ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली बसों और निजी वाहनों पर टैक्स घटाएगी सरकार

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ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली बसों और निजी वाहनों पर टैक्स घटाएगी सरकार

भोपाल: मध्यप्रदेश में ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट  पर चलने वाले चौदह सीटर या अधिक सीटों वाली बसों और निजी सेवा यान के रुप में अन्य राज्यों से जारी अनुज्ञा पत्र पर मध्यप्रदेश में चलने वाले वाहनों पर टैक्स अब सरकार घटाने जा रही है। यह टैक्स अब सात सौ रुपए प्रति सीट प्रति माह से घटाकर दो सौ रुपए प्रति सीट प्रति माह किया जाएगा।

इसी तरह शैक्षणिक संस्था की बस , स्कूल बस के रुप में अन्य राज्यों से जारी अनुज्ञा पत्र पर मध्यप्रदेश में संचालित होंने वाले वाहनों पर अब बारह रुपए प्रति सीट प्रति वर्ष के हिसाब से टैक्स लगेगा।

प्रदेश में 75 सौ किलोग्राम तक भार वाले मालवाहक वाहनों पर टैक्स उनके कानम मूल्य का आठ प्रतिशत होगा। 75 सौ किलोग्राम से अधिक भार वाले वाहन के मानक मूल्य का पांच प्रतिशत टैक्स लिया जाएगा। पहले यह सात प्रतिशत था। इसके लिए सरकार ने आमजन से सुझाव और आपत्तियां बुलाई है। तीस दिन बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।

किसानों के अलावा अन्य व्यक्तियों द्वारा कृषि प्रयोजनों के उपयोग किए जाने वाले ट्रेक्टर-ट्रेलर, ट्रेक्टर-अनुयान, कंबाइन -हार्वेस्टर और पावर ट्रिलर वाहनों पर अब मानक मूल्य का एक प्रतिशत टैक्स लगेगा। पहले इस टैक्स के लिए परिवहन विभाग को बार बार एक दो साल के लिए नोटिफिकेशन जारी करना पड़ता था।

नीलामी में खरीदे गए सरकारी वाहनों पर अब उसकी आयु के हिसाब से टैक्स-
सरकार द्वारा लोक नीलामी के माध्यम से बेचे गए वाहन पर अब उसकी आयु के हिसाब से आजीवन कर लिया जाएगा। पहले ऐसे सरकारी वाहना को नीलामी में खरीदने पर उसके पहले पंजीयन के समय के मूल्य पर लाईफ टाईम टैक्स देना पड़ता था। इसके अलावा अन्य राज्यों से लाए गए पुराने वाहनों पर भी अस्सी प्रतिशत तक टैक्स लिया जाता था। अब एक वर्ष पुराने वाहन पर 93, एक से दो वर्ष के वाहन पर 86, दो से तीन वर्ष के वाहन पर 79, तीन से चार वर्ष पुराने वाहन पर 72, चार से पांच वर्ष के वाहन पर 65, पांच से छह वर्ष पुराने वाहन पर 58, छह वर्ष से सात वर्ष के वाहन पर 51, सात वर्ष से अधिक आठ वर्ष तक 44, आठ वर्ष से नौ वर्ष्ज्ञ तक 37, नौ से दस वर्ष तक 30, दस से 11 वर्ष तक 23 और 11 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों पर सोलह प्रतिशत टैक्स लिया जाएगा।

वाहन डीलरों के लिए स्लैब के अनुसार शुल्क-
वाहन डीलरों को भी व्यापार प्रमाणपत्र लेने अब स्लैब के हिसाब से शुल्क देना होगा। नगर निगम सीमा में मोटरसायकल के लिए पहले बारह हजार रुपए और अन्य वाहनों पर सोलह हजार रुपए, नगर निगम सीमा के बाहर आठ हजार और दस हजार रुपए शुल्क लगता था। अब मोटरसायकल के लिए बीस हजार रुपए प्रति वर्ष, रुपांतरित वाहनों के लिए पांच सौ रुपए प्रति वर्ष, हल्के मोटर वाहन के लिए तीस हजार, मध्यम यात्री वाहन और माल वाहन के लिए चालीस हजार, भारी यात्री वाहन और माल वाहन के लिए पचास हजार, ई रिक्शा के लिए पांच हजार प्रतिवर्ष और अन्य श्रेणी के वाहनों के लिए तीस हजार रुपए प्रति वर्ष शुल्क डीलरों को देना होगा।