Good News for Indians: अब America में ही रिन्यू होंगे H-1B Visa , PM Modi के राजकीय दौरे के बाद हुआ यह बड़ा फैसला

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Good News for Indians: अब America में ही रिन्यू होंगे H-1B Visa , PM Modi के राजकीय दौरे के बाद हुआ यह बड़ा फैसला

अमेरिकी दौरे के आखिरी दिन PM मोदी ने बताया कि अब अमेरिका में ही H-1B वीजा रिन्यू हो जाएगा, इसके लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. गौरतलब हो कि अमेरिका का H-1B वीजा हमेशा से चर्चा का विषय रहा है, जिसके तहत भारतीयों का अमेरिका जाना और वहां रहना आसान हो जाता है. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) 21 से 24 जून के दरम्यान अमेरिका (USA) की पहली राजकीय यात्रा पर रहे.

इस दौरान दोनों देशों में कई बड़े समझौते हुए और आपसी संबंधों में गर्माहट लाने वाले फैसले भी लिए गए. एक बड़ा फैसला H-1B वीजा को लेकर आया, अमेरिकी दौरे के आखिरी दिन PM मोदी ने बताया कि अब अमेरिका में ही H-1B वीजा रिन्यू हो जाएगा, इसके लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

गौरतलब हो कि अमेरिका का H-1B वीजा हमेशा से चर्चा का विषय रहा है, जिसके तहत भारतीयों का अमेरिका जाना और वहां रहना आसान हो जाता है. मगर, बहुत-से भारतीयों को अमेरिकी वीजा के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ रहा था, और इसलिए बहुत-से भारतीयों की नजर मोदी-बाइडेन की बैठक में H-1B वीजा नियमों में बदलाव पर टिकी थीं.

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इस साल 10 लाख से ज्यादा भारतीयों को मिलेगा US वीजा
अमेरिका (America) के दक्षिण और मध्य एशिया के अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू (Donald Loo) के मुताबिक, इस साल 10 लाख से ज्यादा वीजा भारतीयों के लिए जारी किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन इन्हीं गर्मियों में स्टूडेंट वीजा को जारी करने के लिए काम शुरू कर देगा. इसके अलावा उन्होंने वर्क-वीजा को लेकर भी आश्वासन दिया. डोनाल्ड लू ने कहा कि वो H-1B और L वीजा जारी करने के लिए काम शुरू कर चुके हैं. H-1B और L वीजा भारत के आईटी पेशेवरों के बीच पॉपुलर है. इसके जरिए भारत के आईटी पेशेवरों को अमेरिका में काम करने में आसानी होती है.

किन्हें जारी किया जाता है अमेरिका का H-1B वीजा?
अमेरिकी सरकार की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अुनसार, उनका H-1B वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को विशेष व्यवसायों में काम करने की अनुमति देता है, हर साल हजारों कर्मचारियों H-1B वीजा पर निर्भर है. और ये बात तो सब जानते ही होंगे कि किसी को विदेश जाने के लिए वीजा की जरूरत पड़ती है. हर देश अलग-अलग तरह के वीजा जारी करता है. अमेरिका उन लोगों के लिए H-1B वीजा जारी करता है, जो वहां काम करने के लिए जाते हैं.

H-1B वीजा के लिए कौन पात्र है? 
    • एच-1बी वीजा नियोक्ता प्रायोजित होता है और धारक को गैर-आव्रजक का दर्जा देता है। यह अस्थायी है, आमतौर पर तीन साल तक मान्य रहता है।
  • नियोक्ता को कर्मचारी की ओर से वीजा के लिए आवेदन करना होता है, उसे यह साबित करना होता है कि उनके व्यवसाय और स्थिति के लिए विशेष ज्ञान और कौशल की आवश्यकता है।
  • इंजीनियरिंग, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान, गणित और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े व्यवसायों  को आमतौर पर एच -1 बी वीजा दिया जाता है
  • यह एक अस्थायी वीजा है, इसलिए हमेशा इस बात की अनिश्चितता रहती है कि आपका नियोक्ता इसे नवीनीकृत करेगा या नहीं। अब तक नवीनीकरण के लिए स्टॉम्पिंग के लिए वीजा धारकों को भारत आना पड़ता था। यही कारण है कि अमेरिका में भारतीय पेशेवरों के लिए यह तनाव का एक बड़ा कारण बना रहता था।

कुछ भारतीयों की अक्सर ये शिकायत रही है कि अमेरिकी वीजा पाने में उनको बहुत मशक्कत करनी पड़ती है, इसमें 600 दिनों तक का वक्त भी लग जाता है. अब PM मोदी के अमेरिका दौरे के उपरांत एच-1बी प्रोग्राम की समस्या दूर होने की उम्मीद है.

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