सर्वेशां मङ्गलंभवतु …
ॐ सर्वेशां स्वस्तिर्भवतु, सर्वेशां शान्तिर्भवतु, सर्वेशां पूर्णंभवतु, सर्वेशां मङ्गलंभवतु, लोका: समस्ता: सुखिनो भवन्तु। अर्थात सब का भला हो! सब को शान्ति मिले! सभी को पूर्णता हासिल हो! सब का मंगल हो! सारे लोक सुखी हों!
इस श्लोक का एक वाक्य “सर्वेशां मङ्गलंभवतु” यानि सब का मंगल हो…जैसे कई कदम मंगलवार 4 जुलाई 2023 को मध्यप्रदेश सरकार ने आगे बढ़ाए। दिन की शुरुआत में सबसे पहले कैबिनेट की बैठक में आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मिनी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय में वृद्धि का प्रस्ताव पारित हो गया। इसके बाद दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के युवाओं को समर्पित कर दी। इसके तहत 18 से 29 साल के सभी युवाओं के लिए काम सीखने के साथ स्टायफंड का प्रावधान है। दोपहर बाद फिर सरकार ने मध्यप्रदेश के संविदाकर्मियों के हित में महत्वपूर्ण घोषणाएं कर उनका दिल जीत लिया। हालांकि चुनावी साल में सरकार के अलग-अलग वर्गों के हित में लिए गए मंगलदायी फैसलों के पीछे खुद का मंगल हो, यह भाव भी है। और सबके मंगल के फैसले लेने का साहस ही है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यह दावा करने का साहस रख रहे हैं कि काहे का सर्वे सबसे बड़ा सर्वे शिवराज सिंह चौहान है। भारतीय जनता पार्टी भारी बहुमत से जीत रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि आँगनवाड़ी कार्यकर्ता को 3 हजार रूपये वृद्धि के बाद अब 13 हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा और सहायिका एवं मिनी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता को 750 रूपये वृद्धि के बाद प्रतिमाह बढ़ा हुआ मानदेय मिलेगा। आँगनवाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय में प्रतिवर्ष 1000 और आँगनवाड़ी सहायिका एवं मिनी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय में 500 रूपये प्रतिवर्ष की वृद्धि की जाएगी। साथ ही 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर सेवानिवृत्ति के समय आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को एक लाख 25 हजार रूपये और आँगनवाड़ी सहायिका एवं मिनी आँगनवाड़ी कार्यकताओं को एक लाख रूपये दिये जाएंगे।
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और युवाओं के हितों को समान रूप से ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। इससे युवाओं को काम सीखने का मौका मिलेगा और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को स्किल्ड मेनपावर की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। शिवराज का भरोसा है कि मध्यप्रदेश के युवाओं में क्षमता, प्रतिभा और टेलेंट है। उनका कहना है कि मैं युवाओं के सपनों को किसी कीमत पर मरने नहीं दूँगा। उद्योगपति और व्यापारिक संस्थान इन्हें काम सिखाएंगे, तो वे उनके प्रतिष्ठान को मालामाल कर देंगे। योजना के सफल क्रियान्वयन से मध्यप्रदेश आगे बढ़ेगा। सीखो-कमाओ योजना का संक्षिप्त रूप एस.के.वाय अर्थात् स्काय मतलब आसमान है। युवा आगे आएँ, योजना से जुड़ें, आसमान में ऊँची उड़ान भरें और अपने जीवन को सफल और सार्थक बनाये। मैं युवाओं के सपनों को किसी भी कीमत पर मरने नहीं दूँगा। चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं पंख देती है, मैं आज पंख देने आया हूँ और इसीलिए मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना लागू की गई है।
इसके बाद तीसरा फैसला संविदाकर्मियों के हित में आमूलचूल परिवर्तन लाने वाला है। अब संविदा कर्मचारियों के लिए प्रतिवर्ष अनुबंध की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है। सीएम का यह मानना है कि संविदा कर्मचारियों के जीवन की अनिश्चितता दूर करना जरूरी है। अब सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह अवकाश, बीमा, ग्रेच्युटी और अनुकंपा नियुक्ति के लाभ मिलेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश के भव्य भवन का निर्माण हो रहा है और इसकी नींव के पत्थर संविदा कर्मचारी हैं। इन्होंने नियमित कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर और कहीं-कहीं उनसे भी अधिक कार्य किया है। कई अवसर पर जान की बाजी लगाकर दायित्व निभाया और अद्भुत कार्य कर दिखाया। कोविड के दौर में भी संविदा कर्मचारियों ने नागरिकों की जिन्दगी बचाई, जिसे मध्यप्रदेश कभी भुला नहीं पाएगा। संविदा कर्मचारियों की क्षमताएँ, सेवाभाव और कार्यकुशलता किसी से कम नहीं है। इस नाते इनके जीवन की अनिश्चितता को समाप्त करना आवश्यक है। यदि आज मध्यप्रदेश नंबर-वन है तो इसके लिये विभागों में कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों ने आगे बढ़ कर कार्य किया है। ये मध्यप्रदेश के लिए दाएं-बाएं हाथ और दिल की तरह हैं। संविदा कर्मियों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम, वेतन/मानदेय में 90 प्रतिशत के स्थान पर शत-प्रतिशत राशि, स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ,अनुकंपा नियुक्ति का लाभ, रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी की व्यवस्था,विभागों में नियमित पदों पर भर्ती में 50% पदों पर संविदा कर्मचारियों को आरक्षण,मातृत्व अवकाश, आकस्मिक, अर्जित और ऐच्छिक अवकाश जैसे फैसले अब उन्हें नियमित कर्मचारी की तरह फीलगुड कराएंगे।
चुनावी साल के चलते सरकार के ऐसे कल्याणकारी फैसलों का महत्व नकारा नहीं जा सकता। प्रदेश में फिलहाल भाजपा की सरकार है, जो सत्ता में वापसी करना चाहती है। इसके लिए वह सभी लोकहित के फैसले कर रही है, जिससे जनहित भी हो, वापसी कर सरकार भाजपा का हित भी साध सके। तो कांग्रेस भी सत्ता में आने के लिए जहां सरकार पर निशाना साध रही है, तो लोकलुभावन वादों की झड़ी भी लगा रही है। कांग्रेस ने नारी सम्मान योजना के तहत महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह देने का वादा किया तो शिवराज ने लाड़ली बहना योजना के तहत पात्र सवा करोड़ लाड़ली बहनों को एक हजार रुपए देने की शुरुआत की और यह राशि बढ़ाकर तीन हजार रुपए तक करने की बात भी कही। भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना की लांचिंग कर दी है तो कांग्रेस सीखो-कमाओ योजना की टक्कर में बेरोगार प्रकोष्ठ बनाने का वचन दे दिया।
पर फिर वही बात कि भाजपा सरकार के अनुभवी सीएम शिवराज सिंह चौहान ऐसा कोई कोना नहीं छोड़ना चाहते कि जहां कोई हाथ पहुंचने की गुंजाइश बाकी रह सके। इसीलिए युवाओं, महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के साथ ही पिछड़ा वर्ग के हित में सरकार वह सभी फैसले ले रही है, जिसमें “सर्वेशां मङ्गलंभवतु” का भाव सन्निहित है और इसी में “भाजपा सरकार मङ्गलंभवतु” का परिणाम भी सन्निहित है…।