Initiative : MLA सिसोदिया की पहल रंग लाई, मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

अब प्रदेश की सभी बैंक शाखाओं में हितग्राहियों के खातों में राशि अंतरण होगी 

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मंदसौर से डॉ. घनश्याम बटवाल की ख़ास ख़बर

Mandsaur :  विधायक यशपालसिंह सिसोदिया (MLA Yashpal Singh Sisodia) के पत्र पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संज्ञान लेते हुए प्रदेश के सभी निजी और सार्वजनिक बैंकों को निर्देश जारी किए हैं कि बैंक पासबुक में खाता क्रमांक और आईएफएससी कोड को स्पष्ट और बड़े अक्षरों में दर्ज किया जाए। प्रदेश की सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र, सहकारी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों एवं स्मॉल फाइनेंस बैंक द्वारा पासबुक में खाता क्रमांक (Account Number in Passbook) और आईएफएससी कोड (IFSC Code) छोटे और अस्पष्ट लिखे पाए जाने के कारण शासन की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं (Beneficiary Oriented Schemes) की राशि हितग्राहियों (Beneficiaries) के खातों तक पहुंच नहीं पा रहीं। ऐसे में हितग्राही राशि का इंतजार ही करता रह जाता। इसके अलावा सामान्य बैंकिंग कामकाज के साथ खातेदारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इसे देखते हुए मध्यप्रदेश विधानसभा याचिका समिति सभापति एवं विधायक यशपालसिंह सिसोदिया (Yashpal Singh Sisodia) ने पहल की। वे ये मामला मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के संज्ञान में लाए। इस पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी (Principal Secretary Manish Rastogi) द्वारा जारी पत्र के अनुसार मध्यप्रदेश संचालनालय संस्थागत वित्त भोपाल के सह आयुक्त भास्कर लक्षकार (Co-Commissioner Bhaskar Lakshkar) ने 25 अक्टूबर को इसे अति महत्वपूर्ण विषय मानकर समस्त सार्वजनिक, निजी, सहकारी व स्मॉल बैंकों को निर्देशित किया है कि बैंक पासबुक में खाता क्रमांक, आईएफएससी (IFSC Code) स्पष्ट और बड़े फॉन्ट में अंकित किए जाएं। साथ ही गत समय में कई सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों का विलय हुआ है, उन बैंकों के खातेदारों को अद्यतन नई पासबुक एवं चेकबुक जारी हों, जिससे सभी बैंकों केहितग्राहियों के खातों में राशि अंतरण आसान हो सके।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि विभिन्न योजनाओं में लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों की राशि गलत बैंक खातों में ट्रांसफर हो रहीं है या हितग्राही के खातों में न जाते हुए ट्रांजेक्शन असफल हो जाते हैं। इससे चालान दुरस्ती के बाद एक से दो माह पश्चात हितग्राहियों के खातों में राशि पहुंचती है। बड़ी राशि  बैंक खातों में ही पड़ी रह जाती है, जिससे हितग्राहियों को राशि प्राप्ति के लिए अनावश्यक देरी का सामना करना पड़ रहा है।

इन सब समस्याओं का मुख्य कारण बैंक पासबुक में खाते नंबर और आईएफएससी कोड़ अत्यन्त सूक्ष्म और हलके होना है। विधायक ने पत्र में यह भी अवगत कराया कि गत दिनों लगभग दस बैंकों का अन्य बैंकों में विलय हुआ है। इससे हितग्राही जानकारी के अभाव में अपने IFSC कोड़ पुरानी बैंक के ही जानकारी में दे रहे हैं, जबकि उनकी पासबुक नई बैंक की होनी चाहिए। विधायक ने इस निर्णय की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का आभार माना है।

देखिये इस सम्बन्ध में जारी आदेश की प्रति-

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