रतलाम चौपाल: CM के कार्यक्रम में जब ठगे रह गए प्रबुद्धजन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रबुद्धजनों से चर्चा कार्यक्रम शनिवार शाम से ही सोशल मीडिया पर वायरल होने पर शहर के प्रबुद्धजनों ने अपने अपने स्तर पर सवाल उठाने की प्रेक्टिस तब घरी की घरी रह गई जब सीएम शिवराजसिंह चौहान 3 घंटों के इंतजार के बाद होटल श्रीजी पैलेस के हॉल में आएं और समय की कमी की वजह से रतलाम जिले के प्रेजेंटेशन और मुख्यमंत्री के संबोधन के साथ ही संवाद कार्यक्रम खत्म कर दिया गया।ऐसे में कार्यक्रम में पहुंचे प्रबुद्धजन अपने आप को ठगा सा महसूस कर रवाना हो गए।
सोशल मीडिया पर भी संवाद कार्यक्रम को लेकर प्रबुद्ध जनों और व्यापारियों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा कि यदि प्रदेश सरकार की उपलब्धियां ही बतानी थी तो स्टेडियम स्थित सभास्थल पर ही प्रबुद्धजनों को बुला लिया होता। वही कांग्रेस ने भी इस आयोजन को लेकर सोशल मीडिया पर चुटकी ली हैं।
भाजपा महिला नेत्री को छुपाना पड़ा मुंह
सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेहरू स्टेडियम कार्यक्रम में एक महिला नेत्री ने पत्रकारों के बैठने के स्थान पर भाजपा की महिला नेत्रियों को बैठा दिया था।जब वहां उपस्थित कुछ पत्रकारों ने उन महिलाओं को कहा कि यह पत्रकारों के लिए आरक्षित स्थान है, यहां मत बैठिए तो वह अपनी आका महिला नेत्री को बुलाकर ले आईं जब उन्हें यह बताया गया तो महिला नेत्री अपने पति देव जो भाजपा के और शहर विधायक के चहेते हैं को बुला लाई और उन महिलाओं को वहीं बैठने के निर्देश दें गए।
कुछ समय बाद पत्रकारों की संख्या बढ़ने पर उन्होंने हंगामा किया और पत्रकार साथी कवरेज नहीं करते हुए कार्यक्रम स्थल से बाहर जाने लगे।तब कहीं जाकर पत्रकारों के लिए आरक्षित स्थान को रिक्त कराया गया।और उन महिलाओं को उठकर जाना पड़ा और महिला नेत्री और विधायक जी के चहेते को मुंह छुपाना पड़ा।
CM के पास कलेक्टर की कुर्सी लगाने पर बरसे प्रभारी मंत्री
रतलाम लाडली बहना योजना के कार्यक्रम में बैठक व्यवस्था को लेकर प्रभारी मंत्री उपस्थित अधिकारियों और आयोजन समिति पर जमकर नाराज हुए।
प्रभारी मंत्री बोले सीएम के बगल में कैसे बिठा दिया कलेक्टर को, वो कुर्सी होती है मंत्री की।साथ ही हवाई पट्टी पर भी एक अधिकारी को खरी-खरी सुनाई।
शहर में बहार आई हैं नशेड़ियों की,बैखौफ बिक रहें हैं मौत के सामान
जिंदगी को मौत के मुहाने पर लें जाने वाले मौत के सौदागर शहर में सक्रिय हैं। शहर के हर गली मोहल्लों में गांजा,चरस,स्मैक और मादक पदार्थों के सौदागरों के मकड़जाल में की जिंदगियां तबाह और बर्बाद होने की कगार पर हैं।इस जानलेवा नशे के शिकार शहर के नामी गिरामी परिवार के युवा हो रहे हैं।जिले में नवागत एसपी को इस जानलेवा आफत पर ध्यान देना समय की दरकार है।इन अवैध कारोबार के सौदागर उजले लिबास में काले कारनामों को अंजाम दे रहे हैं।शहर के मुख्य क्षेत्र के रेडिमेड गारमेंट्ंस की दुकान पर काम करने वाले इन मादक पदार्थों को विक्रय कर रहे हैं।इनका मकड़जाल शहर के प्रतिष्ठानों पर दिखाने के लिए सफेद कारोबार की आड़ में काले कारोबार को अंजाम दे रहे हैं।गांजे, अफीम चरस और अन्य मादक पदार्थों से प्रतिदिन इन मौत के सौदागरों को लाखों रुपए मिल जाते हैं और मौत के दलदल में समा रहे हैं शहर के युवा।नशे के आदि हो चुके लोगों को अवैध रूप से सभी तरह का नशा उपलब्ध करवाने का काम इन कारोबारियों के द्वारा करवाया जा रहा है जिसमें पाउडर से लेकर इसमें स्मैक,चरस,गांजा,शराब आदि की सप्लाई एजेंटों के माध्यम से नगर में कई जगह हो रही हैं।यही स्थिति ग्रामीण अंचलों में भी बनी हुई है शायद आज ऐसा कोई गांव नहीं है जहां पर अवैध रूप से नशे का कारोबार फल-फूल ना रहा हो।
जिन पुलिसकर्मी को इन काले कारनामों का पता है मौत के सौदागर उनकी जेब में वजन रखकर मुंह बंद कर देते हैं।यही कारण है कि नशें के सौदागर बेखौफ अपनी कारगुजारियों को अंजाम देते हैं।कुछ पुलिसकर्मी ऐसे भी हैं जो शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं करते हैं, उल्टा अवैध रूप से नशे का कारोबार करने वालों को इसकी जानकारी दे देते हैं ,जिसकी वजह से वह कार्रवाई से बच जाते हैं।
भूमाफियाओं के विरुद्ध कलेक्टर की कार्यवाही से हड़कंप
पिछले दिनों कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने जावरा की17 कॉलोनियों के 48 अवैध कॉलोनाइजरों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश क्या दिए, जिले भर के भूमाफियाओं में हड़कंप मच गया है।
सूत्र बताते हैं कि अब रतलाम के भूमाफियाओं की कुंडलियों को खंगाला जा रहा हैं जो बनकर तैयार है। सीएम दौरे के कारण
इसकी गति में विराम लग गया था। अब शीघ्र ही दोषी कॉलोनाइजरों पर कार्यवाहीं होना तय हैं।यह तो रतलाम का दुर्भाग्य है कि यहां के माफिया सियासी संरक्षण का सहारा लेकर बच निकलते हैं।
जावरा के मामले में भी इन भूमाफियाओं ने एक विधायक पर कार्यवाहीं करवाने का आरोप लगाया है।मामला जो भी हो अगर कोई गुनाहगार है तो सजा उसे मिलना चाहिए और निर्दोष है तो न्याय उसके साथ है।
वैसे कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी की पैनी नजर से कोई भूमाफिया बच नहीं सकता हैं, यह पक्का है। वहीं रतलाम की 47 कॉलोनियों के 100 से अधिक लोगों पर एफआईआर के लिए निगम द्वारा भेजी गई सूची पर कार्रवाई नहीं होना संदेहास्पद हैं।
पंडित मिश्रा के संविधान संशोधन वाली टिप्पणी से हुआ बवाल
धर्म का पाठ पढ़ाते पढ़ाते पंडित प्रदीप मिश्रा ने संविधान को बदलने की बात कर डाली। पंडित की बात पर उज्जैन में बवाल खड़ा हो गया।देश का संविधान बदलने की बात पर प्रदर्शन ने जोर पकड़ लिया है और पंडित मिश्रा के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग उठने लगी हैं।
अपने आपको चर्चा में रखने को लेकर मिश्रा आए दिन चर्चा का विषय बनते हैं।अजाक्स संगठन ने 8 दिनों में एफआईआर दर्ज नहीं की जाने पर विरोध प्रदर्शन और मिश्रा की कथा में जाकर विरोध दर्ज करने की बात कही है।यह बात समझ से परे है कि पंडित मिश्रा धर्म के उपदेश देते देते अपनी राह से क्यों भटक रहें हैं।