गडकरी ने राजस्थान में 5600 करोड़ रु की सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया
राजस्थान से ब्यूरो प्रमुख गोपेन्द्र नाथ भट्ट की विशेष रिपोर्ट
जयपुर/नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर पर चुटकी लेते हुए कहा है कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राज मार्ग मंत्री नितिन गडकरी की तरह मोदी सरकार के अन्य मंत्रियों को भी गडकरी जी की तरह सबकी सुननी चाहिए और उनके काम भी करने चाहिए।
यह वाकिया केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आज मंगलवार को दक्षिणी राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले की यात्रा का है। गडकरी ने यहां करीब 5600 करोड़ रु की सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस समारोह में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर विशिष्ठ अतिथि के रूप में वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा जुड़े थे।
कृषि मंत्री तोमर ने अपने भाषण में नितिन गडकरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश भर में सड़क परियोजनाओं को सिरे पर चढ़ा कर गडकरी जी ने एक कीर्तिमान स्थापित किया है और वे सिर्फ अपनी पार्टी ही नहीं बल्कि सभी पार्टियों के सांसदों की सुनते है और उनके काम भी करते है।
मुख्यमंत्री गहलोत तोमर की इस बात को ले उड़े और जब उनके बोलने की बारी आई तो उन्होंने राजस्थान की सड़क परियोजनाओं के लिए गडकरी को धन्यवाद दिया और उनकी तारीफ भी की । साथ ही तोमर द्वारा कही गई बात का जिक्र करते हुए कहा कि जो बात उन्होंने गडकरी सा के लिए कही है उससे मैं पूरी तरह सहमत हूं लेकिन तोमर साहब मैं चाहूंगा कि आप अपनी सरकार के दूसरे मंत्रियों से भी कहें कि वे गडकरी जी की तरह सबकी सुने और काम भी करे।
दरअसल गहलोत ने यह बात कह कर एक तीन से कई निशाने किए हैं। इस बहाने उन्होंने अप्रत्यक्ष राय से सबसे बड़ा निशाना अपने गृहनगर के सांसद और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर साधा है जो कि गहलोत के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बावजूद पूर्ववर्ती मुख्य मंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के कार्यकाल में बनी पूर्वी राजस्थान के तेरह जिलों के लोगों को पेयजल एवं सिंचाई सुविधा से लाभान्वित करने वाली करीब 50 हजार करोड़ रु की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को मंजूरी प्रदान नही कर रहे हैं। पानी की कमी वाले राजस्थान और मध्य प्रदेश की नदियों को जोड़ने वाली इस महत्वपूर्ण परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना भी घोषित नहीं किया जा रहा है। गहलोत कई बार कह चुके है कि वे राजस्थान के है इस लिहाज से उन्हें प्रदेश वासियों का दर्द समझ प्रधान मंत्री जी से विशेष अनुरोध कर इसे मंजूरी दिलाने आगे आना चाहिए। कुछ दिनों पहले शेखावत का एक वीडियो भी वायरल हो रहा था जिसमें वे कह रहे थे कि अबकी बार राठौड़ सा (राजस्थान विधानसभा में भाजपा के प्रतिपक्ष नेता) का राज बनवा दो ईआरसीपी का सारा पैसा दे दूंगा।
मुख्यमंत्री गहलोत प्रायः अपनी सटीक टिप्पणियों से सभी का ध्यान आकर्षित करते है। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने केंद्रीय मंत्री गडकरी की सराहना की हो वे पहले भी कई बार राजस्थान की सड़को में विशेष रुचि लेने के लिए गडकरी की तारीफ कर उनका आभार जता चुके है। गहलोत ने गडकरी से माफी मांगते हुए कहा कि वे प्रतापगढ़ के कार्यक्रम में अवश्य भाग लेते लेकिन उनके पैर में फ्रेक्चर है इसलिए वे इसमें नही आ सकें। बहरआल गहलोत के आज के बयान की चर्चा सभी ओर हों रही हैं।
इधर केन्द्रीय और किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के दिल्ली कार्यालय द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि सड़कों की क्रांति के मामले में आज जितने भी काम देश भर में हो रहे हैं, उसका बड़ा श्रेय गडकरी को जाता है। केंद्र एवं राज्यों के समन्वय से जनहित में अनेक निर्माण से समृद्धि एवं विकास के द्वार खुल रहे हैं। आज 5,600 करोड़ रु. के निवेश से 11 राजमार्ग परियोजनाओं की सौगातें लाखों लोगों को मिली है, जिनमें चंबल नदी पर हाई लेवल ब्रिज का निर्माण भी शामिल है।
विज्ञप्ति में बताया गया कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, ने मण्डरायल (सबलगढ़-करौली अनुभाग) में चंबल नदी पर हाई लेवल ब्रिज सहित 5,600 करोड़ रु. की विभिन्न परियोजनाओं का आज समारोहपूर्वक लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। यह कार्यक्रम केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आतिथ्य में हुआ।
इस अवसर पर तोमर ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों के सहयोग से, सबलगढ़ और करौली को जोड़ने वाले 3 किलो मीटर लंबाई का पुल 127 करोड़ रु. में बनकर तैयार हुआ है। तोमर ने कहा कि मुरैना जिले के अटार घाट पर यह हाई लेवल पुल बनने से म.प्र. व राजस्थान की कनेक्टविटी हो गई है। उन्होंने कहा- इस पुल से इन दोनों राज्यों के निवासियों के साथ ही छोटे व्यापारियों को भी काफी फायदा होगा।
तोमर ने कहा कि यह पुल बनने से पूर्व मुरैना जिले के लोगों को करौली जिले में स्थित कैलादेवी मंदिर के दर्शन के लिए 100 किलोमीटर से ज्यादा का चक्कर लगाकर जाना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें सुविधा हो जाएगी। उक्त जगह बारिश के समय स्टीमर से छोटे वाहनों का आवागमन होता था, जो सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त नही था एवं गर्मी व सर्दी के समय पीपा वाले पुल से छोटे वाहनों का आवागमन होता था। उक्त पुल से राजस्थान के लोगों को कूनो नेशनल पार्क से भी अब सीधी कनेक्टिविटी मिल जाएगी।
समारोह को करौली धोलपुर सांसद डॉ मनोज राजोरिया सहित अन्य जन प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया।