Women Army Officers Will Fire Howitzer Gun : आर्मी की महिला ऑफिसर्स को अब होवित्जर तोप की ट्रेनिंग!
New Delhi : अभी तक होवित्जर तोप और रॉकेट सिस्टम, कमांड रोल के लिए भारतीय सेना के पुरुष ऑफीसर को हो ट्रेनिंग दी जाती थी। पर, अब महिला ऑफिसर्स को भी यह मुश्किल काम सौंपा जाएगा। इसके लिए 150 अतिरिक्त रिक्तियां विशेष रूप से जारी की गई हैं। इससे पुरुष ऑफिसर्स के लिए उपलब्ध रिक्तियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
भारतीय सेना ने इस तरह की ट्रेनिंग देने के लिए कर्नल और उससे आगे के रूप में कमांड और नेतृत्व के रोल के लिए महिला ऑफिसर्स को प्रशिक्षित करने के प्रयास तेज किए हैं। पांच महिला कैडेटों को अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (Officers Training Academy) से पास होने के बाद फ्रंटलाइन आर्टिलरी रेजिमेंट में कमीशन दिया जाना तय किया गया है। ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी की पासिंग आउट परेड 29 अप्रैल को चेन्नई में होगी। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेना ने कई स्तरों पर इस तरह की सीरीज शुरू की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नेतृत्व की भूमिकाओं के लिए महिला अधिकारियों को सशक्त बनाकर बल तेजी से समावेशिता की ओर बढ़े।
महू आर्मी वॉर कॉलेज में विशेष पाठ्यक्रम
सेना के अधिकारी ने बताया कि उदाहरण के लिए, एक विशेष ‘सीनियर कमांड’ पाठ्यक्रम हाल ही में महू में आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित किया गया था, ताकि महिला अधिकारियों को ऑपरेशनल, इंटेलिजेंस, लॉजिस्टिक्स और प्रशासनिक पहलुओं को लेकर कमांड की मजबूती के लिए तैयार किया जा सके।
महिलाओं के लिए अलग वेकेंसियां
इस साल की शुरुआत में एक विशेष चयन बोर्ड के माध्यम से सेना ने 108 महिला अधिकारियों को कर्नल-रैंक में कमांड असाइनमेंट के लिए कई नीतियों में छूट दी थी। अधिकारी ने कहा कि सरकार ने इन महिला अधिकारियों के लिए विशेष रूप से 150 अतिरिक्त रिक्तियां जारी की हैं। इसलिए पुरुष अधिकारियों के लिए उपलब्ध रिक्तियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
महिला ऑफिसर्स होवित्जर तोप चलाएंगी
ओटीए पासिंग आउट परेड के बाद आर्टिलरी रेजिमेंट में पहली बार महिला अधिकारियों को शामिल करने का ये प्रमुख कदम है, जिसमें 280 से अधिक यूनिट हैं जो विभिन्न प्रकार की होवित्जर तोप, बंदूकें और मल्टीपल-लॉन्च रॉकेट सिस्टम को संभालती हैं। शॉर्ट-सर्विस कमीशन (SSC) अधिकारियों के रूप में केवल 10-14 वर्षों के बाद सेवा छोड़ने के लिए मजबूर होने के बजाय, महिला अधिकारियों को 2020-21 से सेना में स्थायी कमीशन (पीसी) मिलना शुरू हो गया था।