पीएचडी टेस्ट में धांधली: विक्रम विवि के कुलसचिव,दो प्रोफेसरों सहित 5 पर लोकायुक्त ने दर्ज किया केस
उज्जैन: लोकायुक्त पुलिस ने विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, दो प्राध्यापक सहित कुल 5 लोगों के खिलाफ 420 भ्रष्टाचार अधिनियम जैसी दर्जनों धाराओं में प्रकरण दर्ज किए हैं। मामला पीएचडी टेस्ट में धांधली का है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोई डेढ़ साल पहले पीएचडी चयन परीक्षा 2022 में गड़बड़ उजागर होने के बाद शिकायतकर्ता बबलू खींची ने फर्जी तरीके से नंबर बढ़ाने, फेल विद्यार्थी को पास करने सहित अन्य शिकायत लोकायुक्त को की थी। शिकायत के आधार पर लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता बबलू खींची और कुलसचिव डॉ पौराणिक सहित गोपनीय विभाग के अन्य अधिकारियों को लोकायुक्त कार्यालय बुलाकर बयान दर्ज किए थे। इसके साथ ही वह आंसर शीट भी जांच के लिए मंगवाई थी जिनमें काट छांट कर नंबर बढ़ाए गए थे।
शिकायतकर्ता बबलू ने बताया कि लोकायुक्त को शिकायत के बाद भी कुलसचिव द्वारा पद का दुरुपयोग कर विद्यार्थियों की कोर्स वर्क परीक्षा करा ली गई।
इस मामले में लोकायुक्त ने कुलसचिव डॉ प्रशांत पौराणिक, सहायक कुलसचिव वीरेंद्र उचावरे ,प्रोफेसर पीके वर्मा, सहायक प्राध्यापक गणपत अहिरवार, शिक्षक वाय एस ठाकुर को हुई विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग के पीएचडी एंट्रेंस परीक्षा को लेकर प्राप्त शिकायत को लेकर उनके खिलाफ धारा 420, 468 सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।