रातापानी अभयारण्य में टेरिटोरियल फाइट में बाघ की मौत, प्रबंधन ने पीएम कराने के बाद किया अंतिम संस्कार

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रातापानी अभयारण्य में टेरिटोरियल फाइट में बाघ की मौत, प्रबंधन ने पीएम कराने के बाद किया अंतिम संस्कार

रायसेन: जिले के औबेदुल्लागंज वन मंडल के अंतर्गत आने वाली रातापानी सेंचुरी में एक बाघ की मौत का मामला सामने आया है। बाघ की मौत होने का कारण सेंचुरी प्रबंधन फिलहाल टेरिटोरियल फाइट होना बता रहा है। प्रबंधन का कहना है कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही इसके सही कारण पता चल सकेगा। फिलहाल प्रबंधन ने मृतक बाघ का पीएम कराने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

रातापानी सेंचुरी अधीक्षक सुनील भारद्वाज ने बताया कि गुरुवार को करमई गौहरगंज बीट में एक नर बाघ के मरने की सूचना मिली थी। सूचना मिलने पर मौके पर रेस्क्यू टीम को भेजा गया। इनके पहुंचने के पहले ही बाघ दम तोड़ चुका था। उन्होंने बताया कि मृतक बाघ की उम्र करीब ढाई साल थी। वह बुरी तरह से जख्मी था। गुरुवार को शायद वह करमर्ई की पहाड़ी से उतर कर पानी की तलाश में आया होगा और इसी दौरान उसकी मौत हो गई।

अपने क्षेत्र को लेकर बाघों के बीच हुआ है संघर्ष, उसमें हु़आ घायल
रातापानी अभयारण्य के अधीक्षक श्री भारद्वाज ने बताया कि टाइगर ढाई साल का हो चुका था ‌और अपना टेरिटोरियल एरिया बना रहा था। संभवतः इसी कारण वह किसी दूसरे बाघ के एरिया में जा रहा होगा। इसी कारण दोनों के बीच संघर्ष हुआ होगा। जिसमें वह बुरी तरह से घायल हो गया था। उन्होंने बताया कि सेंचुरी में लंबे समय बाद टेरिटोरियल फाइट में बाघ की मौत का मामला देखने को मिला है।