Indore : पेट्रोल और डीजल पर से एक्साइज ड्यूटी और टैक्स कम करके केंद्र और राज्य सरकार ने लोगों को खुश कर दिया हो, पर इससे पेट्रोल पंप संचालक दुखी हैं। अनुमान के मुताबिक इंदौर के पंप संचालकों को तीन दिन में 12 करोड़ का नुकसान हुआ! देशभर के पेट्रोल डीलर्स को सरकार के इस फैसले से करीब 3 हज़ार करोड़ रुपए का घाटा झेलना पड़ा है। आल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (All India Petroleum Dealers Association) ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) को पत्र लिखकर इस नुकसान की तरफ ध्यान देने की गुहार लगाई है। एसोसिएशन ने लिखा, कि देश के पेट्रोल पंप संचालकों को सरकार के इस कदम से जो नुकसान हुआ, उसकी पूर्ति की जाए।
इस संबंध में कोई सुनवाई होते न देखकर इंदौर समेत मध्यप्रदेश के सभी पेट्रोल पंप मालिकों ने आंदोलन पर विचार शुरू कर दिया। इंदौर पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (Indore Petrol Dealers Association) के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह वासु के मुताबिक, दिवाली के दौरान पेट्रोल-डीजल सप्लाई करने वाले टैंकरों का परिचालन बंद रहता है। इस कारण पंपों पर तीन दिन से ज्यादा का स्टॉक एडवांस पेमेंट करके रखा जाता है। सरकार के फैसले के बाद हमें महंगे खरीदे पेट्रोल और डीजल को कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है। पेट्रो प्रोडक्ट के सस्ते होने से जनता को राहत मिली, हमें उसकी खुशी है। लेकिन, हमारी परेशानी है कि सरकार और पेट्रोलियम कंपनियों हमसे पहले ही टैक्स वसूल चुकी है। जब ये कटौती हुई पेट्रोल पंपों पर करीब 80 लाख लीटर ईंधन का स्टॉक था।
3 नवंबर को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की घोषणा सरकार की ओर से की गई थी, इसके बाद 4 नवंबर को राज्य सरकार ने भी VAT और अतिरिक्त टैक्स कटौती करने की घोषणा कर दी। जिसके बाद जनता के लिए डीजल 17 रुपए और पेट्रोल लगभग 11.60 रुपए सस्ता हो गया। लेकिन, इसका नुकसान पंप संचालकों को झेलना पड़ा।