Amul Girl Cried : इतने सालों बाद अमूल गर्ल की आंखों से आंसू क्यों टपके!

1966 से आज तक 'अटरली बटरली अमूल' टैगलाइन ही अमूल की पहचान!

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Amul Girl Cried : इतने सालों बाद अमूल गर्ल की आंखों से आंसू क्यों टपके!

Amul Girl Cried : इतने सालों बाद अमूल गर्ल की आंखों से आंसू क्यों टपके!

New Delhi : अमूल के विज्ञापन में सभी ने एक लड़की को देखा होगा। उसके साथ टैग लाइन होती है ‘अटरली बटरली अमूल!’ इस लड़की को किसी ने कभी रोते हुए नहीं देखा। लेकिन, 1966 के बाद पहली बार ये लड़की रोई। क्योंकि, उसे जन्म देने वाले सिलवेस्टर डाकुन्हा (Sylvester daCunha) ने 80 साल की आयु में मंगलवार को दुनिया को अलविदा कहा। मुंबई में मंगलवार की रात उनका निधन हो गया।

गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) के MD जयेन मेहता ने इसकी पुष्टि की। GCMMF ही अमूल ब्रांड की मालिक है। उन्होंने कहा ‘बड़े दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि डाकुन्हा कम्युनिकेशन के चेयरमैन श्री सिलवेस्टर डाकुन्हा का मंगलवार की रात निधन हो गया।’

Amul Girl Cried : इतने सालों बाद अमूल गर्ल की आंखों से आंसू क्यों टपके!

उन्होंने आगे लिखा वे भारतीय एडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री के सबसे सम्मानित व्यक्ति थे, जो 1960 से ही अमूल के साथ जुड़े थे। पूरा अमूल परिवार इस शोक में शामिल है। वहीं, अमूल के पूर्व एमडी और वर्तमान में इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट (R.S. Sodhi) ने ‘अमूल गर्ल’ की रोते हुए एक तस्वीर ट्वीट की। इसके अलावा कांग्रेस नेता जयराम रमेश और टीएमसी के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने भी ट्वीट कर डाकुन्हा को याद किया और निधन पर शोक जताया।

पत्नी के साथ बनाया कैंपेन
सिलवेस्टर डाकुन्हा ने अपनी पत्नी निशा के साथ मिलकर ‘अटरली-बटरली’ कैंपेन के आइडिया को शक्ल दी थी। ये 1966 की बात है, जब उन्होंने इस टैगलाइन के साथ ‘अमूल गर्ल’ को दुनिया के सामने भेजा। यह कैंपेन पूरे भारत में हिट हुआ। आज भी अमूल गर्ल और यह टैगलाइन सबकी जुबान पर रहती है और इन्हें देखते ही लोग ब्रांड अमूल को पहचान जाते हैं।

कैसे आई ये टैगलाइन
सिलवेस्टर डाकुन्हा 1966 में एक एडवर्टाइजिंग व सेल्स प्रमोशन कंपनी के मैनेजर थे। जब अमूल का काम उनके पास आया तो डाकुन्हा चाहते थे कि कुछ ऐसी टैगलाइन तैयार की जाए, जो आसानी से लोगों की जबान पर चढ़े। पहले अमूल की टैगलाइन ‘प्योरली द बेस्ट’ थी। डाकुन्हा की पत्नी ने ‘अटरली अमूल’ का सुझाव दिया। इसके साथ डाकुन्हा ने ‘बटरली’ भी जोड़ दिया और अमूल को ‘अटरली बटरली अमूल’ टैगलाइन मिल गई।

अमूल गर्ल का जन्म
डाकुन्हा अमूल के इस मैस्कॉट को बच्चों और औरतों पर केंद्रित करना चाहते थे, इसलिए अमूल गर्ल का जन्म हुआ। अमूल गर्ल को डिजाइन करने का श्रेय आर्ट डायरेक्टर और कार्टूनिस्ट यूस्टेस फर्नांडिस को जाता है। पोल्का डॉट वाला फ्रॉक, बड़ी आंखें, मैचिंग रिबन और लाल जूते वाली अमूल गर्ल का पोस्टर सबसे पहले मुंबई के लैंप पोस्ट्स पर चिपकाया गया। इसके बाद अमूल गर्ल भारतीय एडवरटाइजिंग के क्षेत्र में एक नजीर बन गई! आज भी यही अमूल गर्ल अमूल की पहचान है।