Took Permission by Giving An Affidavit : भांग औषधियों के बंद 16 कारखानों को चालू कराने के लिए शपथ पत्र!

भांग कारोबार वाली फैक्ट्रियों में नया काम करने का भरोसा दिलाया! 

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Took Permission by Giving An Affidavit : भांग औषधियों के बंद 16 कारखानों को चालू कराने के लिए शपथ पत्र!

इंदौर से गोविंद राठौर की ख़ास रिपोर्ट 

Indore : अवैध भांग के खिलाफ लगातार कार्रवाई से भांग मुनक्का औषधि बनाने की आड़ में अवैध भांग का धंधा करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है। कलेक्टर ने भी शिकायत मिलने के बाद तत्काल कार्रवाई कर इन 16 फैक्ट्रियों को सील करवा दिया था, जो आज भी सील हैं। लेकिन, आश्चर्य इस बात का कि इसके बाद भी अवैध भांग का काम जारी है।

अब भांग मनुक्का औषधि बनाने वालों ने अपनी फैक्ट्री चालू करवाने के लिए नया तरीका ढूंढ निकाला। उन्होंने भांग मिश्रित औषधि नहीं बनाने का शपथ पत्र पेश करते हुए फैक्ट्रियों को खोलने का आग्रह किया है। आबकारी विभाग सूत्रों के मुताबिक भांग और भांग मिश्रित औषधि बनाने वाले अपनी बंद फैक्ट्रियों के संचालक ने यह उल्लेख करते हुए कि उनकी फैक्ट्रियां काफी समय से सील कर दी गई हैं। लेकिन, काम बंद होने के बाद भी उन्हें कर्मचारियों को वेतन आदि का भुगतान करना पड़ रहा है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है।

शपथ पत्र में कहा गया कि ऐसे में वे अन्य कारोबार शुरू करना चाहते हैं और इसके लिए फैक्ट्री की जगह की जरुरत है। हम अब भांग मिश्रित औषधि का कोई भी काम नहीं करेंगे। इस आशय का शपथ पत्र कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। सूत्र बताते हैं कि उनके शपथ पत्र सह आवेदन पर कलेक्टर ने स्वीकृति भी दे दी। इसके बाद आबकारी विभाग ने फैक्ट्रियों को खोलने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है। वो भी इस विश्वास पर कि वहां अब भांग से जुड़ा कोई काम नहीं होगा।

भांग औषधि की आड़ में क्या अवैध काम रुकेगा
भांग औषधि बनाने की आड़ में भांग का अवैध धंधा करने वालों की गुहार पर कलेक्टर ने स्वीकृति दे दी है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या मात्र शपथ पत्र देकर ये फैक्ट्री संचालक अवैध भांग का धंधा बंद कर देंगे! फैक्ट्री खोलने के बाद यदि इनकी फैक्ट्रियों से अवैध भांग पकड़ी जाती है, तो क्या आबकारी विभाग झूठा शपथ पत्र देने की कार्रवाई इन फैक्ट्रियों के संचालक के खिलाफ कर सकेगा। लेकिन, इसका जवाब तो आगे समय ही देगा। कानूनी जानकारों के मुताबिक झूठा शपथ पत्र देने पर 7 साल तक की जेल और भारी जुर्माना लगाए का प्रावधान है।