सत्ता पक्ष मुखर और विपक्ष मौन…!

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सत्ता पक्ष मुखर और विपक्ष मौन…!

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को अब चंद महीने ही रहे हैं। इस बीच दोनों ही प्रमुख राजनैतिक दलों भाजपा और कांग्रेस में गतिविधियां तेज हो गईं हैं। भाजपा संगठन और सरकार जहां चिल्ला-चिल्लाकर केंद्र की मोदी सरकार और मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में लगे हैं, तो विपक्ष यानि कांग्रेस ने अब सरकार की नीतियों का विरोध करने और सत्ता पाने के लिए मौन रहने का फैसला किया है। वैसे 11 जुलाई मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन था। और उम्मीद के मुताबिक विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। तो विधानसभा प्रांगण में अध्यक्ष गिरीश गौतम की मंशा के अनुरूप मंदिर में स्थापित की गईं मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हुए प्रसाद वितरण में पक्ष-विपक्ष दोनों दलों की उपस्थिति दर्ज हुई। पर राजधानी भोपाल में 11 जुलाई 2023 की सबसे बड़ी राजनैतिक गतिविधि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का प्रदेश भाजपा कार्यालय आकर चुनावी बिगुल फूंकने पार्टी के चुनिंदा सबसे ताकतवर एक दर्जन नेताओं के साथ मैराथन बैठक का आयोजन रहा। अब मध्यप्रदेश में चुनावी राजनीति गली-गली में नजर आ रही है। चार माह बाद वह तस्वीर पूरी तरह से साफ नजर आएगी, जो फिलहाल धुंधली-धुंधली सी है।
सरकार मुखर है और सभी वर्गों को वह सब कुछ दे रही है जो संभव है। लाड़ली बहनों को अब हर महीने की दस तारीख याद रहेगी। दो माह से सवा करोड़ लाड़ली बहनों को भैया शिवराज एक-एक हजार रुपए प्रति माह सीधे खाते में जमा कर रहे हैं। यह राशि बढ़ाकर 1500 तो होनी है और 3000 रुपए तक करने की योजना शिवराज सरकार की है। अभी लाड़ली बहनों की संख्या भी बढ़नी है। 25 जुलाई से वंचित लाड़ली बहनें अपना आवेदन जमा करेंगी। अब डेढ़ करोड़ महिला आबादी यदि लाड़ली बन शिवराज सरकार को आशीष देगी, तब चुनाव परिणामों का अंदाजा लगाया जा सकता है। खैर हर दिन हर वर्ग के लिए सरकार कुछ न कुछ फैसला कर रही है। एक इस फैसले पर भी नजर डालें तो पंचायत पदाधिकारियों के मानदेय और अन्य सुविधाओं में वृद्धि की गई है। जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा उप सरपंच एवं पंच के मानदेय में लगभग 3 गुना की वृद्धि शिवराज सरकार ने की है।
जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 11 हजार 100 से बढ़ाकर 35 हजार रूपए तथा वाहन भत्ता 43 हजार से बढ़ाकर 65 हजार रूपए। अब जिला पंचायत अध्यक्ष को 54 हजार 100 रूपए प्रतिमाह के स्थान पर एक लाख रूपए प्रतिमाह मानदेय और वाहन भत्ता। जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 9 हजार 500 से बढ़ाकर 28 हजार 500 रूपए तथा वाहन भत्ता 9 हजार से बढ़ाकर 13 हजार 500 रूपए किया जा रहा है। अब जिला पंचायत उपाध्यक्ष को 18 हजार 500 प्रतिमाह के स्थान पर 42 हजार रूपए प्रतिमाह मानदेय और वाहन भत्ता। जनपद पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 6 हजार 500 से बढ़ाकर 19 हजार 500 रूपए प्रतिमाह। जनपद पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 4 हजार 500 रूपए से बढ़ाकर 13 हजार 500 रूपए प्रतिमाह।सरपंच का मानदेय 1 हजार 750 प्रतिमाह से बढ़ाकर 4 हजार 250 रूपए प्रतिमाह।उप सरपंच एवं पंच का 600 रूपए वार्षिक 3 गुना बढ़ाकर 1800 रूपए। तो सरकार वह सब करने को तैयार है, जो सत्ता में वापसी के लिए जरूरी है। तो भाजपा सरकार के काम और संगठन द्वारा सरकार के कार्यों को मुखरता से जन-जन तक पहुंचाने का काम लगातार जारी है।
वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने अब सरकार पर हमला बोलने के लिए मौन को अपना अस्त्र बनाने का फैसला किया है। 12 जुलाई को मौन रहकर कांग्रेस नेता जन-जन के मन तक खामोशी से आहट देने की कोशिश करेंगे। कांग्रेस का एक दिवसीय विशाल मौन सत्याग्रह 12 जुलाई को भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में आयोजित होने वाला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, अभा कांग्रेस के महासचिव और प्रदेश प्रभारी जे.पी. अग्रवाल एवं मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की उपस्थिति में 12 जुलाई 2023 को सुबह 10 बजे से 5 बजे तक केंद्र एवं प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ एक दिवसीय मौन सत्याग्रह प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय प्रांगण के सामने किया जायेगा। मौन सत्याग्रह में कांग्रेस विधायकगण, कांग्रेस के वरिष्ठ नेतागण, पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी उपस्थित रहेंगे। कांग्रेस का मानना है कि अभा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र की भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अड़ानी के संबंधों पर सवाल उठाकर उन्हें उजागर करते रहे हैं। इसीलिए भाजपा द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ कुटिल कदम उठाकर उनकी लोकसभा से सदस्यता को अयोग्य घोषित कर दिया गया।
सत्ता के दुरूपयोग के खिलाफ सच्चाई और साहस के साथ अपनी लड़ाई लड़ने और जनता के मुद्दे उठाने में राहुल गांधी हमेशा आगे रहते हैं। कांग्रेस का अपनों से ही आह्वान है कि देश और प्रदेश की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुये अब समय आ गया है कि हम एक साथ खड़े हो, और अपनी आवाज को बुलंद कर बतायें कि राहुल गांधी आप अकेले नहीं, करोड़ों कांग्रेसजन और आमजन सच्चाई और न्याय की लड़ाई में आपके साथ खड़े हैं। कमलनाथ ने प्रदेश की जनता और कांग्रेसजनों से अपील की है कि सच्चाई और न्याय की इस लड़ाई में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर जनविरोधी भाजपा सरकार के खिलाफ आयोजित कांग्रेस पार्टी का मौन सत्याग्रह को सफल और प्रभावी बनायें ताकि आपकी एक आवाज मप्र विधानसभा से लेकर संसद तक गूंजे। और आईयें, आज हम सब मिलकर इस सत्याग्रह के माध्यम से गूंगी, बहरी सकरार की उखाड़ फेंकने का संकल्प लें।
तो कांग्रेस मौन रहकर भाजपा की मुखर सरकार और संगठन पर हमला बोल रही है। पर मौन रहना भी कांग्रेस की मदद कर पाएगा या मुखर सरकार और भाजपा संगठन ही बाजी मारेंगे, यह वक्त की मुट्ठी में कैद है। आने वाले समय में वक्त अपनी मुट्ठी खोलकर सच को कैद से मुक्त कर देगा…।