Poor Sanitation : 6 साल से सफाई में नंबर-वन, 7वें में हालात अच्छे नहीं!
Indore : स्वच्छता में लगातार छह वर्षों से नंबर-1 शहर के नगर निगम झोन और अन्य कार्यालयों के सामने ही कचरा बिखरा पड़ा है। ऐसे में स्वच्छ भारत मिशन की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। शहर के बीच स्थित पालिका प्लाजा परिसर में कचरा फैला है। नगर निगम के झोन 15 के सामने भी कई दिनों से कचरा और गंदगी पड़ी है।
सफाई के लिए नगर निगम का अमला सुबह 6 बजे से मैदान में उतर जाता है। इसके बाद भी शहर के बीच स्थित पालिका प्लाजा परिसर में कई दिनों से कचरे का ढेर लगा है। नगर निगम का सफाई अमला तो नहीं, बल्कि कचरा बीनने वाले लोग इसमें से जरूरी चीजें बीनते रहते हैं। हालांकि, कचरे से निकाली गई इन अनुपयोगी चीजों को बेचकर ये लोग अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं। इसी में स्थित गीले कचरे नगर निगम बिजली बनाता है और सूखे कचरे का इस्तेमाल अन्य कार्यों में करता है, जिससे नगर निगम को आय (राजस्व) भी प्राप्त होता है। इसके बाद भी नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा।
उधर, नगर निगम के झोन क्रमांक 15 द्रविड़ नगर के सामने स्थित रणजीत हनुमान मंदिर के पीछे स्थित गली में ढेरों कचरा और गंदगी फैली पड़ी है। निगम झोन के सामने होने के बाद भी यहां सफाई नहीं हो रही है। इससे ऐसा लगता है कि जब नगर निगम अपने कार्यालयों के सामने से ही कचरा नहीं उठवा तो शहर में कैसे सफाई करेगा। बंगाली चौराहे के पास की कॉलोनियों में भी सड़कें साफ़ है, जबकि गलियों में कचरा पड़ा रहता है। पानी और ड्रैनेज की नई पाइप लाइन डालने के लिए खुदाई की गई, जिसे कई महीनों बाद भी ठीक नहीं किया गया। सड़कें अब तक खुदी पड़ी है। नगर निगम का पूरा ध्यान दिखावे पर ही ज्यादा लगता है।
कचरा उठाने का शुल्क
कचरे से सिर्फ नगर निगम को कमाई ही नहीं होती, बल्कि शहर से कचरा उठाने अर्थात सफाई के लिए नगर निगम भरपूर टैक्स भी लेता है। इसके लिए घरों का शुल्क अलग है। व्यावसायिक प्रतिष्ठान अर्थात दुकानों से 300 रुपए तक मासिक शुल्क लेता है। इसके बाद भी इस प्रकार शहर में फैला कचरा क्या इशारा कर रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि स्वच्छता के नाम पर ‘लोकधन’ बर्बाद किया जा रहा है।
बदबू से फैलती बीमारियां
कचरे का ढेर लगा रहने से बदबू फैल रही है। इसमें बैक्टिरिया और मच्छर भी पैदा हो जाते हैं, जिनसे मलेरिया, डेंगू और अन्य कई प्रकार की बीमारियां फैल सकती है, लेकिन इसके बाद भी नगर निगम को शहरवासियों के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं है। पालिका प्लाजा स्थित कार्यालय में पहली मंजिल पर स्थित दफ्तर में प्रधानमंत्री आवास योजना का दफ्तर है। इसमें बैठने वाले सुपरिटेंडेंट इंजीनियर महेश शर्मा ही स्वच्छ भारत मिशन के भी सुपरिटेंडेंट इंजीनियर है। उन्हें परिसर में फैला कचरा और गंदगी भी दिखाई नहीं देती। स्वच्छ भारत मिशन के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर ही सफाई पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।