Congress CM Face: गोविंद सिंह ने लोगों के बहाने खुद को भी CM पद का दावेदार बताया!
Bhopal : जो लोग अभी तक बीजेपी में ही असंतोष और अंतर्कलह की कहानियां सुन रहे थे। उन्हें यह जान लेना चाहिए कि कांग्रेस में भी हालात उससे अलग नहीं है। कांग्रेस में मुख्यमंत्री के फेस को लेकर खींचतान मची है।कमलनाथ समर्थक बार-बार दावा कर रहे हैं कि पार्टी हाईकमान ने कमलनाथ को अगले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का फेस तय कर दिया है। जबकि, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह इस बात को खारिज करते हैं। उन्होंने ग्वालियर में मीडिया के सामने साफ कर दिया कि कांग्रेस में पहले से मुख्यमंत्री का फेस तय करने की परंपरा नहीं है। वे घुमा फिराकर यह कहने से भी नहीं चूके कि लोग तो मुख्यमंत्री के रूप में मेरा भी नाम लेते हैं। इस तरह गोविंद सिंह ने खुद को भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार बता दिया।
इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने बयान देकर नया विवाद छेद दिया। उन्होंने कहा कि लोग तो इस पद के लिए उनका भी नाम लेते हैं। सोमवार को राहुल गांधी से दिल्ली में मीडियाकर्मियों से इस बारे में पूछा था तो उन्होंने जवाब टाल दिया था। इसके बाद से सीएम कैंडिडेट को लेकर लगातार बयान आ रहे हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में हुई मीटिंग से लौटे गोविंद सिंह से जब मीडिया ने सीएम फेस के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि लोग तो उनका भी नाम लेते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी पद के दावेदार नहीं हैं।
ग्वालियर में गोविंद सिंह ने कहा कि वे कांग्रेस के नेता नहीं कार्यकर्ता हैं। पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि हर इलाके के लोग अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। छिंदवाड़ा के लोग कमलनाथ का नाम लेते हैं तो उनके समर्थक भी उन्हें इस पद पर देखना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है। कांग्रेस में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री रैंडिडेट घोषित करने की परंपरा नहीं है।
इस बार कोई सिंधिया धोखा नहीं दे सकेगा
मध्य प्रदेश में 150 सीटें जीतने के राहुल गांधी के दावे के बारे में पूछे जाने पर गोविंद सिंह ने कहा कि इस बार उनकी पार्टी की सरकार बनना तय है। कांग्रेस इतनी सीटें जीतेगी कि कोई सिंधिया धोखाधड़ी करने की सोच भी नहीं सकेगा। महाकाल लोक के निर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार कार्रवाई क्यों नहीं कर रही। गुजरात की जिस कंपनी को ठेका दिया गया, उसने एग्रीमेंट गुजराती भाषा में किया। एमपी के लोगों को वह एग्रीमेंट कैसे समझ आएगी। गोविंद सिंह ने उज्जैन के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को भी आड़े हाथों लिया। कलेक्टर ने कहा था कि महाकाल लोक मामले में जांच की कोई जरूरत नहीं है। गोविंद सिंह ने कहा कि ये बयान ही इशारा करता है कि निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार हुआ है।