बसंत पाल की विशेष रिपोर्ट
New Delhi : पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों से परेशान लोगों को दिवाली से पहले केन्द्र सरकार ने बड़ी राहत दी। इसके बाद मध्यप्रदेश सहित अधिकांश राज्यों ने भी अपने हिस्से के VAT में कटौती कर केंद्र सरकार से दी गई राहत को बढ़ाया। इसका असर ये रहा कि आज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट देखी गई।
पेट्रोल और डीजल की कम हुई कीमतों का असर सरकार के राजस्व पर पड़ेगा। सरकार पर हर महीने 8,700 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। सीधे शब्दों में इस वित्त वर्ष में सरकार को 43,500 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा। जबकि, पेट्रोल-डीजल की कीमतों इस साल 28 सितंबर से 2 नवंबर तक जमकर तेजी देखने को मिली। 28 सितंबर को पेट्रोल (दिल्ली में) 101.39 रुपए लीटर और डीजल 89.57 रुपए लीटर था। 2 नवंबर को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 110.04 रुपए और डीजल 98.42 रुपए प्रति लीटर पहुंच गया। इन 36 दिनों में पेट्रोल 8.65 रुपए और डीजल 8.85 रुपए प्रति लीटर महंगा हुआ।
*डेढ़ साल में पेट्रोल 38.78 रुपए महंगा*
कोविड की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में लॉकडाउन लगाना पड़ा था। इस वजह से रेल यातायात से लेकर फैक्ट्रियों तक में हर जगह काम प्रभावित हुआ। इसका असर सरकार की कमाई पर भी पड़ा। इस मुश्किल समय पेट्रोल और डीजल से होने वाला राजस्व सरकार के लिए काफी मददगार साबित हुआ। 5 मई 2020 से हाल की कटौती तक पेट्रोल 38.78 रुपए महंगा हो गया। वहीं, डीजल के दाम में 29.03 रुपए लीटर की वृद्धि देखी गई। इस दौरान एक्साइज ड्यूटी के जरिए सरकार ने पेट्रोल पर 32.9 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 31.80 रुपए प्रति लीटर की कमाई की।
*पेट्रोल-डीजल के भाव का गणित*
पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ने के पीछे भी एक गणित है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियां सबसे पहले तेल खरीदती हैं। इसके बाद केन्द्र सरकार द्वारा इस पर एक्साइज ड्यूटी लगाती है। इसके बाद डीलर का अपना कमीशन जुड़ता है और अंत में राज्य सरकारों द्वारा अलग-अलग वैट (Value Added Tax) लगाया जाता है। अब मोदी सरकार ने जो बुधवार को कटौती की है वह एक्साइज ड्यूटी में कटौती हुई है। वहीं, राज्य जो अपनी तरफ से छूट दे रहे हैं वह वैट के जरिए दे रहे हैं। अलग-अलग वैट की वजह से अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग दाम होता है।
*कहाँ, कितनी कटौती हुई*
केंद्र सरकार ने कल रात पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: पांच रुपए और 10 रुपए लीटर की कटौती की। इसके बाद उत्तर प्रदेश में डीजल और पेट्रोल के दाम 7-2 रुपए प्रति लीटर कम करने की घोषणा की गई। मध्यप्रदेश सरकार ने भी कीमतें कम की। केंद्र सरकार के रेट घटाने के बाद 4 नवंबर की सुबह कई जिलों में पेट्रोल 6 और डीजल 12 रुपए से ज्यादा सस्ता हुआ है। इंदौर में पेट्रोल 6.27 रुपये और डीजल 12.91 रुपये सस्ता हुआ है। भोपाल में 4 नवंबर की सुबह पेट्रोल 6.27 रुपये और डीजल के रेट में 12.50 रुपये प्रति लीटर का फर्क आया। मध्यप्रदेश में देश का सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल है। पिछले दिनों बालाघाट में पेट्रोल 120 रुपये का आंकड़े के करीब पहुंच गया था।
गुजरात में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तत्काल प्रभाव से 7 रुपए प्रति लीटर की कमी की गई है। हिमाचल प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम करने की तैयारी चल रही है। असम में 7 रुपए की कमी की घोषणा की गयी है। त्रिपुरा में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 7 रुपए की कमी की गई है। कर्नाटक और गोवा सरकार ने भी अपने-अपने राज्य में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 7-7 रुपए प्रति लीटर की कमी करने की घोषणा की। उत्तराखंड में भी पेट्रोल पर वैट 2 रुपए प्रति लीटर कम करने की घोषणा की गयी। मणिपुर सरकार ने भी तत्काल प्रभाव से पेट्रोल और डीजल पर वैट 7 रुपए कम करेगी। बिहार सरकार ने सबसे कम कटौती की है। बिहार सरकार ने पेट्रोल पर वैट में 1 रुपये 30 पैसे और डीजल की कीमत पर वैट में 1 रुपये 90 पैसे की कटौती की है।