Property Attachment Orders : शासकीय धन के गबन के आरोपी मिलाप चौहान की संपत्ति कुर्की के आदेश!
Indore : कलेक्टर ऑफिस के लेखा विभाग में पदस्थ में बाबू मिलाप चौहान द्वारा सरकारी धनराशि में किए गए 5 करोड़ 67 लाख के गबन मामले में कलेक्टर ने मिलाप चौहान की संपत्ति की कुर्की के आदेश जारी दिए हैं। इस पूरे मामले में 29 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
कलेक्टर ऑफिस में पदस्थ अनुकंपा नियुक्ति पर लगे बाबू मिलाप चौहान द्वारा 5 करोड़ 67 लाख 96 हजार रूपए के गबन का मामला सामने आने के बाद उसे गिरफ्तार के जेल भेज दिया गया है। कलेक्ट्रेट का यह बाबू हितग्राहियों के अकाउंट में ट्रांसफर होने वाले पैसों की लिंक फेल करके अपने अलग-अलग 30 खातों में ट्रांसफर करता था। इन पैसों से आरोपी अय्याशी करने मुंबई और गोवा भी गए। जहां उसने कॉल गर्ल पर भी लाखों रुपए खर्च किए।
इसके अलावा मिलाप चौहान ने इंदौर में करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति भी बनाई। जिसमें उसने एक बड़ा फार्महाउस और जमीन भी उसने खरीदी। मामला सामने आने के बाद रावजी बाजार पुलिस ने बाबू मिलाप चौहान और उसकी पत्नी सहित 29 लोगों पर मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब इस मामले में कलेक्टर इलैया राजा टी ने आरोपी मिलाप चौहान की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए हैं। कलेक्टर के मुताबिक आरोपी की सभी सम्पत्तियों को बेचकर मिलने वाली राशि शासकीय ट्रेजरी में जमा की जाएगी। क्योंकि, यह शासकीय राशि में गबन का मामला है।
कौन-कौन हैं इसमें आरोपी
इस घोटाले में मिलाप चौहान, बाबू रोहित किरोड़े और भृत्य अमित निंबालकर के साथ ही इनके कई रिश्तेदार और दोस्त भी आरोपी हैं। इस पूरे घोटाले में 29 लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाया, जिन्होंने इस गबन की राशि को अपने अपने खातों में ट्रांसफर किया था। सन 2020 से मार्च 2023 के दौरान कुल 5 करोड़ 67 लाख से अधिक की शासकीय राशि का गबन किया गया। इसमें अकेले मिलाप चौहान ने 3.30 करोड़ रुपए अपने पास रखे। किराड़े ने करीब 2 करोड़ और भृत्य निम्बालकर ने 77 लाख का गबन किया। इस पैसे से उन्होंने जमकर अय्याशी की। मिलाप ने तो करीब 1 करोड रुपए मुंबई की बार बाला पर ही लुटा दी। इन लोगों ने मुंबई और गोवा में जमकर पार्टियां की और लग्जरी होटल में ठहरे।
संपत्ति की कुर्की इसलिए की गई
इस बारे में प्रशासन का कहना है कि उन्होंने शासकीय संपत्ति को खुर्द-बुर्द करके गबन किया। इसी राशि से इन्होंने एशो-आराम की लग्जरी वस्तुएं खरीदी। साथ ही प्लॉट और फॉर्म हाउस जैसी कई संपत्तियां भी इन्होंने खरीदी। यदि यह संपत्ति बेच देते हैं, तो फिर भविष्य में इनसे शासकीय राशि की वसूली करना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए जरूरी था कि संपत्ति की कुर्की की जाए और सरकारी गबन की राशि को वसूल किया जा सके।