कांग्रेस को घायल करता तौकीर का तीर…!
यह साल चुनावी है, तो ईद-उल-अजहा पर भी राजनीति के खिलाड़ी अपना दांव तो आजमाएंगे ही। साम, दाम, दंड और भेद का कारोबार तो अपना रंग दिखाएगा ही। और खास तौर से तब, जब कांग्रेस चुनावी और वोट बैंक की नब्ज परखकर लगभग यू-टर्न लेते हुए घोषित तौर पर हिंदुत्व का चोला पहनकर मैदान में आ गई है। हनुमान चालीसा, सुंदर कांड के पाठ पर जोर भी है और सेकुलर शब्द भी साथ में बगल वाली कुर्सी पर स्थापित किया जा रहा है। तो घोषित तौर पर कांग्रेस वोट बैंक का हरण कर उसे हराने में एड़ी चोटी का जोर लगाने वाली असदउद्दीन औवेसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने कांग्रेस की सेकुलर छवि पर सीधा हमला कर दिया है। एआईएमआईएम के सचिव पीरजादा तौकीर निजामी ने तीर चला दिया है और कांग्रेस के सेकुलर होने पर सवाल खड़ा कर दिया है। सीधा हमला है कि मोहब्बत की दुकान खुली है, हनुमान चालीसा पाठ हो सकता है तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय (पीसीसी) में नमाज क्यों नहीं हो सकती और बकरे की कुर्बानी क्यों नहीं दी जा सकती? अब कांग्रेस का घायल होना तय है, परीक्षा यही है कि कितना बचाव कर खुद को बेहतर, सेकुलर और मुस्लिम मतदाताओं की हकदार साबित कर पाती है। क्योंकि एआईएमआईएम को वोट तो कांग्रेस का ही काटना है। नगरीय निकाय चुनाव में तस्वीर साफ हो चुकी है कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में एआईएमआईएम ने कांग्रेस को किस हद तक खेल से बाहर रखने का सफल प्रयोग कर लिया है। विधानसभा चुनाव में अब पूरे प्रहार से एआईएमआईएम मुस्लिम मतदाताओं पर निगाहें टिकाएगी। और जैसा कि कांग्रेस मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने में कभी कोई समझौता नहीं करती, तो अब बारी उसी कांग्रेस के पाले में है।
एआईएमआईएम नेता तौकीर निजामी ने पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी के माध्यम से एआईएमआईएम की ओर से भोपाल स्थित मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बकरीद के दिन बकरे की कुर्बानी देने की मांग की गई है। इसमें एआईएमआईएम की ओर से तर्क दिया गया है कि, हिंदुत्व के एजेंडे के लिए मोहब्बत की दुकान खुली है। ऐसे में जब कांग्रेस ऑफिस में हनुमान चालीसा का पाठ हो सकता है तो नमाज क्यों नहीं हो सकती ? मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी के सचिव पीरजादा तौकीर निजामी ने पत्र के जरिए कहा है कि, ‘हमें हनुमान चालीसा के पाठ से ऐतराज नहीं है, लेकिन कांग्रेस द्वारा सभी धर्मों की धार्मिक मान्यताओं का भी ख्याल रखना चाहिए।’ निजामी ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से मांग करते हुए कहा कि, राहुल गांधी ने पूरे देश में नफरत को खत्म करने के लिए अभी नई-नई ‘मोहब्बत की दुकान’ खोली है और मध्य प्रदेश की कांग्रेस हार्ड हिंदुत्व के एजेंडे पर चल रही है। सिर्फ एक धर्म विशेष के आयोजन ही पीसीसी में हो रहे हैं। कभी भगवा मय करते हैं, कभी देवी देवताओं की मूर्ति स्थापित की जाती है, कभी हनुमान चालीसा का पाठ होता है। उन्होंने कहा कि, आप बिल्कुल करें, इसमें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन मुस्लिम समाज को वोट के नाम पर इमोशनल ब्लैकमेल करना बंद करें। निजामी की ओर से लिखे गए पत्र में आगे ये भी कहा गया कि, कांग्रेस जब सेक्युलर होने की बात करती है और सभी धर्मों की पार्टी होने की बात करती है तो फिर दलित मुस्लिम और आदिवासी के जो त्योहार हैं उसमें भेदभाव क्यों करती है? वोट तो आपको इन संमाजों से सौ फीसदी चाहिए, लेकिन काम आप संघ और बीजेपी के इशारे पर ही कर रहे हैं। अगर वाकई आप सेकुलर हैं और राहुल गांधी की बात मानते हैं तो पीसीसी जो आपकी मोहब्बत की दुकान है, उस पर मुस्लिम समाज के इस त्योहार पर कुर्बानी करने और विशेष नमाज अदा करने की अनुमति भी दें।
भाजपा की प्रतिक्रिया आई है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस की मोहब्बत की दुकान में एआईएमआईएम नेता ने बकरे की कुर्बानी व विशेष नमाज की इजाजत मांगी है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि जब मुस्लिम समाज के वोट पूरे 100% चाहिए , खुद को धर्मनिरपेक्ष बताते हो तो फिर विशेष नमाज और बकरे की कुर्बानी की इजाजत क्यों नहीं दे रहे? बात तो सही लिखी है…बकरा भी किया तैयार…। अब देखना होगा कमलनाथ जी की पीसीसी में कब बकरे की कुर्बानी होती है और कब विशेष नमाज अदा होगी…? भाजपा तो पहले से ही कह रही है कि जिस दिन से पीसीसी में हनुमान चालीसा का पाठ हुआ है ,भगवे रंग से पीसीसी को सजाया गया था ,उस दिन से ही कई अल्पसंख्यक समाज के नेता नाराजगी दिखाकर विरोध कर रहे है…। कुछ अल्पसंख्यक नेताओं ने तो पीसीसी को हरे रंग से सजाने की चेतावनी भी दी थी , जिससे डरकर कांग्रेस ने ईद वाले दिन अपने कार्यालय का ताला ही नहीं खोला था….। लेकिन देखना होगा इस ईद पर पीसीसी में बकरे की कुर्बानी और विशेष नमाज होती है या नही…। यह मत है भाजपा प्रवक्ता और कमलनाथ के पुराने सहयोगी नरेंद्र सलूजा का। तो कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने यह कहकर ठीकरा फोड़ दिया है कि एआईएमआईएम भाजपा की बी टीम है। पर जनता तो जवाब मांगेगी और मुस्लिम मतदाता तो अपनी रणनीति के मुताबिक फैसले लेगा ही। आखिर कांग्रेस को अपनी धार्मिक सोच का खुलासा तो करना ही पड़ेगा।