शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय कार्य के लिए भोपाल जिले को मिला प्रथम स्थान
भोपाल: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा शिशु स्वास्थ्य में बेहतर कार्य करने वाले जिलों की रैंकिंग जारी की गई है। रैंकिंग में भोपाल जिले को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। यह रैंकिंग शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण से जुड़े हुए 11 विभिन्न कार्यक्रमों के आधार पर तैयार की गई है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा शिशु स्वास्थ्य, पोषण एवं बाल मृत्यु दर में कमी लाने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों में बच्चों के भिन्न भिन्न आयुवर्ग और बीमारियों के अनुसार उपचार की सेवाएं दी जा रही हैं। जिसके तहत संस्थागत स्तर पर एस.एन.सी.यू., पोषण पुनर्वास केंद्र, जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। सामुदायिक स्तर पर बीमारियों की पहचान, रोकथाम एवं उपचार के लिए दस्तक अभियान, एनीमिया मुक्त भारत अभियान, आशा द्वारा गृह आधारित शिशु स्वास्थ्य देखभाल जैसी विभिन्न सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
शिशु स्वास्थ्य के लिए जारी राज्यस्तरीय रैंकिंग में एस.एन.सी.यू. में भर्ती बच्चों के उपचार और फॉलोअप, पोषण पुनर्वास केंद्रों में भर्ती कुपोषित बच्चों के उपचार, पोषण पुनर्वास केंद्रों की बेड ऑक्युपेंसी, बाल मृत्यु दर में कमी लाए जाने हेतु मृत्यु का समय पर नोटिफिकेशन व मृत्यु की संस्थागत समीक्षा एवं वर्बल ऑटोप्सी , राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत बच्चों में चार विलंबात्मक बीमारियों की पहचान , आशा कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भेंट के दौरान शिशुओं की देखभाल एवं बीमारियों की पहचान व रेफरल ,एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम अंतर्गत हिमोग्लोबिन टेस्टिंग के द्वारा एनीमिया की पहचान जैसी सेवाओं को शामिल किया गया है।