तीन साल बाद AICTI ने नये कालेजों को स्थापित करने हटाया बैन

नगर पंचायत में दस और नगर निगम की सीमा में ढाई एकड में खुलेगा इंजीनियरिंग कालेज

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तीन साल बाद AICTI ने नये कालेजों को स्थापित करने हटाया बैन

भोपाल: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद एआईसीटीई ने प्रदेश में नये इंजीनियरिंग कालेजों को खोलने के लिए तीन साल से लगे बैन को हटा दिया है। नये कालेजों को ग्रामीण क्षेत्र में दस एकड और शहरी क्षेत्र में ढाई एकड जमीन की अनिवार्यता होगी। मान्यता और निरंतरता लेने के लिए अंतिम तिथि बीत चुकी है। अब उनकी स्कू्रटनी का कार्य शुरू होगा। मान्यता और निरंतरता के अभाव में कालेज तकनीकी शिक्षा विभाग की काउंसलिंग में भागीदारी नहीं कर पाएंगे।

तीन साल बाद प्रदेश में नये इंजीनियनिंग कालेज स्थापित होंगे। इसके लिए एआईसीटीई ने ग्रामीण क्षेत्र में दस एकड और शहरी क्षेत्र में ढाई एकड जमीन सोसायटी के नाम पर दर्ज होने की अनिवार्यता रखी है। तय मापदंड से एक इंच जमीन भी कम होगी, तो एआईसीटीई नये कालेज को स्थापित होने की मान्यता जारी नहीं करेगा। इसके लिए अधिकारी मीटर से जमीन का मापन करेंगे, जिसकी वीडियो रिकार्डिंग तक की जाएगी। मान्यता मिलने के बाद वे राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में सबद्धता के लिऐ आवेदन कर पाएंगे।

फीस भी नहीं होगी फिक्स
प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति के अध्यक्ष रविंद्र रामचंद्र कान्हेरे का कहना है कि बिना मान्यता और संबद्धता के कालेजों की फीस फिक्स नहीं की जाएगी। इसलिये कालेजों को फीस फिक्स कराने के पहले सभी दस्तावेजों के साथ बैलेंस शीट तक प्रस्तुत करना होगी।

31 जुलाई तक आरजीपीवी देगा संबद्धता
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को 31 जुलाई तक संबद्धता देना होगी। एआईसीटीई का कार्यक्रम मिलने के बाद आरजीपीवी भी संबद्धता देने का कार्यक्रम जारी करेगा। इसमें कालेजों को निरीक्षण किया जाएगा। इसमें खामियां मिलने पर कालेजों को संबद्धता जारी नहीं की जाएगी।