राजस्थान का क़िला फ़तह करने मोदी ने लगाए अपने क्षत्रप, गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को उदयपुर में

मेवाड़ और वागड़ पर इस बार किस की विजय पताका फहरायेंगी?

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राजस्थान का क़िला फ़तह करने मोदी ने लगाए अपने क्षत्रप, गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को उदयपुर में

राजस्थान से ब्यूरो प्रमुख गोपेन्द्र नाथ भट्ट की खास रिपोर्ट

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जुलाई के प्रथम सप्ताह में प्रस्तावित पश्चिम राजस्थान विशेष कर जोधपुर की यात्रा से पहले केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उदयपुर यात्रा को लेकर दिल्ली से उदयपुर तक व्यापक तैयारियाँ की जा रही हैं। वैसे से तो इस यात्रा को प्रधानमंत्री मोदी के नौ वर्षों की उपलब्धियों का प्रचार किया जाना बताया जा रहा है लेकिन हकीकत में मोदी के चाणक्य की यात्रा को रणनीतिक रूप से मेवाड़ और वागड़ के गढ़ों को साधना बताया जा रहा है।

इस यात्रा के सम्बन्ध में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों से चर्चा करने प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सी पी जोशी भी दिल्ली आए थे। उनकी उस यात्रा को गोपनीय रखा गया था।

अमित शाह की उदयपुर यात्रा का मुख्य मक़सद उदयपुर संभाग की 28 सीटों को साधना है। पार्टी के क़द्दावर नेता गुलाब चंद कटारियाँ के असम का राज्यपाल बन कर सक्रिय राजनीति से अलग हों जाने से मेवाड़ और वागड़ को साधना पार्टी के लिए आसान नही राज गया है क्योंकि महंगाई राहत शिविरों और अन्य बहानों से प्रदेश के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने इन दिनों मेवाड़ और वागड़ को अपना दूसरा घर बना दिया है। वे इन दिनों पूरे इलाक़े का सघन दौरा कर रहें हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चाणक्य अमित शाह को गुजरात से सटे इन इलाक़ों की जिम्मेदारी दी है। अमित शाह का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र गाँधी नगर उदयपुर से महज़ कुछ घंटों की दूरी पर है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी पी जोशी और अन्य रणनीतिकार अमित शाह की उदयपुर यात्रा के लिए शाह का आक्रामक भाषण तैयार करवा रहे है ताकि वे मोदी सरकार की नौ वर्षों की उपलब्धियों का बयान करने के साथ गहलोत सरकार के खिलाफ़ हमला बोल सके।

प्रधानमंत्री मोदी ने जोधपुर में केन्द्रीय रक्षा मंत्री राज नाथ सिंह को और राजस्थान में केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल को भी अहम जिम्मेदारी सौंपी है ताकि अमित शाह और उनकी संगठन सेना अशोक गहलोत और सचिन पायलट के मतभेदों का फ़ायदा उठाने के लिए कारगर रणनीति का लाभ उठा कर राजस्थान का क़िला फ़तह कर सके।

*अमित शाह 30 जून को उदयपुर में*

केन्द्रीय गृह तथा सहकारिता मंत्री अमित भाई शाह की 30 जून शुक्रवार को मेवाड़ की धरा उदयपुर में आगमन और प्रातः दस बजे चैतक सर्किल के पास भण्डारी दर्शक मंडप गाँधी ग्राउण्ड में लोक सभा रैली और दोपहर ढाई बजे रूप सागर स्थित होटल हॉवर्ड जोंसन में जनजाति विशिष्ट जनसंवाद की तैयारियाँ अन्तिम चरण में है। पूरे उदयपुर नगर में स्वागत द्वार तथा होर्डिंग लगाए गए हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी इस अहम यात्रा की तैयारियों पर लगातार निगरानी कर रहे है। जोशी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरुवार को जे पी नड्डा की भरतपुर यात्रा में व्यस्त रहें लेकिन उन्होंने अपने नई दिल्ली जयपुर और चितौडगढ़ कार्यालयों के माध्यम से बीजेपी के उदयपुर जिला कार्यालय से निरन्तर सम्पर्क रखा तथा अमित शाह की यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की। इधर उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा और राजसमन्द सांसद दीया कुमारी तथा बाँसवाड़ा डूंगरपुर सांसद कनक मल कटारा के साथ ही बीजेपी उदयपुर जिला के पदाधिकारीगण केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की यात्रा की तैयारियाँ करने में दिन भर जुटे रहें।
देश के गृह मंत्री की यात्रा के मद्दे नजर उदयपुर ज़िला और पुलिस प्रशासन ने भी अपनी क़ानून व्यवस्था से जुड़ी और अन्य आवश्यक तैयारियों को चाक चोबंद किया हैं।

इधर वैश्य समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, अग्रवाल समाज राजस्थान के अध्यक्ष, डूंगरपुर नगर परिषद् के पूर्व सभापति के. के. गुप्ता के निवास पर भी गांधी मैदान उदयपुर में आयोजित होने वाली विशाल सभा को अंतिम रूप देने के लिए गुरुवार प्रातः एक तैयारी बैठक आयोजित की गई।

गुप्ता ने बताया कि वैश्य समाज द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री की भव्य अगवानी और स्वागत यूआईटी सर्कल पर किया जाएगा। गुप्ता ने समाज के सभी लोगों से अपील की कि वे यूआईटी सर्कल के पास एकत्रित होकर एक विशाल जुलुस के रूप में गाँधी ग्राउंड मैदान में पहुँचें | बैठक में वैश्य समाज के गुप्ता के अलावा समाज के अग्रणी प्रकाश अग्रवाल, ओम अग्रवाल , नरेन्द्र अग्रवाल, अशोक जैन , विमल मंगल आदि उपस्थित रहें |
उल्लेखनीय है कि अमित शाह की उदयपुर यात्रा को निकट भविष्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मेवाड़ और वागड़ की प्रस्तावित यात्राओं को देखते हुए जनाधार बनाने के लिए पार्टी संगठन को सक्रिय बनाने की दिशा में की जा रही पहल बताया जा रहा है। केन्द्रीय गृह मंत्री शाह के उदयपुर में जनजाति विशिष्ट जन संवाद कार्यक्रम को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं। राजनीतिक मान्यता गाई कि मेवाड़ और वागड़ को फतह करने वाली पार्टी राजस्थान में शासनारूढ़ होती है। वर्तमान में मेवाड़ पर भाजपा की पकड़ को मज़बूत बनाने के लिए और अधिक प्रयासों की ज़रूरत बताई जा रही है। इस इलाक़े में पार्टी के शीर्ष नेता गुलाब चन्द कटारियाँ अब असम के राज्यपाल है । इस कारण उनकी अपनी सीमाएँ हो गई है । उनके बाद चितौड़गढ़ के सांसद सी पी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बना आगे किया गया है लेकिन पिछलें उप चुनावों में राजसमन्द को छोड़ सभी सीटों पर हुई भाजपा की पराजय और मेवाड़ में कटारिया से अदावत के चलते भाजपा को छोड़ कर अपना नया दल बना चुके रणधीर सिंह भींडर तथा जनजाति इलाक़ों में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के युवाओं में फैलते प्रभाव के अलावा हनुमान बेनीवाल के भी मेवाड़ में ताल ठोकने से भाजपा की चुनौतियाँ बढ़ी है। इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मेवाड़ और वागड़ में धुआँधार प्रचार शुरू करने तथा बार बार दौरें करने तथा सलुंबर को नया ज़िला और बाँसवाड़ा को नया संभाग बनाने से भाजपा अभी बेकफूट पर है।फिर उदयपुर शहर सहित कई स्थानों पर उम्मीदवारों का चयन भी भाजपा के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है।

इन सभी परिस्थितियों में भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह का उदयपुर दौरा बहुत अहम माना जा रहा है। गुजरात के साथ मेवाड़ और वागड़ के निकट के सम्बन्धों और विगत नौ वर्षों में मोदी सरकार द्वारा इस इलाक़े को दी गई सौग़ातों को हर घर और सुदूर आदिवासी इलाक़ों में पहुँचाने की रणनीति बनाई जा रही है। देखना होगा कि भाजपा और कांग्रेस दौनों प्रमुख दलों में से इस बार गुजरात और मध्य प्रदेश से सटे मेवाड़ और वागड़ पर इस बार किस की विजय पताका फहरायेंगी?

इधर कांग्रेस भी राजस्थान की उन 70 सीटों पर जिताऊँ उम्मीदवारों की खोज में जुट गई है जिसमें वह पिछलें विधान सभा चुनावों में लगातार हारती रही है। कांग्रेस के संगठन मंत्री के सी वेणु गोपाल प्रदेश प्रभारी सूखजिंदर सिंह रंधावा और सह प्रभारियों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के साथ दिल्ली में इस पर व्यापक चर्चा कर रण नीति बनाने की तैयारियाँ शुरू कर दी है।