Bail to Suspended SDM : छात्राओं से छेड़छाड़ और अश्लीलता मामले में SDM को जमानत!
Jhabua : ट्राइबल गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं से कथित अश्लील हरकत के मामले में जेल गए झाबुआ के निलंबित एसडीएम सुनील कुमार झा को आज पाक्सो कोर्ट ने राहत दी। विशेष न्यायाधीश आरके शर्मा ने आरोपी सुनील कुमार झा को जमानत दे दी। वरिष्ठ अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी मनीषा मुवेल ने जानकारी दी कि पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने आरोपी को 40 हजार के मुचलके पर सशर्त जमानत दी है।
अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी ने बताया कि छात्रावास में निरीक्षण के दौरान एसडीएम झा के साथ पंकज पिता रामचंद्र (ड्रायवर), अमर सिंह डुडवे (सैनिक), ज्ञानेन्द्र प्रकाश ओझा (अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक शिक्षा विभाग) साथ में थे। इनके द्वारा शपथ पत्र दिया गया कि हमने एक घंटे में तीन स्थानों का निरीक्षण किया था। कहीं भी सुनील कुमार झा ने किसी छात्रा के साथ कोई अश्लील हरकत या व्यवहार नहीं किया। इन तीनों के शपथ पत्र के आधार पर कोर्ट ने निलंबित एसडीएम जमानत अर्जी स्वीकार कर ली।
राजनीतिक साजिश का संदेह
यह भी जानकारी मिली कि निलंबित एसडीएम राजनीतिक साजिश का शिकार हुए हैं। सुनील कुमार झा मामले में शुरू में ही यह आशंका व्यक्त की गई थी कि संभव है कि वे किसी साजिश का शिकार हुए हैं। आज जिस आधार पर उन्हें जमानत मिली, उससे यह काफी हद तक साबित भी हो गया। बताया जाता है कि कलेक्टर ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि वे जब भी दौरे पर जाएं उचित मूल्य दुकान, स्कूल और छात्रावासों की जांच जरूर करें।
जो पूछताछ की वो जांच का हिस्सा
घटना वाले दिन रविवार को भी वे एक ट्राइबल गर्ल्स हॉस्टल की जांच करने गए थे। वहां रह रही छात्राओं को सिकल सेल एनीमिया की शिकायत तो नहीं है, इसलिए उन्होंने उनके खाने-पीने की जानकारी लेने के अलावा सेनेटरी पैड के बारे में भी पूछताछ की, जो उनकी जांच का हिस्सा है। इसे भले ही अश्लीलता की श्रेणी में लिया गया हो, पर गर्ल्स होस्टल्स में जांच के दौरान इस तरह की जानकारियां ली जाती है। क्योंकि, उन्हें यह सुविधाएं शासन की तरफ से उपलब्ध कराई जाती है, तो उन्हें मिल रही है या नहीं! कोर्ट में पेश किए गए शपथ पत्रों में किसी अश्लील हरकत का जिक्र नहीं है।
समझा जा रहा है कि संभवत छात्राओं से बातचीत में जांच के दौरान अधीक्षिका की कोई अनियमितता सामने आई होगी। उसी से बचने के लिए यह साजिश रची गई और लड़कियों के साथ अश्लीलता को मुद्दा बनाकर कलेक्टर को शिकायत की गई और रात को 3 बजे एफआईआर दर्ज कराई गई। निलंबित एसडीएम के खिलाफ हुई इस साजिश के पीछे कुछ नेताओं का भी हाथ बताया जा रहा है, जो एसडीएम से कई कारणों से नाराज थे।