Disabled and leprosy patients Honoured : समाज को सही दिशा दिखाती हैं सूरदास जी की रचनाएं : विभाग प्रचारक विजेंद्र गोठी
Ratlam : सूरदासजी का जीवन प्रेरणादायी है,कार्यक्रम का भाव किसी भी प्रकार का हो लेकिन कार्यक्रम को करने के बाद किसी भाषण की आवश्यकता नहीं होती है,क्योंकि इसका नाम ही सक्षम हैं।सक्षम पूरे देश भर के कोने कोने में कार्य करता है,इस प्रकार के कार्यक्रम अवसरों को मानकर होना चाहिए ताकि अलग-अलग प्रतिभाओं का आपस में परिचय हो।आज सूरदास जयंती का कार्यक्रम है,सूरदास का जीवन हमें समझना होगा।देश के इतिहास को देखते हैं तो एक भक्तिकाल आया राजा पृथ्वीराज चौहान के राज्य में चंद्रवरदाई कवि के वंश में सूरदास का जन्म मथुरा की भूमि पर हुआ और पुरा जीवन कृष्ण भक्ति में बिताया।भगवान ने धरती पर जिसको भी जन्म दिया वह सक्षम हैं,उसके अंदर अनेक प्रतिभाएं होती हैं।हो सकता है उसका कोई अंग नहीं हैं तो दूसरी कोई प्रतिभा उसको मिली।हम सूरदास की ही बात करें जो जन्म से दृष्टिबाधित थे लेकिन ईश्वर ने उन्हें लेखन प्रतिभा दी,उन्होंने कृष्ण भक्ति मे डुबकर 16 रचनाएं व बड़े ग्रंथ लिखे और वह आज समाज व जीवन को सही दिशा दिखाने का काम कर रहे हैं।यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक विजेंद्र गोठी ने व्यक्त किए।वह जवाहर नगर स्थित अंबेडकर भवन में दिव्यांगो के सशक्तिकरण हेतु समर्पित राष्ट्रीय संगठन सक्षम संस्था के जिला इकाई द्वारा सूरदास जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता सक्षम सविता प्रकोष्ठ मालवा प्रांत के अध्यक्ष अशोक जैन चौटाला ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी देकर बताया कि जिले मे तहसील स्तर पर संस्था का गठन किया जाएगा।विशेष अतिथि सक्षम के जिलाध्यक्ष राजेश चौहान ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि सक्षम का स्थापना दिवस बड़े स्तर पर मनाया जाएगा।
इस अवसर पर उपस्थित दृष्टिबाधित रोहित वर्मा,दिव्यांग दिलीप सिंह तथा नानालाल ने सुंदर गीतों की प्रस्तुति दी तथा मंदबुद्धि बालिका कुमारी वंशिका ने सुंदर नृत्य कर सबका मन मोह लिया।रतलाम की दृष्टिबाधित कुमारी अनुष्का पंकज दुबे ने अपने मन के उदगार व्यक्त करते हुए बताया कि मैं देहरादून में 12 वीं कक्षा में पढ़ती हूं तथा उत्तराखंड राज्य की और से राष्ट्रीय ब्लाइंड फुटबॉल प्रतियोगिता मे भाग लेती हुं। साथ ही 15 सौ व 5 हजार मीटर दौड़ प्रतियोगिताओं में भी स्कूल की तरफ से भाग लेकर कई पुरस्कार जीते।इसलिए दिव्यांगजनो को किसी भी प्रकार से अपने जीवन से निराश नहीं होना चाहिए ईश्वर ने हमें अन्य कई प्रतिभाएं दी है।मैं सभी दिव्यांगजनो की और से सक्षम संस्था के आयोजकों को धन्यवाद देती हूं और इस प्रकार के आयोजनों से हम लोगों का मनोबल बढ़ता हैं और हमे यह विश्वास होता हैं कि हम इस दुनिया में अकेले नहीं हैंमानसिक मंदबुद्धि की संस्था सारथी की स्वाति सोलंकी का भी इस कार्यक्रम में विशेष योगदान रहा।आयोजन में 6 दृष्टिबाधित,8 दिव्यांगजनो,13 मानसिक मंदबुद्धि बच्चे व 4 कुष्ठ रोगियों का सम्मान कर उन्हें पुरस्कार भेंट किए।इस अवसर पर समाजसेवी दिनेश राठौड़,मनीष शर्मा,कपील चावला,शैलेश पावेचा,मनोहर राठौड़,रवि पवार, नीरज परमार,सुदीप पटेल,संदीप यादव,मोतीलाल चौहान,लकी अरोरा,लक्ष्मी नारायण सुयल, जगदीश जाधव सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।अंत में संस्था के महेन्द्र भरकुंदीया ने आभार व्यक्त किया।