भोपाल. प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव के समर्थकों पर खंडवा लोकसभा का उपचुनाव हारते ही गाज गिरना शुरू हो गई है। उनके एक समर्थक को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पद से मुक्त कर दिया गया है। हालांकि पद मुक्त करने का आदेश विवादों में पड़ गया है। जिस पदाधिकारी को पद से मुक्त किया, उसकी जगह पर एक महीने पहले दूसरे नेता को जिम्मेदारी दे दी गई थी।
प्रदेश कांग्रेस की आईटी एवं सोशल मीडिया विभाग ने अगस्त में असद उद्दीन को खंडवा लोकसभा के लिए सोशल मीडिया विभाग का प्रभारी बनाया था। इन नियुक्ति के साथ ही असद उद्दीन को पार्टी का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर करने की जिम्मेदारी दी गई थी। तब यह माना जा रहा था कि अरुण यादव ही खंडवा लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे, लेकिन बाद में उनके मना करने और पार्टी द्वारा राज नारायण सिंह पूरनी को उम्मीदवार बनाने के बाद प्रदेश कांगेस के प्रभारी महामंत्री राजीव सिंह ने इस पद पर दस अक्टूबर को गौरव जोशी की नियुक्ति कर दी थी।
उन्हें भी सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी दी गई थी। तब यह माना जा रहा था कि अब असद उद्दीन को हटा दिया गया है, लेकिन बुधवार को आईटी एवं सोशल मीडिया विभाग से एक आदेश जारी किया गया। जिसमें असद उद्दीन को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण खंडवा लोकसभा क्षेत्र के सोशल मीडिया समन्वयक के पद से हटा दिया गया। इस आदेश को प्रदेश कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया पेज पर भी अपलोड किया।