दो मंत्रियों में बढ़ती दुश्मनी!

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सुनी सुनाई

रवीन्द्र जैन

 

दो मंत्रियों में बढ़ती दुश्मनी!
मप्र के दो मंत्रियों के बीच आपसी मतभेद अब कट्टर दुश्मनी में बदलते जा रहे हैं। खबर आ रही है कि एक मंत्री दूसरे मंत्री के बेटे को बलात्कार के मामले में लपेटने की तैयारी में हैं। मंत्री जी के बेटे पर आरोप है कि उसने किसी फार्म हाऊस में लड़की के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध गलत काम किया है। यह बात छुपी रहती। लेकिन दूसरे मंत्री को भनक लगी तो उनके समर्थकों ने यह मामला पुलिस तक पहुंचाया। पुलिस की गोपनीय जांच में इस बात कि पुष्टि हो गई है कि मंत्री के बेटे ने बलात्कार किया है। अब पुलिस पर प्रकरण दर्ज करने का दबाव है। इधर भोपाल में दोनों मंत्रियों का आमना सामना हुआ तो एक मंत्री ने सख्त लहजे में दूसरे मंत्री से कहा कि मेरे बेटे का जीवन बर्बाद हुआ तो आपके पूरे परिवार को छोडूंगा नहीं।

संत रावतपुरा को चुनाव लड़ने की चुनौती!
मप्र के नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने देश के जानेमाने संत रावतपुरा महाराज को लहार से चुनाव लड़ने की खुली चुनौती दे दी है। रावतपुरा महाराज और डॉ. गोविन्द सिंह का विवाद तीन दशक पुराना है। रावतपुरा महाराज ने लगभग 4 चुनावों में गोविन्द सिंह को हराने हर संभव प्रयास किये। लेकिन सफल नहीं हुए तो छह वर्ष पहले गोविन्द सिंह से समझौता कर लिया था। अब यह समझौता टूटता दिख रहा है। खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रावतपुरा महाराज को लहार से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है। इसके बाद रावतपुरा आश्रम के युवा लहार के गांव गांव में घूमकर महाराज के पक्ष में माहौल बना रहे हैं। इसकी भनक लगते ही गोविन्द सिंह फट पड़े हैं। उन्होंने रावतपुरा महाराज को संत नहीं व्यापारी बताते हुए कहा कि रावतपुरा महाराज ने गरीबों की जमीनें हथिया कर आश्रम बनाये हैं। मजेदार बात यह है कि डॉ. गोविन्द सिंह के स्टाॅफ ने रावतपुरा महाराज की पुरानी फाइलें निकालना शुरु कर दिया है।

कृषि मंत्री पर आरोपों के छीटे
मप्र के कृषि मंत्री कमल पटेल अपने राजनीतिक जीवन के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। हरदा में उनके ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं। अभी तक उनके समाज के युवक आनन्द जाट ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रहा था। आनन्द जाट ने सोशल मीडिया के जरिए मंत्री जी की करोड़ों की वैध अवैध सम्पत्ति से लेकर उनके खिलाफ कथित हत्या के प्रकरण की परतें भी खोलना शुरु कर दिया है। आनन्द के बाद कांग्रेस के केदार सिरोही और मनीष बाबूजी ने मंत्री जी को घेरना शुरु कर दिया है। हरदा में लगभग 9 करोड़ की लागत से बनी नयागांव- उंचेरा सड़क कागज की तरह फटने लगी तो इन कांग्रेसियों ने कमल पटेल पर 70 प्रतिशत कमीशन का आरोप लगाना शुरु कर दिया है।

प्रहलाद के खिलाफ मलैया का मोर्चा!
केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के खिलाफ अब जूनियर मलैया यानि सिद्धार्थ मलैया ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है। इस सप्ताह सिद्धार्थ मलैया दमोह में प्रहलाद पटेल के खिलाफ हुए धरना प्रदर्शन में न केवल शामिल हुए बल्कि उन्होंने माईक से प्रहलाद पटेल को चेतावनी भी दी कि दमोह के दलित परिवार के युवक की आत्महत्या मामले में जांच को प्रभावित करने की कोशिश न करें। युवक के सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने प्रहलाद पटेल के दो समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इससे नाराज प्रहलाद पटेल ने दमोह पुलिस की सुरक्षा लौटा दी थी। प्रहलाद के दबाव में गृहमंत्री ने इस मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी। गृहमंत्री के इस निर्णय के खिलाफ दलित समाज ने इस सप्ताह दमोह में प्रहलाद पटेल के खिलाफ जुलूस निकाला और धरना दिया और प्रदर्शन किया। सिद्धार्थ मलैया के धरने में शामिल होने से साफ संदेश चला गया है कि मलैया परिवार अब प्रहलाद पटेल को खुली चुनौती देगा।

एक विधानसभा में दो आईपीएस सक्रिय!
मप्र में मुरैना जिले की सबलगढ विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश के दो आईपीएस अफसर सक्रिय हो गये हैं। दोनों का अंतिम लक्ष्य यहां से चुनाव लड़ना बताया जा रहा है। मजेदार बात यह है कि यह दोनों आईपीएस अभी सेवा में हैं। प्रदेश के सबसे वरिष्ठ आईपीएस पुरूषोत्तम शर्मा ने जौरा से चुनाव लड़ने के लिए राज्य सरकार को अपना त्यागपत्र भी भेजा लेकिन सरकार ने शर्मा के खिलाफ लंबित जांच के कारण उसे नामंजूर कर दिया है। डबरा के रहने वाले शर्मा ने जौरा में बसने और चुनाव लड़ने का पूरा मन बना लिया है। उनकी तैयारी भी चल रही है। इसी बीच एक और आईपीएस महेन्द्र सिंह सिकरवार भी जौरा में सक्रिय दिखाई दिए। उन्होंने अभी तक का सबसे बड़ा स्वास्थ्य केन्द्र जौरा के बागचीनी क्षेत्र में लगवाया। बड़ी संख्या में लोगों को भोजन भी कराया। सिकरवार ने अभी राजनीति में आने के पत्ते नहीं खोले हैं। लेकिन मुरैना सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर से उनकी नजदीकी से लग रहा है कि सिकरवार भी एनवक्त पर मैदान में उतर सकते हैं। सिकरवार फिलहाल आईजी रेल हैं। उनके रिटायरमेंट में एक वर्ष बाकी है।

गृहमंत्री के खिलाफ काछी उम्मीदवार की तलाश!
मप्र कांग्रेस ने इस बार गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ अभी से रणनीति बनाने की तैयारी शुरु कर दी है। अभी कांग्रेस इस सीट पर संघ से जुड़े अवधेश नायक को टिकट देने का मन बना रही थी। लेकिन अब खबर आ रही है कि सर्वे के आधार पर कांग्रेस ने दतिया में किसी काछी उम्मीदवार की तलाश शुरु कर दी है। इस सीट पर लगभग 18 हजार काछी मतदाता है जो कि एक तरफा वोटिंग करते हैं। सर्वे के अनुसार काछी मतदाता नरोत्तम मिश्रा से खुश नहीं हैं। यदि उनके समाज को कांग्रेस टिकट देती है तो काछी समाज एकजुट होकर कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर सकता है। इसका फायदा ग्वालियर चंबल की अन्य सीटों पर भी मिल सकता है।

और अंत में….!
मप्र में कांग्रेस पार्टी ने अगले विधानसभा चुनाव में अपने मौजूदा लगभग 35 विधायकों के टिकट काटने की तैयारी कर ली है। कमलनाथ के गोपनीय सर्वे के आधार पर इन विधायकों की सूची तैयार हो गई है। पिछले एक वर्ष से कमलनाथ इन कमजोर विधायकों को समझा रहे थे कि अपने क्षेत्र पर फोकस करो। लेकिन अब उम्मीद की जा रही है कि जल्दी कमलनाथ इन लगभग 35 विधायकों को उनकी सर्वे रिपोर्ट दिखाकर टिकट न देने के फैसले की जानकरी दे सकते हैं। इन सीटों पर नये जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश भी शुरु हो गई है।