अभी तक औपचारिक रूप से गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया! क्या पुलिस का रवैया सभी आरोपियों के प्रति ऐसा ही रहता है!
प्रभावित लोगों को चिढ़ाने वाली कार्रवाई
श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर हादसे में हुई मौतों से हर कोई गम और गुस्से में है। महिलाओं में इस अवैध निर्माण को लेकर भारी आक्रोश है। लोग चाहते थे कि 36 मौतों के गुनहगार इस निर्माण को ख़त्म किया जाए। सोमवार को वह किया भी गया, पर सिर्फ इतने से बात नहीं बनेगी! लेकिन, लगता है सरकार और भाजपा जनता की नाराजी का सही अनुमान नहीं लगा पा रही! सांसद शंकर लालवानी की अधूरी सफाई और खुद का दामन बचाने की कोशिश के बाद निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल को प्रमोशन दिए जाने को इंदौरवासियों खासकर प्रभावित लोगों को चिढ़ाने जैसी कार्रवाई ही माना जा रहा है! विधानसभा चुनाव के कुछ माह पहले सरकार का ये कदम भाजपा के लिए कहीं नुकसानदेह साबित न हो जाए!