मोदी मंत्रिपरिषद में फेरबदल अब कभी भी, 12 जुलाई को हो सकता है 12 मंत्रियों का फैसला

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मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में ताकत झोंकती भाजपा!

मोदी मंत्रिपरिषद में फेरबदल अब कभी भी, 12 जुलाई को हो सकता है 12 मंत्रियों का फैसला

नई दिल्ली से गोपेंद्र नाथ भट्ट की खास रिपोर्ट

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहु प्रतीक्षित मंत्रिपरिषद का पुनर्गठन और फेरबदल अब कभी भी हो सकता है। इस बारे में राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में कई प्रकार के कयास परवान पर चढ़े हुए है।

हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने अहम फैसलों की जानकारी कानों कान किसी को भी मालूम नही पड़ने देते और अचानक ही कोई बड़ा और चौंकाने वाले फैसले देश के सामने लेकर आते है लेकिन राजधानी के राजनीतिक सूत्र बता रहे है कि वर्तमान परिस्थितियों में प्रधानमंत्री मोदी अपने मंत्रिपरिषद के अवश्यंभावी फेरबदल में कई मंत्रियों को इनके प्रदर्शन के आधार पर बाहर के रास्ता दिखा सकते है । साथ ही कई नए और युवा चेहरों को भी मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है।

राजधानी नई दिल्ली में आज दिन भर यह चर्चा रही कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बारह जुलाई को करीब बारह मंत्रियों के भाग्य का फैसला कर सकते है। ये बारह मंत्री कौन होंगे जिन्हें बदला जाएगा अथवा वे कौन से मंत्रालय होंगे जिनके विभागों में बदलाव हो सकता है,इस बारे में किसी को कुछ मालूम नही है सिर्फ क़यासों का बाजार ही गर्म हैं।

बताया जा रहा है कि मोदी मंत्रिपरिषद में बारह नए चेहरों को वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के अनुरूप शामिल किया जा सकता है। विशेष कर जिन प्रदेशों में विधान सभा चुनाव होने वाले है,उन प्रदेशों के सांसदों को अवसर मिलने के चांस सबसे अधिक बताए जा रहे है। इसके अलावा राजनीतिक संदेश देने के लिहाज से भी कुछ नए चेहरों के साथ मंत्रिपरिषद का पुनर्गठन होगा।

मोदी मंत्रिपरिषद में एन सी पी प्रमुख शरद पंवार का साथ छोड़ भाजपा का फूल पकड़ने वाले प्रफुल्ल पटेल को और एन डी ए के सबसे पुराने सहयोगी अकाली दल की हरसिमरत कौर तथा बिहार से भाजपा की ओर रुख मिलाने वाले चिराग पासवान के साथ ही अन्य सहयोगी दलों के सांसदों को भी केंद्रीय परिषद ने शामिल करने की चर्चा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तेरह जुलाई को अपनी दो दिवसीय विदेश यात्रा के लिए फ़्रांस प्रस्थान करने वाले है। इसी प्रकार राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू भी तेरह जुलाई की शाम को राजस्थान की राजधानी जयपुर जायेंगी और चौदह जुलाई को राज्य विधान सभा में विधायकों को सम्बोधित करेंगी। 18 जुलाई से अधिक मास है। इस एक माह चलने वाले मल मास में कोई शुभ काम नही किए जाने की परम्परा है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के विदेश से लौट कर आने के बाद बीस जुलाई से संसद का मानसून सत्र है। इस लिहाज़ से बारह जुलाई तक का समय मोदी मंत्री परिषद के अंतिम विस्तार के लिए सर्वदा उपयुक्त माना जा रहा है।