Curb Wasteful Expenditure : निगम ने फिजूल खर्च पर अंकुश लगाया, कई खर्च नहीं करेगा!
Indore : नगर निगम की पिछले दिनों हुई ‘मेयर इन काउंसिल’ की बैठक में तय किया गया कि भूमि पूजन और लोकार्पण तथा ऐसे अन्य कार्यक्रमों का खर्च सीमित किया जाएगा। सामाजिक संगठनों, संस्थाओं के कार्यक्रम की व्यवस्था का खर्च निगम नहीं करेगा। इसके अलावा स्वल्पाहार और भोजन के इंतजाम को लेकर भी नीति बनाई गई ताकि खर्च पर अंकुश लगाया जा सके। व्यवस्थाओं के संबंध में नीति निर्धारण प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की गई।
महापौर ने बताया कि निगम द्वारा समय-समय पर वार्ड, झोन, नगरीय क्षेत्र में आयोजित भूमि पूजन, लोकार्पण कार्यक्रम के साथ ही अन्य सामाजिक संगठनों, संस्थाओ की मांग पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके तहत निगम की तरफ से टेन्ट, सामग्री, साउंड सिस्टम, लाईट व अन्य व्यवस्था की जाती है। इसमें समय-समय पर मांग अनुसार वृद्धि भी होती थी। उपरोक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए महापौर ने एमआईसी की बैठक में उक्त कार्यक्रमों के संबंध में नीति निर्धारण के प्रस्ताव में चर्चा की।
वार्ड स्तर पर होने वाले भूमि पूजन और लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान अन्य विकास कार्यो को भी यथा संभव जोड़कर एक ही स्थान पर किए जाने पर स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ ही वार्ड स्तरीय होने वाले विकास कार्यों ाजे भूमि पूजन और लोकार्पण के लिए टेन्ट, सामग्री, साउंड सिस्टम, लाईट के लिए व्यय सीमा तय करने की भी स्वीकृति प्रदान की गई। इनमे राशि एक से 5 करोड तक के विकास कार्यों के भुमिपूजन/लोकार्पण कार्यक्रम समारोह हेतु अधिकतम व्यय राशि रूपये 35 हजार की सीमा रहेगी तथा राशि रूपये 5 करोड से अधिक के विकास कार्यो के भूमि पूजन, लोकार्पण कार्यक्रम समारोह के लिए अधिकतम व्यय राशि 50 हजार की सीमा रहेगी।
साथ ही कार्यक्रमों के लिए नीति निर्धारण के तहत सामाजिक संगठन या अन्य संस्था द्वारा आयेाजित कार्यक्रमों, समारोह, रैली, प्रदर्शनी आदि में निगम द्वारा टेन्ट, टेन्ट सामग्री, साउंड आदि की व्यवस्था नहीं कराई जाना प्रस्तावित किया गया। मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, प्रभारी मंत्री अथवा शासन से प्राप्त निर्देशों के क्रम में आयोजित कार्यक्रम समारोह में ही जरुरी होने पर हितग्राहियों आदि के लिए महापौर या निगम आयुक्त के निर्देश पर ही स्वल्पाहार या भोजन की व्यवस्था कराई जाएगी।
अन्य कार्यक्रमों में निगम स्तर से स्वल्पाहार, भोजन की व्यवस्था नहीं कराया जाना तय किया गया। इस प्रस्ताव को मेयर इन काउंसिल की बैठक स्वीकृति प्रदान की गई। इससे नीति निर्धारण तथा व्यय सीमा लागू होने से निगम मैं फिजूलखर्ची पर रोक लगेगी तथा राजस्व व्यय में भी बचत होगी।