भू अर्जन के न्यायालयीन प्रकरणों को लेकर गंभीर नहीं 15 दफ्तरोंं के अफसर

457

भू अर्जन के न्यायालयीन प्रकरणों को लेकर गंभीर नहीं 15 दफ्तरोंं के अफसर

भोपाल: जलसंसाधन विभाग के अंतर्गत आने वाले पंद्रह कार्यालयों के मुख्य अभियंता और परियोजना संचालक भू अर्जन के न्यायालयीन प्रकरणों को लेकर गंभीर नहीं है। बार-बार इन प्रकरणों की जानकारी मांगे जाने के बाद भी अफसर जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहे है। विभाग के प्रमुख अभियंता ने इस न्यायालयीन प्रकरणों जैसे गंभीर विषयों के प्रति खेदजनक बताते हुए नाराजगी जताई है।

जलसंसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता मदन सिंह डाबर ने सभी विभागों से अगस्त 2022 को भू अर्जन के न्यायालयीन प्रकरणों की जानकारी मंगाई थी। जानकारी नहीं मिलने पर सितंबर 2022 और मार्च 2023 में स्मरण पत्र भी जारी किए गए थे। इसके बाद भी लापरवाह अफसरों ने इन मामलों को गंभीरता से नहीं लिया और कोई जानकारी नहीं भेजी। जहां से जानकारी प्राप्त नहंी हुई उनमें चंबल बेतवा कछार भोपाल, नर्मदा ताप्ती कछार इंदौर, गंगा कछार रीवा, यमुनाकछार ग्वालियर, धसान केन कछार सागर, राजघाट नहर परियोजना दतिया, जलसंसाधन विभाग होशंगाबाद, जलसंसाधन विभाग उज्जैन, वैनगंगा कछार सिवनी के मुख्य अभियंताओं और मोहनपुरा-कुण्डालिया राजगढ़, शामगढ़-सुवासरा पीएमयू इंदौर, बीना परियोजना राहतगढ़ सागर, लोअर ओर परियोजना बामौर कला शिवपुरी, बेतवा परियोजना पीएमयू भोपाल और मां रतनगढ़ पीएमयू मौ जिला भिंड के परियोजना संचालकों ने जानकारियां नहीं भेजी है। सभी को मुख्यालय से इसके लिए फटकार लगाते हुए कार्यप्रणाली सुधारने को कहा गया है।

सभी पंद्रह कार्यालयों के अफसरों से तय फार्मेट में न्यायालयीन भू अर्जन प्रकरणों की जानकारी सभी संभागों से प्राप्त कर ईमेल आईडी पर भेजने, सॉफ्ट और हार्ड कॉपी में भेजने को कहा गया है।

यह जानकारी मांगी-
जिला न्यायालयों में लंबित मामले, उच्च न्यायालय में लंबित मामले, सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मामले, जिला, उच्च और सर्वोच्च न्यायालय में लंबित भूअर्जन के अवमानना प्रकरणों की जानकारी मांगी गई है। इन प्रकरणों में प्रकरण क्रमांक, दिनांक, न्यायालय का नाम, वादी का नाम और पता, प्रविादी का नाम और पता, प्रकरण की संक्षिप्त विषयवस्तु, प्रभारी अधिकारी का नाम, पदनाम और मोबाइल, प्रकरण में जवाबदावा प्रस्तुत किए जाने की स्थिति और दिनांक, प्रभारी अधिकारी की जानकारी, जवाबदावा प्रस्तुत नहीं किया गया है तो उसका कारण भी बताना होगा। प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या है यह भी बताना होगा।