No Mistake in UPSC Result : अलीराजपुर की आयशा का दावा गलत, देवास की आयशा UPSC में चयनित!

दो परीक्षार्थियों ने फर्जी दस्तावेजों से चयन का दावा किया, आयोग कार्रवाई करने पर विचार कर रहा! 

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UPSC CSE Result 2022 Announced

No Mistake in UPSC Result : अलीराजपुर की आयशा का दावा गलत, देवास की आयशा UPSC में चयनित!

New Delhi : यूपीएससी-2022 का रिजल्ट आने के बाद मध्यप्रदेश में एक अनोखा मामला सामने आया था। देवास जिले की आयशा फातिमा और अलीराजपुर की आयशा मकरानी का शुरुआती नाम एक है। रोल नंबर भी एक है और उनकी रैंक 184 भी एक है। देवास की आयशा का कहना है कि यूपीएससी उन्होंने पास किया है. उनका रोल नंबर और रैंक सही है। जबकि, अलीराजपुर की आयशा मकरानी का कहना था कि यूपीएससी में मेरा सिलेक्शन हुआ है। हरियाणा के तुषार ने भी ऐसा ही एक दावा किया था। उसने बिहार के समान नाम के परीक्षार्थी के चयन की जगह अपना चयन होने का दावा किया था।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा में कथित रूप से चयन का दावा करने वाले दो उम्मीदवारों आयशा मकरानी और तुषार के खिलाफ आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है। आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए थे। यह मामला आयशा मकरानी (अलीराजपुर) और तुषार (हरियाणा से) से संबंधित है।      उन्होंने फर्जी तरीके से दावा किया कि आयोग द्वारा सिविल सेवा परीक्षा 2022 में वास्तव में अनुशंसित उम्मीदवारों के दो रोल नंबर के विरूद्ध चयन के लिए उनके नामों की सिफारिश की गई है। जबकि, यूपीएससी द्वारा शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया कि दोनों व्यक्तियों के चयन के दावे झूठे हैं। उन्होंने अपने दावों को साबित करने के लिए अपने पक्ष में जाली दस्तावेज बनाए हैं।

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बयान में कहा गया कि ऐसा करके, मकरानी और तुषार दोनों ने केंद्र सरकार (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) द्वारा अधिसूचित सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। बयान के मुताबिक, इसलिए परीक्षा नियमों के प्रावधानों के अनुसार, यूपीएससी दोनों उम्मीदवारों के खिलाफ उनके धोखाधड़ी के कृत्यों के लिए आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है। बयान में कहा गया कि यूपीएससी की प्रणाली मजबूत होने के साथ-साथ पूरी तरह चाक चौबंद है और ऐसी त्रुटियां संभव नहीं हैं।
यूपीएससी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारियों का चयन करने के लिए हर साल तीन चरणों-प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।

अलीराजपुर की लड़की का दावा गलत 
विवरण साझा करते हुए आयोग ने कहा कि अलीराजपुर की सलीमुद्दीन मकरानी की बेटी आयशा मकरानी, जिसने यूपीएससी द्वारा अपने अंतिम चयन की सिफारिश का दावा किया है, पाया गया है कि उसने अपने पक्ष में दस्तावेजों से जालसाजी की। बयान में कहा गया कि आयशा मकरानी का वास्तविक रोल नंबर 7805064 है। उसने 5 जून, 2022 को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में भाग लिया और सामान्य अध्ययन पेपर-एक में केवल 22.22 अंक और सामान्य अध्ययन पेपर-दो में 21.09 अंक प्राप्त किए।

यूपीएससी ने कहा कि परीक्षा नियमों की जरूरत के अनुसार, उसे पेपर- दो में कम से कम 66 अंक प्राप्त करने की आवश्यकता थी। वह न केवल पेपर-दो में क्वालीफाई करने में विफल रही, बल्कि पेपर-एक के कट-ऑफ मार्क्स से भी कम अंक प्राप्त किए हैं। कट-ऑफ मार्क्स वर्ष 2022 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए अनारक्षित वर्ग के वास्ते 88.22 अंक थे। बयान में कहा गया कि इसलिए, आयशा मकरानी प्रारंभिक परीक्षा के चरण में ही विफल हो गई और परीक्षा के अगले चरण में आगे नहीं बढ़ सकी। यूपीएससी के मुताबिक दूसरी और रोल नंबर 7811744 वाले नजीरुद्दीन की बेटी आयशा फातिमा (देवास) वास्तविक उम्मीदवार हैं, जिन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के अंतिम परिणाम में 184वां रैंक हासिल किया है।

हरियाणा के तुषार दावा गलत   
इसी तरह, हरियाणा के रेवाड़ी के बृजमोहन के पुत्र तुषार के मामले में, उसने सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2022 के लिए आवेदन किया था और इस परीक्षा के लिए उसे रोल नंबर 2208860 आवंटित किया गया था। यूपीएससी ने कहा कि वह प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुआ और उसने सामान्य अध्ययन के पेपर-एक में माइनस 22.89 अंक और सामान्य अध्ययन के पेपर-2 में 44.73 अंक हासिल किए. परीक्षा नियमों के अनुसार, उन्हें पेपर-दो में कम से कम 66 अंक प्राप्त करने की आवश्यकता थी। बयान में कहा गया कि इस प्रकार, तुषार भी प्रारंभिक परीक्षा के चरण में ही विफल हो गया और परीक्षा के अगले चरण में आगे नहीं बढ़ सका।

बयान में कहा गया कि यह पुष्टि की जाती है कि बिहार के निवासी अश्विनी कुमार सिंह के पुत्र तुषार कुमार जिनका रोल नंबर 1521306 है, वास्तविक उम्मीदवार हैं, जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 44 वां रैंक हासिल किया है। आयोग ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में इन दोनों के बारे में काफी खबरें आई हैं। बयान में कहा गया कि ऐसे मीडिया चैनल में से एक ने गैरजिम्मेदाराना ढंग से खबर दी कि यूपीएससी ने उपरोक्त दोनों मामलों में से एक में अपनी गलती को सुधार लिया है और इस मामले की जांच कर रहा है कि ऐसी त्रुटि कैसे हुई।

आयोग ने की मीडिया की निंदा 
बयान में कहा गया है कि कई अन्य मीडिया चैनल और सोशल मीडिया पोर्टल ने भी बिना किसी सत्यापन के इस खबर को प्रसारित किया. यूपीएससी ने कहा कि उक्त मीडिया चैनल ने गैर पेशेवराना रुख को प्रदर्शित किया। बयान में कहा गया कि यह दोहराया जाता है कि कथित प्रकृति की ऐसी किसी भी त्रुटि को दूर करने के लिए यूपीएससी की प्रणाली मजबूत और चाक चौबंद है। मीडिया से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने प्रिंट/चैनल के माध्यम से ऐसे फर्जी दावों के समाचार प्रसारित/प्रकाशित करने से पहले यूपीएससी से ऐसे दावों की सत्यता की पुष्टि करें।