SC -ST के साथ OBC- अल्पसंख्यकों को साधने कांग्रेस ने बनाई रणनीति
भोपाल:कांग्रेस का आदिवासी और दलित वोटरों पर पूरा फोकस है। प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल, कांग्रेस के आदिवासी विभाग के अध्यक्ष शिवाजी राव मोघे और के राजू ने प्रदेश कांग्रेस में आरक्षित सीटों को लेकर रणनीति बनाई। इस बैठक में तय किया गया है कि आरक्षित सभी सीटों पर बड़े नेताओं के दौरे भी होंगे, वहीं स्थानीय नेताओं को एक-एक बूथ पर फोकस करने को भी कहा गया है। इन विधानसभा क्षेत्रों के समन्वयको को भी अब पूरा समय देने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में एससी, एसटी विभाग के प्रदेश अध्यक्षों के साथ ही ओबीसी कांग्रेस और अल्पसंख्या कांग्रेस के अध्यक्ष भी मौजूद थे।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई बैठक में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक विभाग के राष्टÑीय प्रभारी के राजू ने कहा कि प्रदेश की हर सीट पर इन चारों वर्गो की अहम भूमिका रहती है। इन सभी वर्गों के हमारे स्थानीय से लेकर प्रदेश स्तर तक के नेताओं को सभी सीटों पर सक्रिय रहना होगा। इससे पहले बैठक में समन्वयकों से 82 सीटों की रिपोर्ट ली गई।
इस बैठक में खास तौर पर प्रदेश की आरक्षित 82 सीटों पर फोकस रहा। इनमें से 35 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इनमें से कांग्रेस के पास अभी सिर्फ 14 ही सीटें हैं। हालांकि 2018 के चुनाव में कांग्रेस के पास ज्यादा सीटें थी, लेकिन उप चुनाव में उसे कुछ सीटों का नुकसान हुआ। वहीं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित 47 सीटों में से कांग्रेस के पास 27 सीटें हैं। विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने ज्यादा सीटें जीती थी लेकिन उपचुनाव के बाद उसकी यह संख्या भी कम हो गई। प्रदेश में आदिवासी 22 और दलित 17 फीसदी हैं। दोनों वर्गों को करीब 120 सीटों पर निर्णायक भूमिका में माना जाता है।