इस्तीफे के बाद गरीब बच्चों को शिक्षित करेंगी डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे, चुनाव भी लड़ सकती है
भोपाल
खुद के मकान के उद्घाटन और विश्व शांतिदूत तथागत बुद्ध की अस्थियों के दर्शन करने की अनुमति नहीं मिलने से नाराज छतरपुर में पदस्थ राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे सरकारी नौकरी से इस्तीफे के बाद फिलहाल गरीब बच्चों को शिक्षित करने और उनका जीवन तराशने का काम करेंगी। वे इस बार विधानसभा चुनाव मेंं भी भाग्य आजमा सकती है।
वर्ष 2017 में पीएससी से राज्य प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित निशा बांगरे ने एक सांध्य दैनिक से चर्चा में कहा कि उन्होंने अपने नये मकान के उद्घाटन के लिए अवकाश मांगा था। जिला कलेक्टर ने अवकाश दे दिया था लेकिन भोपाल में सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें खुद के गृह प्रवेश में शामिल होंने की अनुमति नहीं दी। इसी भवन के प्रांगण में वे तथागत बुद्ध की अस्थियों का दर्शन करने की अनुमति भी मांग रही थी वह भी उन्हें नहीं मिली इसलिए उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग की प्रमुख सचिव को अपना इस्तीफा भेज दिया है हालाकि अभी इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। निशा ने कहा कि उन्हें डिप्टी कलेक्टर की नौकरी छोड़ने का कोई अफसोस नहीं है।
अब आगे वे गरीब बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाकर उन्हें अच्छा अधिकारी बनाने के लिए काम करेंंगी। क्या भविष्य में विधानसभा चुनाव लड़ने का उनका कोई इरादा है इसको लेकर उनका कहना है कि यह भी एक संभावित विकल्प हो सकता है उसके बारे में आने वाले समय में वे बताएंगी। निशा ने बताया कि उनके नये भवन का उद्घाटन आमला में 25 जून को है फिलहाल वे इसमें शामिल होंगी। उसके बाद आगे की रुपरेखा पर काम करेंगी।