Martyr’s Wife Lieutenant in Army: पति के सपने के लिए शहीद की पत्नि सेना में लेफ्टिनेंट बनी!

शादी के 15 महीने बाद ही पति चीनी सेना के साथ गलवान घाटी में शहीद हुए!

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Martyr’s Wife Lieutenant in Army: पति के सपने के लिए शहीद की पत्नि सेना में लेफ्टिनेंट बनी!

Rewa : ये एक ऐसी महिला की कहानी है, जिनके पति शादी के 15 दिन बाद ही शहीद हो गए थे। अपने शहीद पति के सपनों को पूरा करने के लिए पत्नी ने कड़ी मेहनत और संघर्ष किया। आज इसके बलबूते पर वे भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई। लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को चीनी सेना से हुई झड़प में लांस नायक दीपक सिंह शहीद हो गए थे। शहीद दीपक सिंह को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया। अब पत्नी रेखा सिंह लेफ्टिनेंट बनकर पति की राह पर निकल पड़ी हैं।
भारतीय सेना के जांबाज सैनिक के रूप में लांस नायक दीपक सिंह ने 15 जून 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों का जोरदार मुकाबला किया था। संघर्ष के दौरान उन्होंने अपने साथियों के साथ चीनी सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर किया। लेकिन। इस संघर्ष में दीपक सिंह मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। उनकी शहादत से परिवार के साथ पत्नी रेखा पर वज्रपात हो गया था।

दूसरे प्रयास में सफलता
रेखा सिंह के लिए यह सब करना आसान नहीं था। इसके लिए नोएडा (Noida) जाकर सेना में भर्ती होने के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारियां की फिर ट्रेनिंग की। मुश्किल फिजिकल ट्रेनिंग भी ली। लेकिन, पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली। लेकिनं उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और सेना में जाने की पूरी तैयारी करती रही। दूसरे प्रयास मे मेहनत रंग लाई और भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हो गया। भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर प्रशिक्षण 28 मई से चेन्नई में शुरू हो गया है। ट्रेनिंग पूरी होने पर एक साल में भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर सेवाएं देनी होगी।

अब चेन्नई में ट्रेनिंग शुरू
रीवा जिले के शहीद लांस नायक दीपक सिंह की पत्नी का भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हुआ है। मेडिकल फॉर्मेलिटी पूरी होने के बाद चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी उनकी ट्रेनिंग हो गई। शहीद की पत्नी रेखा ने बताया कि पति की शहादत का गम और देशभक्ति का जज्बा ही था कि मैंने टीचर की नौकरी छोड़कर सेना में जाने का मन बनाया।

उच्च शिक्षित हैं शहीद की पत्नी
विवाह से पहले रेखा सिंह जवाहर नवोदय विद्यालय, सिरमौर में पढ़ाती थीं। हायर एजुकेशन हासिल कर चुकीं रेखा के मन में शिक्षक बनकर समाज की सेवा करने के सपने थे। विवाह के बाद पति शहीद दीपक सिंह ने भी रेखा को अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया। इसी के चलते रेखा सिंह ने पति की शहादत के बाद उनके सपने को पूरा करने का संकल्प लिया। इसमें मायके और ससुराल दोनों परिवार वालों ने पूरा सहयोग किया।
पति की शहादत के बाद रेखा सिंह को मध्यप्रदेश शासन की ओर से शिक्षाकर्मी वर्ग-2 पद पर नियुक्ति दी गई थी. उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से अपना शिक्षकीय दायित्व निभाया. लेकिन उनके मन में सेना में जाने की इच्छा लगातार बनी रही। उन्होंने जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से इस संबंध में चर्चा की। रीवा जिला प्रशासन और जिला सैनिक कल्याण कार्यालय ने सेना में चयन को लेकर उचित मार्गदर्शन और संवेदनशीलता से सहयोग दिया। रेखा सिंह ने विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत से काम लेकर और कठिनाइयों में भी सकारात्मक सोच के साथ यह उपलब्धि हासिल की। अब उन्होंने शहीद पति दीपक सिंह के सपने को पूरा किया।