Atiq’s Conspiracy Revealed : खुद पर नकली हमले की अतीक ने क्या साजिश रची, फिर कैसे हुआ असली हमला!

पुलिस की जांच में पता चला, इन तीनों आरोपियों की भूमिका भी संदिग्ध!

1200

Atiq’s Conspiracy Revealed : खुद पर नकली हमले की अतीक ने क्या साजिश रची, फिर कैसे हुआ असली हमला!

 

Lucknow : पुलिस को जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या के साथ एक और मामला जुड़ा है। पुलिस कस्टडी में अतीक के खुद पर हमला कराने की साजिश रची थी। लेकिन, किसी ने डबल क्रॉस कर दिया और रियल हमला हो गया। वह पुलिस कस्टडी में खुद पर हमले का ड्रामा रचकर सुरक्षा बढवाना चाहता था। अपने नजदीक फायरिंग और बमबाजी करा कर सुरक्षा को पुख्ता कराना चाहता था। पर जो हुआ वो उसकी योजना से एकदम उलट था।

अतीक को लगता था कि हमले का ड्रामा होने के बाद न तो कोई दूसरा उसकी हत्या कर पाएगा और न पुलिस एनकाउंटर करेगी। इसके लिए उसने अपने खास शूटर गुड्डू मुस्लिम को जिम्मेदारी सौंपी थी। गुड्डू मुस्लिम ने पूर्वांचल के कुछ बदमाशों से संपर्क भी किया था। साजिश के तहत तय किया गया था कि साबरमती जेल से लाने के दौरान रास्ते या फिर प्रयागराज में किसी जगह पर अतीक अहमद पर हमला किया जाएगा।

ये थी प्लानिंग जो फेल हो गई
साजिश में अतीक अहमद को कोई नुकसान नहीं पहुंचना था। ड्रामे के तहत नजदीक से फायरिंग करना थी और आसपास बम पटकने थे। इसके जरिए यह संदेश देना था कि अतीक अहमद पर उसके विरोधियों ने हमला किया है और उसकी सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए। पुलिस को जांच में यह अहम जानकारी मिली। यह भी पता चला कि अतीक और अशरफ पर हमला करने के लिए पूर्वांचल के कुछ बदमाश प्रयागराज आ भी गए थे।

पुलिस अब इस बात का पता लगाने में जुटी है कि कहीं तीनों शूटर लवलेश, अरुण और सनी को अतीक अहमद के गैंग ने ही तो नहीं बुलाया था। कहीं ऐसा तो नहीं कि गैंग के किसी सदस्य ने गद्दारी करके हमले का ड्रामा करने के बजाए सीधे मारने की सुपारी दे दी हो। कहीं ऐसा तो नहीं कि तीनों शूटर कहीं और से मैनेज हो गए हों और इन्होंने डबल क्रॉस कर दिया! पुलिस का शक इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों सूत्रों ने सरेंडर कर दिया था।

तीनों बार-बार दोहरा रहे हैं कि इन्हें किसी ने भेजा नहीं है और हत्या इन्होंने खुद ही की है। पुलिस अब इस एंगल पर जांच को आगे बढ़ा रही है। जांच पूरी होने पर हो कई और चौंकाने वाले खुलासे सकते हैं। अतीक अहमद इस तरह का ड्रामा साल 2002 में भी रच चुका है। 2002 में कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस कस्टडी में अतीक पर बम से हमला किया गया था। तब अतीक को मामूली चोटें आई थीं। तब भी जांच में साबित हुआ था कि अतीक ने खुद ही हमले का ड्रामा रचा था। लेकिन, इस बार दांव उल्टा पड़ गया।