रिपोर्ट में खुलासा: डेढ़ लाख मरीज बीच में ही इलाज छोड़कर चले गए
भोपाल। अक्सर मरीजों को सरकारी अस्पतालों में ठीक से इलाज न मिलने की शिकायत होती है। लेकिन, यहां उसका उल्टा है। वर्ष 2022 में प्रदेश के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में डेढ़ लाख मरीज बीच में ही इलाज छोड़कर चले गए। इनमें से 40 फीसदी की स्थिति बाद में ज्यादा बिगड़ गई। इनमें कैंसर और टीबी रोगी भी शामिल हैं। एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है इस प्रवृत्ति पर रोक लगाना आसान नहीं है। कई बार मरीज पहले से बेहतर फील कर रहे होते हैं या लंबे समय से अस्पताल में भर्ती रहते हैं, ऐसे लोग इलाज बीच में छोड़कर चले जाते हैं। किसी को आर्थिक तंगी होती है। तो कहीं किसी योजना में इलाज कराने के बाद राशि खत्म होने के बाद बीच में ही छोड़कर चले गए। चिकित्सीय भाषा में इसे लामा कहते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि इस पर निगरानी के लिए सिस्टम की जरूरत है।
हमीदिया से 2022 में चले गए थे 9 हजार
भोपाल के हमीदिया और इंदौर के एमवायएच अस्पताल से 15 हजार से ज्यादा मरीज इलाज के दौरान बीच में ही चले गए। हमीदिया के अलग-अलग विभागों में साल 2022 में ही लगभग 9 हजार लोग बीच में इलाज छोड़ कर चले गए। चिकित्सकों की भाषा में इसे लीव अगेन्स्ट मेडिकल एडवाइज यानि लामा कहते हैं।