Samadhan Online : मुख्यमंत्री ने 11 लंबित  प्रकरणों का निराकरण(solution) करवाया

बिना निराकरण के प्रकरण बंद करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश

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Samadhan Online : मुख्यमंत्री ने 11 लंबित  प्रकरणों का निराकरण(solution) करवाया

Bhopal : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने सभी  कलेक्टरों को निर्देश दिए कि समाधान ऑनलाइन (Samadhan Online), सीएम हेल्पलाइन (CM Help Line) और जनसुनवाई (Jansunwai) जैसे माध्यमों का उपयोग नागरिकों की समस्याओं के निराकरण में किया जाए।

CM ने आज के प्रकरणों में कई कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की। मुख्यमंत्री ने कहा शिकायतकर्ता के आवेदन को बिना निराकरण के प्रकरण बंद करने वाले (Forcefully Close) अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों के शिकायतकर्ताओं के 11 लंबित  प्रकरणों का निराकरण करवाया। इन जिलों में भोपाल, इंदौर, दतिया, निवाड़ी, डिंडोरी, दमोह आदि शामिल हैं।

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मुख्यमंत्री ने आज समाधान ऑनलाइन (Samadhan Online) में कुछ प्रकरणों में दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की। शिवपुरी जिले आवेदक बालकृष्ण को जनकल्याण योजना की अनुग्रह सहायता राशि प्रदान न करने और विलंब के दोषी जनपद पंचायत करैरा के लेखापाल रामचरण कुशवाहा, सुरेश गुप्ता, शाखा प्रभारी केके गुप्ता, सहायक विस्तार अधिकारी बलवंत सिंह कदम और तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी मनीषा चतुर्वेदी को कारण बताओ नोटिस दिए।

मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर (Madhya Pradesh University of Medical Sciences Jabalpur) के आवेदक संजय कुमार साकेत को समय पर मार्कशीट प्राप्त न होने पर विश्वविद्यालय के अधिकारी डॉ बीबी सिंह और डॉ वृंदा सक्सेना को कारण बताओ नोटिस दिए गए।

CM के निर्देश पर इंदौर के आवेदक सूरज को गृह निर्माण मंडल (Housing Board) के भूखंड मिलने में विलंब के प्रकरण में कार्यपालन यंत्री मनोज शेवाले, सहायक यंत्री संजय कुमार जैन को कारण बताओ नोटिस जारी किए।

टीकमगढ़ जिले के आवेदक ओम प्रकाश केवट के प्रकरण में जनपद पंचायत द्वारा BPL Card की पात्रता पर्ची में सदस्यों के नाम न जोड़े जाने के दोषी ग्राम पंचायत सचिव अरविंद खंगार को निलंबित करने के निर्देश दिए।

CM ने दमोह जिले के आवेदक नरेंद्र पाल लोधी के प्रकरण में परिवार सदस्य को प्रसूति सहायता राशि (Maternity Aid Amount) न मिलने पर विकास खंड चिकित्सा अधिकारी, कार्यक्रम प्रबंधक और  लेखा प्रबंधक की एक-एक वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए।

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सभी कलेक्टर प्रयास करें

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि समाधान ऑनलाइन, सीएम हेल्पलाइन और जन सुनवाई आम जनता की सहायता के लिए एक किस्म का पैकेज है।

जब इन माध्यमों की शुरुआत की गई तो निराकरण का प्रतिशत कम होता था। कोरोना काल में भी इस तरह के आवेदनों के निराकरण में कमी आई थी। लेकिन, अब स्थितियां सामान्य होते ही इस गति को बढ़ाना है।

CM ने कहा कि सभी कलेक्टर इसके लिए प्रयासरत रहें और आवश्यक समन्वय कर विभागों में आए नागरिकों के आवेदन पत्रों का निराकरण, प्राथमिकता और तत्परता से किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की समस्याओं को हल करने में जिन जिलों ने इन माध्यमों का उपयोग करते हुए अच्छा कार्य किया है, उन्हें मुख्यमंत्री ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि मैं आगामी माह जिलों के परफॉर्मेंस की समीक्षा (Performance Review) करूंगा। इस एक माह में प्रत्येक जिला अपना परफॉर्मेंस बेहतर बनाने का प्रयास करे। जो जिले नागरिकों की समस्याओं के समाधान के कार्य में बहुत पिछड़े हैं, वहां अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने आज मंत्रालय से ‘समाधान ऑनलाइन’ के अंतर्गत प्रदेश के नागरिकों की समस्याओं के समाधान को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों और वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश भी दिए। समाधान ऑनलाइन के अवसर पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ,अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार ,आयुक्त जनसंपर्क सुदाम खाडे भी उपस्थित थे।

 

मुख्यमंत्री ने प्रमुख निर्देश भी दिए जो इस प्रकार हैं।

* बैंकों में लंबित प्रकरण स्वीकृत हों!

* वित्त विभाग भी समन्वय करे।

* शासकीय योजनाओं में ऋण मंजूरी में विलंब न हो।

* राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की आगामी बैठक में यह मुद्दा भी एजेंडा में शामिल हो, ताकि ऋण प्रकरण स्वीकृत होने में देर न हो।

* जनता की समस्याओं के समाधान का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता हो। * निश्चित समय सीमा में कार्य हो।

* राजस्व प्रकरण भी लंबित न हों, प्रत्येक स्तर पर हो।

* सत्यापन प्रक्रिया ऐसी हो कि नागरिकों को दिक्कत न हो।

* लोगों की समस्याओं सुलझाने में विलंब के दोषी अधिकारी, कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही हो।

* आवश्यकता अनुसार आवेदकों को विधिक सहायता भी दिलवाई जाए।

* आवेदक को संतुष्टि अवश्य हो, इसे सभी विभाग सुनिश्चित करें।

* दोष सिद्ध होने पर निलंबन, वेतन वृद्धि रोकने और कारण बताओ नोटिस की कार्यवाही की जाए।

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