Warning of Tribal MLA : सर्वे के नाम पर आदिवासी विधायकों के टिकट ही क्यों काटे जाते!
Indore : अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा का सबसे ज्यादा फोकस उन आदिवासी सीटों पर है, जो पिछले चुनाव में कांग्रेस ने छीन ली थी। इसी कड़ी में इंदौर संभाग की 27 सीटों में से 19 आदिवासी सीटों के नेताओं को इंदौर में अपनी बात रखने के लिए बुलाया गया। लेकिन, उन्होंने अपनी बात कहने के साथ पार्टी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के सामने एक पूर्व विधायक ने तो कह दिया कि भाजपा आदिवासियों के सबसे ज्यादा टिकट काटती है। ऐसा कौन सा सर्वे है, जिसके आधार पर सिर्फ आदिवासी विधायकों के टिकट काटे जाते हैं और सामान्य-ओबीसी के नहीं। 2018 के चुनाव में 13 मंत्री हार गए, उनका सर्वे में नाम नहीं था क्या? हम लोगों के टिकट काटना बंद करो। अजजा मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास कई बार ट्रांसफर का आवेदन लेकर गया, लेकिन एक भी अफसर का ट्रांसफर नहीं हुआ।
बैठक में मौजूद एक आदिवासी सांसद ने कहा कि हमारी लोकसभा-राज्यसभा की राशि अफसरों ने रोक रखी है, ऐसे में कैसे विकास होगा? एक नेता ने कहा कि सर्वे के नाम पर विधायकों को डराया जा रहा है। हमारी नहीं सुनी तो बगावत हो सकती है। इस पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राजनीति डेरिंग से की जाती है। अफसर सुन नहीं रहा तो सबक सिखाओ, ट्रांसफर कोई समाधान नहीं है।
बैठक में ये नेता पहुंचे
सांसद गजेंद्र सिंह पटेल और सुमेर सिंह सोलंकी, पंधाना विधायक श्री राम दांगोरे, युवा आयोग के अध्यक्ष डॉ.निशांत खरे, पूर्व विधायक नागर सिंह चौहान, कलसिंह भाबर आदि।