IT विभाग ने तैयार किया 10 हजार करोड़ के निवेश, 2 लाख नौकरियों की नीति का खाका
भोपाल. राज्य सरकार जल्द ही प्रदेश में IT-ITES और ESDM नीति घोषित करेगी। इस नीति के माध्यम से IT क्षेत्र की वृद्धि और विकास के लिए एक जीवंत तथा समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने पर काम किया जा रहा है। इसमें निवेश, रोजगार, नवाचार और उद्योगों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है जिसे जल्द प्रभावी किया जाएगा। इस नीति में हर साल दो हजार करोड़ रुपए के निवेश और 40 हजार नौकरियों को भी फोकस कर काम किया जा रहा है।
प्रदेश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओपी सकलेचा के अनुसार वर्ष 2023 के लिए मध्य प्रदेश की आईटी, आईटीईएस, ईएसडीएम नीति उद्योग जगत से विचार-विमर्श और विभिन्न राज्य की नीतियों की बेंचमार्किंग के बाद बनाई गई है। नीति का प्रमुख उद्देश्य प्रोत्साहन प्रदान कर और नियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाकर आईटी, आईटीईएस, ईएसडीएम क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करना है। यह नीति व्यवसाय-अनुकूल वातावरण बनाने और उद्योगों के विकास के लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचा प्रदान करने पर केंद्रित है।
दस हजार करोड़ का निवेश और दो लाख नौकरी टारगेट
बताया गया कि इस नीति का लक्ष्य अगले 5 सालों में मध्यप्रदेश में आईटी, आईटीईएस, ईएसडीएम क्षेत्र में 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश लाना और 2 लाख नई नौकरियां सृजित करना है। इसमें 10 मिलियन वर्गफुट आईटी, ईएसडीएम इंफ्रास्ट्रक्चर स्पेस का निर्माण, राज्य भर में अत्याधुनिक आईटी पार्क, भवन, प्लग एंड प्ले स्पेस को आईटी,आईटीईएस, ईएसडीएम के लिए प्लग एंड प्ले और रेडी टू बिल्ड फैक्टरियां शामिल कर बुनियादी ढांचा खड़ा करने पर जोर दिया गया है।
विकास, नवाचार और अनुसंधान भी फोकस में
राज्य में अनुसंधान एवं विकास और नवाचार गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उद्योग के समक्ष आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान भी इसमें होगा। नीति में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है और पूंजी सब्सिडी कैपिंग को बढ़ाकर उनका समर्थन किया गया है। प्रारूप नीति में ईएसडीएम इकाइयों में निवेश आकर्षित करना, स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देना और एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना शामिल है। ड्राफ्ट नीति विविध औद्योगिक परिदृश्य और समावेशिता के महत्व को प्रदर्शित करती है। यह नीति वृहद् और एमएसएमई दोनों प्रकार के उद्योगों की विशिष्ट आवश्यकताओं को संबोधित करती है।
नीति व्यवसायियों को संचालन स्थापित करने में मदद करने के लिए किराये में सहायता और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए रोजगार सृजन सहायता प्रदान करती है। यह नीति टेस्टिंग, कैलिब्रेशन प्रयोगशालाओं, गुणवत्ता प्रमाणन, पेटेंटिंग और स्टैंडअलोन शोध और विकास इकाइयों का समर्थन करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन के माध्यम से प्रतिष्ठानों को सहायता प्रदान करके अनुसंधान और विकास गतिविधियों को प्रोत्साहित करती है। नीति में अनुकूलित पैकेज के माध्यम से क्षेत्र में मेगा परियोजनाओं का समर्थन करने का भी प्रावधान है।