मुख्त्यारनामा पर अब केवल एक हजार रुपए का स्टॉम्प शुल्क
भोपाल: प्रदेश में विकसित सम्पत्ति को डेवलपर और भूमिस्वामी के बीच हुए अनुबंध के आधार पर अलग से बेचने के लिए विकासकर्ता(डेवलपर) को अधिकार देने वाले मुख्त्यारनामा पर अब केवल एक हजार रुपए स्टाम्प शुल्क लगेगा। अभी तक यह शुल्क बेची जाने वाली सम्पत्ति के मूल्य का पांच प्रतिशत था।
वाणिज्य कर विभाग ने इसके लिए पंजीयन अधिनियम में संशोधन कर दिया है। आमतौर पर किसी भूमि पर भवन या हाईराईज इमारते विकसित करने के लिए किसी डेवलपर से भूमिस्वामी अनुबंध करता है। भवन, ईमारत बनाने के बदले में डेवलपर को उसमें से अनुबंध में तय सम्पत्ति बेचने के अधिकार दिए जाते है। इसके लिए भूमिस्वामी डेवलपर को अधिकार देने मुख्त्यारनामा करता है। इससे एक बार सम्पत्ति के विक्रय पर और दूसरी बार अधिकार ट्रांसफर किए जाने पर दोहरा स्टाम्प शुल्क लग रहा था। इसका सीधा भार उपभोक्ताओं पर भी आ रहा था।
मुख्त्यारनामे पर सम्पत्ति के मूल्य का पांच प्रतिशत स्टाम्प शुल्क देना पड़ रहा था। इसके बाद जब डेवलपर अपने हिस्से के भवन बेचता है तो उसे दुबारा स्टाम्प शुल्क देना होता है। इसलिए अब भूखंड पर बने डेवलपर के हिस्से के भवन बेचने के लिए मुख्त्यारनामा के जरिए दिए गए अधिकार पत्र पावर आॅफ अटार्नी के लिए केवल एक हजार रुपए का शुल्क देना होगा।